Motivational Story: ईश्वर के दर्शन
Motivational Story: अश्वघोष को आश्चर्य हुआ। वह सोच नहीं पा रहे थे कि किसान की खुशी का रहस्य क्या हो सकता है।अश्वघोष ने पूछ ही लिया, "मित्र, तुम्हारी प्रसन्नता का रहस्य क्या है
Motivational Story: अश्वघोष को वैराग्य हो गया। संसार से विरक्त होकर उन्होंने घर-परिवार त्याग दिया। ईश्वर-दर्शन की अभिलाषा में इधर-उधर भटकने लगे।भूखे- प्यासे वह एक किसान के पास पहुंचे। किसान अपने खेत में प्रसन्नचित्त काम कर रहा था। अश्वघोष को आश्चर्य हुआ। वह सोच नहीं पा रहे थे कि किसान की खुशी का रहस्य क्या हो सकता है।अश्वघोष ने पूछ ही लिया, "मित्र, तुम्हारी प्रसन्नता का रहस्य क्या है?"
उसने हंसते हुए उत्तर दिया, "ईश्वर-दर्शन।”यह सुनकर अश्वघोष चौंके। उन्होंने किसान से कहा, "मुझे भी उस परमात्मा का दर्शन कराओ।"किसान ने कहा, "कराता हूँ।"उसने थोड़े चावल निकाले, उन्हें पकाया। फिर उसके दो भाग किये। एक अपने लिए और दूसरा अश्वघोष के लिए। दोनों ने चावल खाए। फिर किसान अपने काम में लग गया। कई दिन का थका होने के कारण अश्वघोष सो गए।
जब वह सोकर उठे तो अद्भुत स्फूर्ति महसूस कर रहे थे। उनके चेहरे पर संतोष का भाव था। किसान ने उन्हें देखकर मुस्कुराते हुए पूछा,"अच्छी नींद आई न?"वह बोले, "हाँ, बहुत दिनों बाद इतना सुख मिला। मैं समझ गया मित्र। कर्म से ही ईश्वर की प्राप्ति होती है। घर से भागकर भटकने से नहीं। तुम दिन-रात मेहनत करते हो, इसलिए सही अर्थों में तुम ही ईश्वर के निकट हो।"
( लेखिका प्रख्यात ज्योतिषाचार्य हैं ।)