Vijaya Vasave Ki Kahani: तीन बार खुदकुशी की कोशिश के बाद ठानी शान से जीने की सौगंध, आज महाराष्ट्र की पहली ट्रांस वुमन फॉरेस्ट गार्ड हैं विजया वसावे
Vijaya Vasave Wikipedia: विजया वसावे आदिवासी समुदाय से आती हैं। वह महाराष्ट्र की पहली ट्रांस वुमन फॉरेस्ट गार्ड के तौर पर जानी जाती हैं। आइए जानते हैं उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी।;
First Trans Woman Forest Guard Vijaya Vasave: हमारे समाज में आज भी लिंग भेद (Gender Discrimination) की समस्या अपनी मजबूत जड़े जमाए हुए है। जिनमें से एक ऐसा भी वर्ग है जो महिला और पुरुष के लैंगिक भेद के साथ एक तीसरे वर्ग में गिना जाता है, जिसे थर्ड जेंडर (Third Gender) कहते हैं। इस वर्ग को समाज में आज तक सबसे अधिक उपेक्षा सहने को मिली है। इस दुनिया में कई ऐसे लोग हैं, जीवन में जन्मजात मिली इस समस्या को मात देते हुए एक नई पहचान कायम की।महाराष्ट्र की विजया वसावे (Vijaya Vasave) भी उनमें से एक हैं, जिन्होंने लोगों के तानों का मुंह तोड़ जवाब दिया।
वह महाराष्ट्र की पहली ट्रांस वुमन फॉरेस्ट गार्ड (Maharashtra First Trans Woman Forest Guard) के तौर पर जानी जाती हैं। महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले (Nandurbar) की रहने वाली तथा लैंगिक पहचान के कारण कठिनाईयों और पीड़ा झेलने वाली विजया वसावे ने न केवल हर बाधा को पार किया बल्कि राज्य की पहली ट्रांसजेंडर महिला वन रक्षक बनकर सम्मानजनक जीवन जीने का साहस भी दिखाया। वसावे ने पुणे स्थित ’कर्वे इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल सर्विस’ से सामाजिक कल्याण में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। आइए जानते हैं पहली ट्रांसजेंडर महिला वन रक्षक विजया वसावे के बारे में-
आदिवासी समुदाय से आती हैं विजया वसावे (Vijaya Vasave Kaun Hai In Hindi)
विजया वसावे आदिवासी समुदाय से आती हैं। नंदुरबार जिले की रहने विजया ने अपनी स्कूलिंग जिले में स्थित आदिवासी छात्रों के लिए बने आवासीय स्कूल से की है। इस दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने बिना रुके अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वह नासिक के एक कॉलेज में दाखिला लेकर आगे की पढ़ाई की। आगे की पढ़ाई के लिए पुणे के कर्वे इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस से सामाजिक कल्याण में मास्टर्स की स्टडी पूरी की। पढ़ाई के साथ ही सरकारी नौकरी की तैयारी भी करती रहीं।
अपनी हिम्मत और मेहनत से हासिल की सरकारी नौकरी
विजया वसावे ने अपनी शारीरिक रूप को एक कमी के बजाय एक ताकत के तौर पर लोगों के सामने मिसाल पेश की। जो लोग उनका मजाक उड़ाते थे उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए उन्होंने पढ़ाई के साथ ही सरकारी नौकरी की तैयारी की। साल 2023 में आयोजित होने वाली पुलिस भर्ती परीक्षा में विजया ने हिस्सा लिया था लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बाद उन्होंने फॉरेस्ट गार्ड के आवेदन कर तैयारी में जुट गई है। इस बार उनकी मेहनत रंग लाई उन्होंने लिखित परीक्षा के साथ फिजिकल टेस्ट पास कर सफलता हासिल की। फॉरेस्ट गार्ड के रूप में उन्हें अपनी पहली पोस्टिंग अक्कलकुवा तहसील में ज्वाइन करने का मौका मिला।
दुनिया के तानों से तंग आकर विजया ने की थी जान देने की कोशिश
समाज के तानों ने विजया को भीतर तक इस तरह से तोड़ दिया था कि उन्होंने जान देने तक की कोशिश कर डाली। विजय बताती हैं कि लोगों की बातों और तानों को सुनकर वह इतना परेशान हो गई थीं कि उन्होंने एक नहीं बल्कि तीन बार खुदकुशी की कोशिश की थी। विजया ने बताया कि लोग उनका और उनके चाल ढाल का खूब मजाक उड़ाते और ठहाके लगा कर हंसते थे। असल में विजया ने पुरुष के रूप में जन्म लिया था। लेकिन उनकी चाल ढाल और शरीर किसी महिला का सा नजर आता था। यही वजह थी कि अक्सर लोगों के बीच वह अपने शारीरिक बनावट की वजह से मजाक का हिस्सा बन जाया करती थी।
इसके बाद उन्होंने इस विषय के बारे में जानकारी एकत्र की और महिला बनने का फैसला लिया। इस निर्णय में उनके परिवार ने सपोर्ट किया और वह एक ट्रांसजेंडर बन गईं। आज समाज के इस तीसरे वर्ग की मजबूत पैरोकार बनकर लोगों के सामने मिसाल बन चुकी हैं विजया वसावे।