Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज को श्री कृष्ण के यूँ हुए थे दर्शन, जानिए क्या कहा था उनसे, कैसा था उनका स्वरुप
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी जीवन की बेहद खास घटना को सभी के साथ शेयर किया। उन्होंने बताया कि वो श्रीकृष्ण से पहली बार कहाँ मिले थे।
Premanand Ji Maharaj: वृन्दावन के स्वामी प्रेमानंद जी महाराज अपने सत्संग द्वारा सभी को सत्य मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। वो सुबह 2 बजे पूरे वृन्दावन की परिक्रमा भी करते हैं। वो इसके बाद बांके बिहारी जी, राधा वल्लब के दर्शन करते हैं और इसके बाद सत्संग करते है। कहते हैं कि अगर आप पूरे श्रद्धा भाव से महाराज जी के प्रवचन को सुनते हैं तो आपको भी राधा रानी के दर्शन हो जायेंगे। वहीँ प्रेमानंद जी जीवन की बेहद खास घटना को सभी के साथ शेयर किया। उन्होंने बताया कि वो श्रीकृष्ण से पहली बार कहाँ मिले थे।
स्वामी प्रेमानंद जी को जब हुए थे श्री कृष्ण के दर्शन
स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने अपने भक्तों को बताया कि एक बार की बात है और वो सुबह 5 बजे सुबह परिक्रमा कर रहे थे वहीँ उन्हें एक बालक दिखा जिसने अपने हांथों को अपनी कमर पर रखा हुआ था। इसके बाद उस बालक ने उनसे पैसे मांगे और कहा हें बाबा पैसा दें.. इसके बाद महाराज जी ने उसे 1 रुपया का नोट दे दिया जिसके बाद उस बालक ने उन्हें बेहद प्रेमपूर्वक देखा लेकिन महाराज जी को उस बालक को देखकर काफी अलग सा महसूस हुआ। इसके बाद प्रेमानंद जी ने अपने साथ परिक्रमा कर रहे एक महाराज से पूजा कि वहां आस पास क्या कोई गांव हैं तो इसपर उन्होंने उन्हें बताया कि हाँ वहां से लगभग 2 किलोमीटर एक गाँव है जिसका नाम है जातिपुरा। इसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें एक बालक मिला था तब उन्होंने बताया कि वो और कोई नहीं बल्कि श्री कृष्ण थे।
इसके बाद जब वो वृंदावन में भक्ति दीप महारजा से मिले तो उन्होने महाराज से पूछा की परिक्रमा के दौरन श्रीकृष्ण मिले तब उन्होंने उत्तर दिया कि नहीं तो। तब उन्होंने बताया कि जिस बालक ने उनसे पैसे मांगे थे वही श्री कृष्ण थे। उन्होंने कहा वो छलिया हैं किसी भी रूप में आपके पास आ सकते हैं। कभी आपके साथ खेल रहे होंगे तो कभी आपके साथ ही चल रहे होंगे।
महाराज जी ने भगवान् श्री कृष्ण को प्राप्त करने के लिए कहा कि जिस दिन आप उनकी तरह बन जाओगे उस दिन उनकी प्राप्ति आपको हो जाएगी। तभी आपका उनसे सामना होना संभव है। उन्होंने कहा कि वृन्दावन तो चमत्कार का एक समंदर है। यहाँ सभी को श्री कृष्ण के नाम का ही नशा है।