Premanad Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि एक गलती होने के बाद भी कैसे करें ब्रह्मचर्य का पालन
Premanad Ji Maharaj Motivation: वृन्दावन के प्रेमानंद जी महाराज ने कुछ ऐसी बातें बताईं हैं जिसे अपनाकर न सिर्फ आप अपने जीवन में आगे बढ़ सकते हैं बल्कि ये आपको सदाचरण में रहना भी सिखातीं हैं।
Premanad Ji Maharaj Motivation: वृन्दावन के प्रेमानंद जी महाराज अपने विचारो से आपको काफी प्रभावित कर सकते हैं साथ ही उनकी बताई ज्ञान की बातें हर किसी को आपने भविष्य के लिए भी तैयार करती है। ऐसे में प्रेमानंद जी महाराज ने कुछ ऐसी बातें बताई हैं जिसका ध्यान रखना हर मनुष्य के लिए ज़रूरी है और इससे वो अपनी ज़िन्दगी को बेहतर ढंग से जी सकते हैं।
ब्रह्मचर्य का करें पालन
प्रेमानंद जी महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे उन्होंने कुछ ऐसी बातें बताई हैं जिससे आपकी आयु का नाश नहीं होगा और आप जीवन भी सुखमई हो जाता है। प्रेमानंद जी महाराज ने बहुत छोटी उम्र में ही अपना ग्रह त्याग कर दिया था और अध्यात्म को अपना लिया था। वो इसके बाद कशी में निवास करने लगे। इसके बाद महाराज जी अब वृन्दावन नगरी में रहते हैं और राधा रानी के परम भक्त भी हैं। सोशल मीडिया पर इस समय महाराज जी का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जिसमे वो लोगों को नसीयत देते नज़र आ रहे हैं वो बता रहे हैं कि कैसे आप सही आचरण करके अपना और के लोगों का भला कर सकते हैं।
प्रेमनद जी कहते हैं कि अमावस्या, पूर्णिमा, चतुर्दशी, अष्टमी और एकादशी बेहद पवित्र तिथियां होती हैं ऐसे में आपको, अगर आप गृहस्थ हैं तो भी ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। अगर आप इसका पालन नहीं करते हैं तो आपकी आयु कम हो सकती है। इतना ही नहीं ये भी माना गया है कि ग्रहण या मध्यान्ह के समय सूर्य की नहीं देखना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव आप पर पड़ सकता है।
इतना ही नहीं प्रेमानंद का ये भी कहना है कि जो व्यक्ति नास्तिक होता है और शास्त्रों को नहीं मानता है उन्हें जीवन में कई तरह की कठनाइयों का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि लोग गुरु का सम्मान नहीं करते और उनकी अवहेलना करते हैं ऐसे लोग अपने जीवन में सुख नहीं प्राप्त कर पाते। साथ ही जो व्यक्ति किसी दृष्टिहीन, निर्धन, कुरूप या निर्बल का उपहास करता है तो माँ लक्ष्मी आपसे नाराज़ हो जातीं हैं। आपको अपने जीवन में ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए न की उनका मज़ाक उड़ाना चाहिए।