Osho Ke Anmol Vichar in Hindi: आदमी जिससे प्रेम करता है, वैसा ही हो जाता है
Osho Ke Anmol Vichar in Hindi: प्रेम अपने से श्रेष्ठ से करना। अपने से निकृष्ट से प्रेम करोगे, तो वैसे ही हो जाओगे। प्रेम रसायन है। जिससे प्रेम करोगे, वैसे ही हो जाओगे।
Osho Motivational Thoughts in Hindi: प्रेम सावधानी से करना। प्रेम अपने से श्रेष्ठ से करना। अपने से निकृष्ट से प्रेम करोगे, तो वैसे ही हो जाओगे। प्रेम रसायन है। जिससे प्रेम करोगे, वैसे ही हो जाओगे।
तुमने देखा जो लोग धन को प्रेम करते हैं, उनके चेहरे पर वैसा ही घिसा—घिसापन दिखायी पड़ने लगता है, जैसे घिसे सिक्कों पर दिखायी पड़ता है। जो लोग नोटों को प्रेम करते हैं, उनके चेहरे पर देखा! वैसे ही घिसे —पिटे नोट की हालत हो जाती है। गंदा! न मालूम कितने हाथों से गया! न मालूम कितने —कितने हाथों से उतरा।
जो आदमी जिसको प्रेम करता है, वैसा ही हो जाता है। कहानियां तुमने पढ़ी होंगी कि जब कोई धनी मरता है, तो सांप होकर अपने खजाने पर बैठ जाता है। वह पहले ही से सांप था। तुम मरने के बाद की बात कर रहे हो! वह पहले ही से सांप बना बैठा था फन मारे। उसका कोई और काम नहीं था।
धनी धन को भोगता थोडे ही है, धन की रक्षा करता है। भोगने की क्षमता ही खो जाती है! भोगने के लिए तो धन को छोड़ने की कला चाहिए।