Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज ने कहा,"आपका दूसरों से व्यवहार बता देता है कि आप कितने पढ़े लिखें हैं"

Premanand Ji Maharaj: वृन्दावन के प्रेमानंद जी महाराज राधा रानी के परम भक्त हैं और लोग उन्हें काफी ज़्यादा मानते हैं उनकी ज्ञानवर्धक और प्रेरणा से भरपूर बातों का लोग अनुसरण भी करते हैं। सोशल मीडिया पर भी प्रेमानंद जी की पॉपुलैरिटी काफी ज़्यादा है।

Update:2023-10-26 07:15 IST

Premanand Ji Maharaj (Image Credit-Social Media)

Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है जिसमे उन्होंने लोगों के व्यवहार को लेकर कई बातें बताई हैं जिसमे उन्होंने कुछ ऐसा भी कहा है जिससे कई लोग तो सहमत हैं और कुछ लोग इसपर कई तरह के कमैंट्स कर रहे हैं। आइये जानते हैं ऐसा क्या कहा है महाराज जी ने।

प्रेमानंद जी महाराज का वीडियो वायरल

वृन्दावन के प्रेमानंद जी महाराज राधा रानी के परम भक्त हैं और लोग उन्हें काफी ज़्यादा मानते हैं उनकी ज्ञानवर्धक और प्रेरणा से भरपूर बातों का लोग अनुसरण भी करते हैं। सोशल मीडिया पर भी प्रेमानंद जी की पॉपुलैरिटी काफी ज़्यादा है। उनके वीडियोस और रील्स कुछ ही देर में वायरल हो जाते हैं। ऐसे में उनका एक और वीडियो काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमे प्रेमानंद जी महाराज कुछ ऐसा कहते दिख रहे हैं जिसके बाद उनके भक्त इस वीडियो पर काफी ज़्यादा कमेंट करते दिख रहे हैं।

प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि अगर आपका दूसरों के साथ व्यवहार बता देता है कि आप कितने पढ़े लिखें हैं और आपने कहाँ से पढ़ाई की है। अगर आपका व्यवहार अपने माता पिता और अन्य लोगों के साथ अच्छा नहीं है तो इसका सीधा मतलब यही है कि आपकी पढ़ाई सही से नहीं हुई है। और पढ़े लिखे होने का भी कोई फायदा नहीं अगर आपका व्यवहार दूसरों के साथ बुरा है।

उन्होंने कहा कि अगर तुमने अपने बूढ़े माता पिता का अपमान किया तो समझ लो अगर सर के बल भी तपस्या कर लोगे तब भी नर्क ही मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि आज जो हमारा समाज है वो बहुत गिरता चला जा रहा है। बच्चे बच्चियां ऐसे बात करते हैं अपने माता पिता से कि ऐसा लगता है कि ये पढ़े लिखे हैं भी। विद्या का मतलब जानते हो? " विद्या विनयम ददाति" यानि विद्या विनय देती है।

पढ़ा लिखा व्यक्ति सभ्य भाषा बोलता है। और जब तुम अपने माता-पिता और बुज़ुर्गों से सभ्य नहीं हो, अपने घर के बुज़ुर्गों से गुरुजनों की बात नहीं मान रहे हैं अपनी मनमानी कर रहे हैं। बच्चे बच्चियां मनमानी आचरण कर रहे हैं। ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं।

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