Premanand Ji Maharaj: जानिए प्रेमानंद जी महाराज की ज़िन्दगी से जुड़ा ये रहस्य, जो आजतक छुपा है दुनिया से
Premanand Ji Maharaj: आज हम आपके सामने प्रेमानंद जी महाराज की ज़िन्दगी से जुड़े कुछ अनसुनी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे शायद ही आप रूबरू होंगे।
Premanand Ji Maharaj: वृन्दावन के प्रेमानंद जी महाराज को आज हर कोई अच्छे से जानता है। उनके द्वारा बताये गए मार्ग पर चलकर उनके कई भक्त जीवन के कठिन रास्तों को भी आसान बना लेते हैं। वहीँ महाराज जी के जीवन से जुड़ी कई ऐसी घटनाएं हैं जिनकी खूब चर्चा होती है और लोग उनके निजी जीवन के बारे में जानने को काफी उत्सुक रहते हैं। ऐसे में आज हम आपको प्रेमानंद जी महाराज के जीवन के कुछ ऐसे रहस्य के बारे बताने जा रहे हैं जिसके बारे में शायद ही आपको पता हो।
क्या है प्रेमानंद जी महाराज की ज़िन्दगी का बड़ा राज़
आध्यात्मिकता और भक्ति के क्षेत्र में कई ऐसे लोकप्रिय विभूतियाँ हैं जिन्होंने अपना जीवन दिव्य प्रेम और प्रभु के श्री चरणों में समर्पित कर दिया। उन्हीं कुछ लोगों में एक हैं श्री प्रेमानंद जी महाराज। उनका जीवन और शिक्षा भक्ति मार्ग पर अग्रसर अनेक साधकों के लिए एक प्रेरणा स्रोत की तरह है। प्रेमानंद जी राधा रानी के परम भक्त हैं। उनका जीवन कई चुनौतियों से भी भरा हुआ है जहाँ उन्हें कई ऐसी चीज़ों का भी सामना करना पड़ा जिसके बारे में उन्होंने कभी नहीं सोचा था।
उत्तरी भारत के एक छोटे से गाँव में श्री प्रेमानंद जी महाराज का जन्म हुआ था। वो कम उम्र से ही आध्यात्मिक और भक्ति के प्रति समर्पित रहे। एक बच्चे के रूप में, वो काफी समय तक ध्यान और प्रार्थना में डूबे रहते थे और अक्सर खुद को भक्ति भजनों की धुनों में खोए रखते थे। उनके शुद्ध हृदय और ईश्वर में अटूट विश्वास ने कई आध्यात्मिक गुरुओं का ध्यान आकर्षित किया, जिन्होंने उनकी असाधारण भक्ति को पहचाना और उनकी आध्यात्मिक यात्रा में उनका मार्गदर्शन किया।
उन्होंने 13 साल की उम्र में घर तो त्यागकर भक्ति के मार्ग को चुना। प्रेमानंद जी महाराज के जीवन में उनकी माँ की काफी अहम् भूमिका रही। वो हमेशा उन्हें सही मार्ग की ओर चलने को प्रेरणा देतीं रहीं। वहीँ घर से निकलने के बाद प्रेमानंद जी ने गंगा माँ को ही अपनी माँ के रूप में पाया। वो आज भी गंगा माँ को अपनी माँ का दर्जा देते हैं साथ ही उन्हें उतना ही आदर और सम्मान देते हैं।
इन सबके बीच प्रेमानंद जी महाराज के जीवन में एक मुश्किल दौर तब आया जब उन्हें पता चला कि उनकी दोनों किडनी खराब हो चुकी है ऐसे में डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी कि वो किडनी ट्रांसप्लांट करवा सकते हैं। लेकिन प्रेमानंद जी ने ये कहकर मनाकर दिया कि उनकी एक किडनी राधा रानी है और दूसरी श्याम और वो उन दोनों को अलग नहीं करना चाहते।