Motivational Story: संसार कैसा ही हो,उसको छोड़ना है

Motivational Story: संसार कैसा ही हो, उसको छोड़ना है जिसको छोड़ना हो,जिसको ग्रहण करना हो,उसपर भी विचार क्या करें?माँ कैसी ही हो हमारी है |

Report :  Kanchan Singh
Update:2024-06-03 16:50 IST

Motivational Story ( Social Media Photo)

Motivational Story: हम यहाँ रहने वाले नहीं हैं |हम यहाँ आये हैं और यहाँ से जाना है |हम यहाँ पशु-पक्षियों की तरह अपने कर्मों का फल भोगने के लिये ही नहीं हैं।प्रत्युत अपना उद्धार करने के लिये आये हैं।परमात्मा ‘है।संसार ‘नहीं’ है |जो पहले नहीं था,पीछे नहीं रहेगा। वह वर्तमान में भी नहीं है |सब वस्तुएँ ‘नहीं’ में जा रही हैं |संसार का ‘नहीं’-पना ही सिद्ध होता है |साधक का काम है---‘नहीं’ का त्याग कर देना,और ‘है’ में स्थित होना |त्याग तो स्वतः हो रहा है,यह बना रहे।इस इच्छा का त्याग करना है |नहीं’ स्वाभाविक नहीं है,‘है’ स्वाभाविक है |सत् तो अनुभव रूप ही है |अनुभव तो असत्-का ही होता है,सत्-का नहीं |

आप ‘नहीं’ के द्वारा ‘है’ को देखना चाहते हैं,यह गलती है |मन लगने का सबसे बढ़िया उपाय है---उपेक्षा, उदासीनता |न विरोध करें,न समर्थन करें |एकाग्रता करना चाहोगे तो मन एकाग्र नहीं होगा |पहले परमात्मा का लक्ष्य करके फिर लक्ष्य को भी छोड़ दो,नहीं तो त्रिपुटी आ जायगी |परमात्मा कैसा ही हो, वह अपना है |संसार कैसा ही हो, उसको छोड़ना है जिसको छोड़ना हो,जिसको ग्रहण करना हो,उसपर भी विचार क्या करें?माँ कैसी ही हो हमारी है |

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