Migraine Treatment In Hindi : क्यों होता है माइग्रेन, जानें इसके लक्षण और आसान घरेलू इलाज
Migraine Treatment In Hindi : माइग्रेन एक ऐसी बीमारी है, जिसमें ज्यादातर सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है। और कभी-कभी ये सिरदर्द पूरे सिर में भी हो सकता है।
Migraine Treatment In Hindi : अधकपारी या माइग्रेन(Migraine) एक असहनीय पीड़ा देने वाली बीमारी है। माइग्रेन में बार-बार हल्ले से दर्द शुरू होकर गंभीर रूप ले लेता है। और अक्सर इसके साथ कई स्वैच्छिक तंत्रिका तंत्र से संबंधित लक्षण भी होते हैं। आमतौर पर इस तरह का सिरदर्द(Sir Dard Ka Ilaj) एक हिस्से को प्रभावित करता है और इसकी प्रकृति धुकधुकी जैसी होती है जो 2 से लेकर 72 घंटों तक बनी रहती है।
सिरदर्द कैसा भी हो हमारी दिनचर्या को प्रभावित करता ही है। आज-कल की भाग दौड़ और तनावपूर्ण जिंदगी में सिरदर्द की शिकायत आम हो गयाी हैं। कभी-कभी यही दर्द विकराल रूप लेकर माइग्रेन (Migraine Symptoms In Hindi) बन जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि क्या है माइग्रेन और इसके लक्षण साथ ही आपको कुछ घरेलू उपायों के बारे में भी बताएंगे। इन घरेलू उपायों को अपनाकर इस बीमारी से आप निजात पा सकते हैं
क्या है माइग्रेन(Kya Hai Migraine)
माइग्रेन एक ऐसी बीमारी है, जिसमें ज्यादातर सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है। और कभी-कभी ये सिरदर्द पूरे सिर में भी हो सकता है। माइग्रेन का दर्द धीरे-धीरे शुरू होता है। कुछ मिनटों से लेकर कुछ दिनों तक यह दर्द बना रह सकता है। माइग्रेन को एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति माना जाता है। इस तरह के दर्द में कुछ लोगों को उल्टी आने या गैस बनने जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।
ध्यान रखने योग्य बातें(Dhyan Rakhne Yogya baten)
इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि हर सिरदर्द माइग्रेन नहीं होता है। अगर आपके सिर में लगातार दर्द रहता है। या सिरदर्द के साथ अन्य अन्य समस्याएं भी सामने आ रही हैं तो एक बार संबंधित डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें। भी कभी कभी ये सारे लक्षण किसी गंभीर बीमारियों के भी हो सकते हैं। माइग्रेन के दर्द में अपनी मर्जी से कोई भी पेन किलर (दर्द की दवा) लेने से बचना चाहिए।
माइग्रेन के प्रकार(Types Of Migraine)
माइग्रेन किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। माइग्रेन दो तरह का होता है, क्लासिकल माइग्रेन(classical migraine)और नॉन क्लासिकल माइग्रेन (non classical migraine)। क्लासिकल माइग्रेन में व्यक्ति को दर्द शुरू होने से पहले कुछ लक्षण दिखने लगते हैं वहीं टाइप 2 में यानी नॉन क्लासिकल माइग्रेन में समय-समय पर बहुत तेज सिरदर्द होने लगता है लेकिन इसके कोई दूसरे लक्षण नजर नहीं आते हैं। चिकित्सा पद्धति में माइग्रेन को ज्यादातर आनुवांशिक (genetic) माना जाता है। और यह माइग्रेन की बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। आजकल के तनाव भरी जिंदगी में ये बीमारी आम होती जा रही है।
