रिपोर्ट में खुलासा, कोरोना से ऐसे लोगों को मौत का खतरा ज्यादा
कोरोना से बीमार पड़ने पर ओवरवेट लोगों के लिए वेंटिलेटर की जरूरत भी 7 गुना तक अधिक होती है। बॉडी मास इंडेक्स 25 से ऊपर होने पर समझा जाता है कि व्यक्ति का वजन अधिक है।
नई दिल्ली: आमतौर पर शरीर का वजन बढ़ना सेहत के लिए हानिकारक तो होता ही है। लेकिन कोरोना वायरस के कारण चल रही महामारी में अधिक वजन (Overweight) वाले लोगों को मौत का खतरा ज्यादा हो सकता है। हेल्दी लोगों की तुलना में मोटे लोग कोरोना के शिकार जल्दी हो जाते हैं। ब्रिटेन की सरकारी एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
ओवरवेट लोगों के लिए वेंटिलेटर की जरूरत भी 7 गुना
खुलासे में यह भी पता चला है कि कोरोना से बीमार पड़ने पर ओवरवेट लोगों के लिए वेंटिलेटर की जरूरत भी 7 गुना तक अधिक होती है। बॉडी मास इंडेक्स 25 से ऊपर होने पर समझा जाता है कि व्यक्ति का वजन अधिक है। ऐसे लोगों के लिए भी वेंटिलेटर की जरूरत बढ़ सकती है। लेकिन बॉडी मास इंडेक्स 30 से 35 होने पर कोरोना से मौत का खतरा 40 फीसदी बढ़ जाता है।
वजन जितना कम, कोरोना से खतरा उतना कम
रिपोर्ट के अनुसार, बॉडी मास इंडेक्स 25 से ऊपर रहने पर कोरोना से गंभीर बीमार पड़ने का खतरा दोगुना हो जाता है और मौत का खतरा 3 गुना बढ़ जाता है। वेंटिलेटर की जरूरत पड़ने की संभावना सात गुना तक बढ़ सकती है। हालांकि, अधिक वजन की वजह से कोराना से संक्रमित होने का खतरा नहीं बढ़ता। ओवरवेट लोगों के संदर्भ में डॉक्टरों का कहना है कि व्यक्ति अपना वजन जितना किलो कम कर लेगा, कोरोना से खतरा उतना कम हो जाएगा।
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पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिक फैट होने से रेस्पिरेटरी सिस्टम प्रभावित होता है और इससे शरीर का इम्यून सिस्टम पर असर पड़ सकता है। इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर की आशंका को देखते हुए लोगों को अपना वजन घटाना चाहिए।
ब्रिटेन में अब तक 45,700 से अधिक लोगों की मौत
हालांकि, कुछ रिपोर्ट में पता चला है कि लॉकडाउन की वजह से लोग स्नैक्स अधिक खा रहे हैं और एक्सरसाइज कम कर रहे हैं। ब्रिटेन में दो तिहाई लोगों का वजन अधिक है। ब्रिटेन में अब तक कोरोना से 45,700 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और इसके पीछे मोटापा एक कारण हो सकता है। बता दें कि दुनिया में कोरोना के कुल मामलों की संख्या फिलहाल 1.59 करोड़ से अधिक हो चुकी है, जबकि 6.43 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।