Motivational Story: जीवन की संतुष्टि
Motivational Story: इच्छाओं का खत्म हो जाना और श्वासों का शेष रहना ही मोक्ष है
Motivational Story: निश्चित ही अपने जीवन में जो संतुष्ट है वह मुक्त भी है।संतुष्टि, व्यक्ति को जीते जी मुक्त करा देती है।संतों का मत है कि इच्छाओं का शेष रहना और श्वासों का खत्म हो जाना ही मोह एवं इच्छाओं का खत्म हो जाना और श्वासों का शेष रहना ही मोक्ष है।आपने अपना जीवन कितनी संतुष्टि में जिया यही आपकी मुक्ति का मापदंड भी है।
महापुरुषों का जीवन इसलिए सफल अथवा वंदनीय नहीं माना जाता कि उन्होंने बहुत कुछ पा लिया है,अपितु इसलिए सफल और वंदनीय माना जाता है, कि,उन्होंने जो और जितना पाया है,बस उसी में संतुलन बनाना और संतुष्ट रहना सीख लिया है।संतुष्टि का अर्थ निष्क्रिय हो जाना नहीं अपितु अपेक्षा रहित परिणाम है।एक संतुष्ट जीवन ही एक सफल जीवन भी कहलाता है।
( लेखक धर्म व अध्यात्म के अध्येता एवं भोजन प्रसाद प्रकल्प के संयोजक हैं।)