Manjulika Real Story: क्या सच है भूल भुलैया की मंजुलिका की कहानी, आज भी यहाँ भटकती है उसकी आत्मा
Real Story Of Manjulika: फिल्म भूल भुलैया में जिस मंजुलिका की कहानी को पर्दे पर विद्या बालन ने निभाया था वो सच है। आइये जानते हैं क्यों यहाँ आज भी उसके घुँघरू की आवाज़ आती है।
Real Story Of Manjulika: फिल्म भूल भुलैया प्रियदर्शन द्वारा निर्देशित साल 2007 की भारतीय कॉमेडी हॉरर फिल्म है। इस फिल्म को उस साल की सबसे सफल फिल्मों में से एक माना जाता है। वहीँ ये फिल्म साल 1993 की मलयालम फिल्म 'मणिचित्राथज़ु' का आधिकारिक रीमेक है। इस फिल्म की कहानी को जहाँ लोगों ने पसंद किया वहीँ अक्षय कुमार और विद्या बालन की एक्टिंग को भी काफी सराहना मिली। लेकिन क्या आपको पता है कि भूल भुलैया की मंजुलिका की कहानी सच है। आइये विस्तार से जानते हैं।
सच है भूल भुलैया की मंजुलिका की कहानी
कई बंगाली किंवदंतियों पर आधारित मंजुलिका की कहानी सच है। भूल भुलैया फिल्म में अक्षय कुमार और विद्या बालन की एक्टिंग को जहाँ सभी ने पसंद किया था और ये फिल्म बहुत बड़ी हिट रही थे वहीँ फिल्म में दिखाया गया विद्या बालन अभिनीत मंजुलिका की कहानी सही है। इस फिल्म में "मंजुलिका" की आत्मा विद्या बालन में आ जाती है वहीँ इसको लेकर कई कहानियां मौजूद है।
मंजुलिका की कहानी काफी हद तक बंगाली किंवदंतियों का हिस्सा है। और इन कहानियों के अनुसार, वो एक सुंदर बंगाली नर्तकी थी, जो एक बहुत ही गरीब परिवार से थी और उसे उसके देश से अपहरण कर लिया गया था और अब राजस्थान ले जाया गया, जहाँ उसने हिंदी सीखी और शशिधर से मिली। वो दोनों नृत्य में पारंगत थे और फिर धीरे-धीरे एक-दूसरे से प्यार करने लगे, लेकिन वो इतनी खूबसूरत थी कि राजा को भी उससे प्यार हो गया। मंजुलिका कई कारणों से राजा से नफरत करती थी और जब राजा ने उससे शादी का प्रस्ताव रखा तो उसने उससे शादी करने से इनकार कर दिया। मंजुलिका और उसका प्रेमी भागने की योजना बना रहे थे, और उन्होंने राजा के लिए आखिरी नृत्य किया। उनके भागने की खबर राजा को मिल गयी थी। शशिधर जो मंजुलिका का प्रेमी भी था उसने राजा को प्रणाम किया और राजा ने उसका सिर काट दिया। मंजुलिका ने फिर भी शादी करने से इनकार कर दिया, इसके बाद राजा ने उसे कैद कर लिया और आखिरकार एक दिन मंजुलिका ने आत्महत्या कर ली।
उसने एक पत्र लिखकर कहा कि उसने कसम खाई है कि वो किसी भी राजा को उस महल में जीवित नहीं रहने देगी। उसकी मृत्यु के कुछ ही दिन बाद राजा की मृत्यु हो गयी। लेकिन उनकी मृत्यु का कारण अज्ञात रहा। इस कहानी को एक दुखद प्रेम कहानी बना दिया गया है। इस तरह 2007 में भूल बुलाइया ने इस कहानी को अपने कथानक में ढाला।
कहते हैं कि आज भी उस महल में मंजुलिका के घुंघरू की आवाज़ आती है। आपको क्या लगता है क्या वाकई में मंजुलिका की ये कहानी सच है या ये बस लोगों की सुनी सुनाई कहानी मात्र है।