Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज ने जीवन के रहस्यों से पर्दा हटाया, बताया प्रभु का नाम जप करना ज़रूरी
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज अपने विचारों से सभी को पल भर में प्रभावित कर लेते हैं यही वजह है कि लाखों भक्त उन्हें सुनने के लिए दूर दूर से दरबार में आते हैं।
Newstrack : Network
Update:2024-07-13 10:49 IST
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर हैं और हर उम्र के लोग उन्हें सुनते हैं। उनकी बातें काफी ज्ञानवर्धक और सरल होतीं हैं। जिन्हे सुनकर आप भी उनकी काफी बातों को अनुसरण करने लगेंगें। आइये जानते हैं मानव जाति के लिए प्रेमानंद जी ने क्या कहा।
प्रेमानंद जी महाराज कोट्स (Premanand Ji Maharaj Thoughts)
- कामना सम्पूर्ण पापों, संतपों, दुःखों और जन्म मरण की जड़ है, कामना वाले व्यक्ति को जागृत तो क्या स्वप्न में भी सुख नहीं मिल सकता है इसलिए कामनाओं का त्याग करें।
- समस्त असाधनों को मिटाने के लिए सर्वसमर्थ साधन है, निरंतर भगवत स्मरण और पवित्र आचरण...।
- कोई व्यक्ति तुम्हें दु:ख नहीं देता बल्कि तुम्हारे कर्म उस व्यक्ति के द्वारा दु:ख के रूप में प्राप्त होते हैं।
- क्रोध को शांत करने के लिए एक ही उपाय है... बजाय यह सोचने के कि उसका हमारे प्रति क्या कर्तव्य है, हम यह सोचे कि हमारा उसके प्रति क्या कर्तव्य है।
- प्रभु का नाम जप संख्या से नहीं डूब कर करो।
- जिनके मुख में प्रभु का नाम नहीं है, वह भले ही जीवित है लेकिन मुख से मरा हुआ है।
- दुखिया को न सताइए दुखिया देवेगा रोए, दुखिया का जो मुखिया सुने, तो तेरी गति क्या होए।
- बहुत होश में यह मत सोचो कोई देख नहीं रहा। आज तुम बुरा कर रहे हो, तो तुम्हारे पुण्य खर्चा हो रहे हैं। जिस दिन तुम्हारे पुण्य खर्चे हुए, अभी का पाप और पीछे का पाप मिलेगा, त्रिभुवन में कोई तुम्हें बचा नहीं सकेगा।
- सत्य की राह में चलने वाले की निंदा बुराई अवश्य होती है। इससे घबराना नहीं चाहिए। यह आपके बुरे कर्मों का नाश करती है। जहां आपके लिए निंदा और बुराई हो, वहां आपके बुरे कर्मों का नाश हो जाता है।
- स्वयं को ईश्वर को समर्पित कर दो। यह जीवन जैसा भी है, उनका दिया हुआ है। तुम्हारे पास जितने भी साधन संसाधन है, वह उनकी कृपा का प्रभाव है। तुम जिसका भोग कर रहे हो, वह सब ईश्वर का है। ऐसे विचार के साथ कर्म करो, जीवन यापन करो, जीवन सुखमय होगा।
- ब्रह्मचर्य की रक्षा करें। ब्रह्मचर्य बहुत बड़ा अमृत तत्व है, मूर्खता के कारण लोग इसे ध्यान नहीं देते हैं।
- हमें सच्चा प्रेम प्रभु से प्राप्त होता है। किसी व्यक्ति से क्या होगा, कोई व्यक्ति हमसे प्यार कर ही नहीं सकता क्योंकि वो हमे जानता ही नहीं तो कैसे करेगा।