Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी ने अपने भक्त को दी झूठ बोलने की सलाह, आखिर ऐसा क्या पूछा था इस शख्स ने
Premanand ji Maharaj Satsang: प्रेमानंद जी महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे वो एक शख्स को झूठ बोलने की सलाह देते नज़र आ रहे हैं, आइये जानते हैं ऐसा क्यों कहा महाराज जी ने।
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज अपने ज्ञान द्वारा लोगों को सही मार्ग पर चलना और उन्हें सत्य बोलने को सिखाते आये हैं। उनके कई प्रवचनों में आपने सुना होगा कि वो अपने सभी भक्तों को किसी भी परिस्थिति में झूठ बोलने की सलाह नहीं देते, लेकिन उन्होंने उनके दरबार में आये एक शख्स से झूठ बोलने को आखिर क्यों कहा आइये इसके पीछे की वजह जान लेते हैं।
प्रेमानंद जी महाराज ने क्यों दी झूठ बोलने की सलाह
वृन्दावन के प्रेमानंद जी महाराज के दरबार में लोगों का तांता लगा रहता है। वहीँ उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है जिसमे वो एक शख्स के सवाल पर उसे झूठ बोलने की सलाह देते नज़र आ रहे हैं। आइये जानते हैं क्या है पूरा माजरा।
दरअसल प्रेमानंद जी महाराज दरबार में एक शख्स जो की पेशे से एक डॉक्टर था उसने सवाल किया कि क्या वो अपने मरीज या उसके परिजन को उसकी गंभीर स्थिति होने पर भी दिलासा देने के लिए झूठ बोल सकता है कि वो जल्द ठीक हो सकते हैं जबकि उन्हें स्वयं इसका पता है कि उनकी हालत सही नहीं है। ऐसे में जब महाराज जी से ये सवाल किया गया कि अगर डॉक्टर होने के नाते उन्हें ये पता हो कि किसी मरीज के जीवन के बस कुछ ही दिन शेष रह गए हैं तो क्या उन्हें इसके बारे में आश्वासन देते हुए अगर ये कहा जाये कि वो जल्द ठीक हो जायेगा तो इस स्थिति में ये उन्हें पाप का भागीदार तो नहीं बनती है ? इसपर प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि आप मरीज से उसकी हालत के बारे में न बताएं तो बेहतर होता है। क्योंकि वो व्यर्थ में दुःखी होगा, चिंतित होगा और डॉक्टर का कर्तव्य भी ऐसा नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि एक वैद्य या डॉक्टर का ये कर्त्तव्य होता है कि औषधी से पहले उसे मरीज को वचन के द्वारा ठीक करे। इसमें अगर आप झूठ बोलते हैं तो कोई बात नहीं इस तरह से कई लोगों को ठीक भी किया गया है। आपको पता है कि वो व्यक्ति कल दुनिया छोड़ सकता है लेकिन आपको यही कहना होगा कि आप बिलकुल ठीक हो जायेंगे। कई बार आपके वचन किसी में जीने की उम्मीद पैदा कर देती है और व्यक्ति ठीक हो जाता है। आप उसे वचन की औषधी दीजिये लेकिन घर वालों को आप बता दीजिये। अगर मरीज के साथ कोई नहीं है तब आप उसे बता दें लेकिन अगर उसके परिजन उसके साथ हैं तो आप उन्हें ही पूरी बात बताएं।