Bhog Lagane Ka Niyam: क्या आप भी लगाते हैं भगवान को भोग? जान लें ये बात

Bhog Lagane Ka Niyam: क्या आप जानते हैं कि भगवान को लगाया गया भोग मंदिर में ज्यादा समय के लिए नहीं रखते हैं, जी हां! आइए आपको इसकी वजह बताते हैं।

Update: 2024-06-14 10:37 GMT

Bhog Lagane Ka Niyam: इस दुनिया में एक ही ऐसी जगह है, जहां मनुष्य को सबसे अधिक सुकून मिलता है और वो है मंदिर। जी हां! मंदिर में जितना सुकून और मन को शांति मिलती है, शायद ही उतनी शांति किसी और जगह मिलती होगी, क्योंकि यही वह जगह होती है, जहां इंसान भगवान से अपने मन की बातें करता है और उसके साथ अपने दुख और सुख साझा करता है। लोगों की भगवान पर अटूट आस्था होती है, सभी हिंदू के घरों में एक छोटा सा मंदिर जरूर होता है, जहां सुबह और शाम दिया जलाकर भगवान की पूजा और आराधना करते हैं, साथ ही भोग भी लगाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान को लगाया गया भोग मंदिर में ज्यादा समय के लिए नहीं रखते हैं, जी हां! आइए आपको इसकी वजह बताते हैं।

मंदिर में अधिक समय के लिए न रखें भोग

पूजा के दौरान भगवान को भोग जरूर लगाया जाता है, जिन भगवान को, जो भोग प्रिय होता है, पूजा के दौरान उसे ही प्रसाद के तौर पर चढ़ाया जाता है, वैसे तो बड़ी से बड़ी मंदिरों में लगाए गए प्रसाद को तुरंत ही भक्तों में बांट दिया जाता है, लेकिन जब लोग घर में भगवान को कुछ प्रसाद चढ़ाते हैं तो वह शाम तक पड़ा ही रह जाता है, लेकिन हम आपको बता दें कि प्रसाद को भगवान को चढ़ाने के तुरंत बाद ही हटा लेना चाहिए, क्योंकि मंदिर में बहुत देर तक रखा हुआ प्रसाद अशुद्ध हो जाता है।


जानिए क्यों मंदिर में ज्यादा देर तक नहीं रखना चाहिए प्रसाद

मंदिर में बहुत देर तक प्रसाद क्यों नहीं रखना चाहिए, इसकी भी अपनी एक खास वजह है, कहा जाता है कि मंदिर में बहुत अधिक देर तक प्रसाद रखने से उसमें चांडाली, चंदेश्वर और चांडाशु जैसी नकारात्मक शक्तियां प्रवेश कर जाती हैं, जो प्रसाद को अशुद्ध कर देती हैं। इस वजह से मंदिर में भोग लगाने के 15 मिनट बाद प्रसाद वहां से हटा लेना चाहिए और सबको बांट देना चाहिए।

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भोग लगाने का सही नियम

हिंदू धर्म में कहा जाता है कि भोग के बिना कोई भी पूजा पूरी नहीं होती है, इस वजह से भगवान को भोग लगाना जरूरी होता है। भगवान को भोग लगाने के कुछ खास नियम होते हैं, जिससे भगवान प्रसन्न होते हैं। जी हां! आप जब भी भगवान को भोग लगाएं तो उस दौरान 'त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये. गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर' मंत्र का जाप जरूर करें। साथ ही भगवान के सामने 10-15 मिनट तक प्रसाद रखें और उसके बाद इसे बांट दें, प्रसाद जितने अधिक लोगों को बांटा जाता है, कहा जाता है कि उतना ही पुण्य मिलता है।

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