Motivational Story in Hindi: धन नही चैन चाहिये...

Motivational Story in Hindi: एक गरीब आदमी था।वो हर रोज नजदीक के मंदिर में जाकर वहां साफ-सफाई करता। फिर अपने काम पर चला जाता था। अक्सर वो अपने प्रभु से कहता कि मुझे आशीर्वाद दीजिए तो मेरे पास ढेर सारा धन-दौलत आ जाए।

Update:2023-06-08 10:21 IST
Motivational Story in Hindi

Motivational Story in Hindi: एक गरीब आदमी था।वो हर रोज नजदीक के मंदिर में जाकर वहां साफ-सफाई करता। फिर अपने काम पर चला जाता था। अक्सर वो अपने प्रभु से कहता कि मुझे आशीर्वाद दीजिए तो मेरे पास ढेर सारा धन-दौलत आ जाए।

एक दिन ठाकुर जी ने बाल रूप में प्रगट हो उस आदमी से पूछ ही लिया नवनीत कि क्या तुम मन्दिर में केवल इसीलिए, काम करने आते हो।

उस आदमी ने पूरी ईमानदारी से कहा कि हां, मेरा उद्देश्य तो यही है कि मेरे पास ढेर सारा धन आ जाए, इसीलिए तो आपके दर्शन करने आता हूं। पटरी पर सामान लगाकर बेचता हूं। पता नहीं, मेरे सुख के दिन कब आएंगे।

बाल रूप ठाकुर जी ने कहा कि तुम चिंता मत करो। जब तुम्हारे सामने अवसर आएगा तब ऊपर वाला तुम्हें आवाज थोड़ी लगाएगा। बस, चुपचाप तुम्हारे सामने अवसर खोलता जाएगा।
युवक चला गया।

समय ने पलटा खाया, वो अधिक धन कमाने लगा। इतना व्यस्त हो गया कि मन्दिर में जाना ही छूट गया।
कई वर्षों बाद वह एक दिन सुबह ही मन्दिर पहुंचा और साफ-सफाई करने लगा।

ठाकुर जी फिर प्रगट हुए और उस व्यक्ति से बड़े ही आश्चर्य से पूछा--क्या बात है, इतने बरसों बाद आए हो, सुना है बहुत बड़े सेठ बन गए हो। वो व्यक्ति बोला--बहुत धन कमाया।

अच्छे घरों में बच्चों की शादियां की, पैसे की कोई कमी नहीं है पर दिल में चैन नहीं है। ऐसा लगता था रोज सेवा करने आता रहूं पर आ ना सका।
व्यक्ति बोला,हे प्रभु आपने मुझे सब कुछ दिया पर जिंदगी का चैन नहीं दिया ?

प्रभु जी ने कहा कि तुमने वह मांगा ही कब था?
जो तुमने मांगा वो तो तुम्हें मिल गया ना।
फिर आज यहां क्या करने आए हो?
उसकी आंखों में आंसू भर आए, ठाकुर जी के चरणों में गिर पड़ा और बोला,”अब कुछ मांगने के लिए सेवा नहीं करूंगा। बस दिल को शान्ति मिल जाए।” ठाकुर जी ने कहा,”पहले तय कर लो कि अब कुछ मागने के लिए मन्दिर की सेवा नहीं करोगे, बस मन की शांति के लिए ही आओगे।”

ठाकुर जी ने समझाया कि चाहे मांगने से कुछ भी मिल जाए पर दिल का चैन कभी नहीं मिलता । इसलिए सेवा के बदले कुछ मांगना नहीं है। वो व्यक्ति बड़ा ही उदास होकर ठाकुर जी को देखता रहा और बोला,”मुझे कुछ नहीं चाहिए।”

आप बस, मुझे सेवा करने दीजिए। सच में, मन की शांति सबसे अनमोल है ।”

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