Premanand Ji Maharaj: जानिए प्रेमानंद जी महाराज ने क्रोध को शांत करने का क्या अचूक उपाय बताया
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं जीवन के कठिन दौर में सबकुछ प्रभु पर छोड़ दो ठाकुर जी सबकुछ संभाल लेंगे, आइये जानते हैं महाराज जी के कुछ ऐसे ही विचारों को।
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर हैं उन्होंने अपने प्रवचनों के माध्यम से लोगों के दिलों में अपनी एक ख़ास जगह बना ले हैं। उनका मानना है कि ईश्वर हमसे ये नहीं चाहता कि हम घर के सदस्यों की ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ करके उनकी पूजा करें बल्कि महिलाओं को बच्चों को स्कूल भेजकर, पति को ऑफिस के लिए टिफ़िन वगैरह देने के बाद आराम से प्रभु की भक्ति में लींन होना चाहिए। आइये जानते हैं प्रेमानंद जी महाराज के कुछ ऐसे ही अनमोल विचारों को।
प्रेमानंद जी महाराज के अनमोल विचार
1. सत्य की राह में चलने वाले की निंदा बुराई अवश्य होती है। इससे घबराना नहीं चाहिए। यह आपके बुरे कर्मों का नाश करती है। जहां आपके लिए निंदा और बुराई हो, वहां आपके बुरे कर्मों का नाश हो जाता है।
2. स्वयं को ईश्वर को समर्पित कर दो। यह जीवन जैसा भी है, उनका दिया हुआ है। तुम्हारे पास जितने भी साधन संसाधन है, वह उनकी कृपा का प्रभाव है। तुम जिसका भोग कर रहे हो, वह सब ईश्वर का है। ऐसे विचार के साथ कर्म करो, जीवन यापन करो, जीवन सुखमय होगा।
3. ब्रह्मचर्य की रक्षा करें। ब्रह्मचर्य बहुत बड़ा अमृत तत्व है, मूर्खता के कारण लोग इसे ध्यान नहीं देते हैं।
4. हमें सच्चा प्रेम प्रभु से प्राप्त होता है। किसी व्यक्ति से क्या होगा, कोई व्यक्ति हमसे प्यार कर ही नहीं सकता क्योंकि वो हमे जानता ही नहीं तो कैसे करेगा।
5 . कोई व्यक्ति तुम्हें दु:ख नहीं देता बल्कि तुम्हारे कर्म उस व्यक्ति के द्वारा दु:ख के रूप में प्राप्त होते हैं।
6. जिनके मुख में परमेश्वर का नाम नहीं है, वे जीवित तो हो सकते हैं, परन्तु मुंह से मरे हुए हैं।
7. डरो मत, गिरोगे भी तो आगे बढ़ना है, हजार बार भी गिरोगे तो भी आगे बढ़ना है।
8. इस भौतिक संसार में किसी के पास आपको पकड़ने की शक्ति नहीं है, आप ही हैं जो पकड़ते हैं और आप ही हैं जिन्हें छोड़ना है।
9 क्रोध को शांत करने के लिए एक ही उपाय है… बजाय यह सोचने के कि उसका हमारे प्रति क्या कर्तव्य है, हम यह सोचे कि हमारा उसके प्रति क्या कर्तव्य है।
10. प्रभु का नाम जप संख्या से नहीं डूब कर करो।