ये हैं माइग्रेन के लक्षण(Migraine Ke Lakshan)
अगर आप के भी सिर में लगातार र्द बना रहता है तो आपको डॉक्टरी सलाह लेने से पहले इसके लक्षण जान लेने चाहिए। लक्षणों से आप कंफर्म हो जाएंगे कि आपको माइग्रेन ही है। नीचे दिये गये लक्षणों में से अगर आपको कोई भी लक्षण दिखे तो आप को सावधान हो जाना चाहिए। और डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
1- भूख का कम लगना
2- किसी काम में मन नहीं लगना
3- पूरे या आधे सिर में तेज़ दर्द का होना
4- ज्यादा पसीना आना
5- तेज आवाज या रोशनी से घबराहट होना
6- कमजोरी महसूस होना
7- उल्टी आना या जी मिचलाना
8- आंखों में दर्द होना
9- धुंधला दिखाई पड़ना
10- तेज धूप में सिर दर्द
11- भूखे पेट सिरदर्द
12- दर्द के टपकन होना
माइग्रेन के इलाज में काम आएंगे घरेलू उपाय(Home Remedies For Migraine Pain)
माइग्रेन के दर्द से राहत के लिए आप इन घरेलू चीजों को अपना सकते हैं-
देसी घी- माइग्रेन का दर्द दूर करने के लिए रोजाना शुद्ध देसी घी की 2-2 बूंदें नाक में डालें। या आप शुद्ध बादाम के तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं।
लौंग पाउडर- सिर में असहनीय दर्द होने पर आप लौंग पाउडर में नमक मिलाकर दूध के साथ पिएं आराम मिलेगा।
अदरक- 1 चम्मच अदरक के रस में शहद मिला कर पीने से आराम मिलता है।
दालचीनी- दालचीनी कई बीमारियों के लिए रामबाण है। दालचीनी को पानी के साथ पीसकर आधे घंटे तक माथे पर लगाकर रखने से दर्द में आराम मिलता है।
मसाज- सरसों के तेल को हल्का गर्म कर लें। सिर के जिस हिस्से में दर्द हो रहा हो, मालिश करने से आराम मिलता है। साथ ही आप कोई पेन रीलीफ बॉम का भी प्रयोग कर सकते हैं।
इन चीजों से करें परहेज(Migraine Ke Dadr Me In Cheezon Se Kare Parhej)
नमक(Salt) -ज्यादा मात्रा में नमक के सेवन करने से बचें। नमक ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती है जो माइग्रेन का दर्द उभारने के लिए जिम्मेदार है।
कैफीन(Caffeine)-कैफीन खून में 'एडिनोसिन' का स्तर बढ़ाकर माइग्रेन का दर्द पैदा करते हैं। कैफीन युक्त खाद्य-पेय पदार्थ जैसे कॉफी, चाय आदि का सेवन ज्यादा न करें।
शराब(Liquor)- एल्कोहल लेने से बचें। खासकर रेड वाइन में मौजूद सल्फाइट और टैनिन जैसे यौगिक माइग्रेन पीड़ितों के लिए घातक साबित हो सकते हैं।
चॉकलेट(Chocolate) -चॉकलेट खानो से बचें।
फ्रोजन खाद्य सामग्री(Frozen Foods) -फ्रीज की गयी खाद्य सामग्री का रंग और स्वाद बनाए रखने के लिए उनमें नाइट्रेट और नाइट्राइट जैसे प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल किया जाता है। ये प्रिजर्वेटिव माइग्रेन का दर्द के जिम्मेदार हो सकते हैं। इसलिए इन्हें खाने से बचें।
चीज(Cheese)-मस्तिष्क में मौजूद नसों में सिकुड़न और खिंचाव पैदा कर माइग्रेन के दर्द को उभारता है चीज। क्योंकि पारमेजियान, स्विस, चेद्दार और ब्लू चीज में 'टाइरामाइन' नाम का एमिनो एसिड पाया जाता है जो नुकसान देह है ऐसे मरीजों के लिए।
नोट- यह खबर सामान्य जानकारी के आधार पर तैयार की गई है। ऐसे में इन उपायों पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।