Premanand Ji Maharaj: जानिए प्रेमानंद जी महाराज को मृत्यु के डर से ज़्यादा किस चीज़ का लगता है डर

Premanand Ji Maharaj : सोशल मीडिया पर प्रेमानंद जी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है जिसमे उन्होंने अपने एक डर के बारे में बताया।

Update:2024-03-07 10:38 IST

Premanand Ji Maharaj  (Image Credit-Social Media)

Premanand Ji Maharaj : वृन्दावन के प्रेमानंद जी महाराज जी के प्रवचनों से लोग बेहद प्रभावित हो जाते हैं। वहीँ एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है जिसमे महाराज जी ने मृत्यु के डर से बढ़कर एक ऐसा डर बताया जिसे जानकार हर कोई हैरान रह गया। आइये जानते हैं क्या है वो डर।

प्रेमानंद जी महाराज का वीडियो

राधा रानी के परम भक्त प्रेमानंद जी से एक भक्त ने प्रश्न किया कि ऐसा कौन सा डर है जो मृत्यु से भी बढ़कर होता है। इसपर महाराज जी ने क्या कहा आइये जानते हैं। उन्होंने कहा कि बस एक बात का डर है कि कभी ऐसी परिस्थिति न आये कि हम अपने ठाकुर जी को भूल जाएं। हमारा जो एक डर है वो यही है कि हमारा कोई ऐसा आचरण न बन जाये कि हम अपने प्रभु को भूल जाएं। हमे कोई ऐसी माया में न डाल दें कि हम अपने प्रभु को भूल जाएं। कभी कोई दुर्भाग्यवश ऐसी अप्रियता न बन जाये संसार में कि हमारा मन राज़ी हो जाये और हम उनको भूल जाएं इस बात का डर है।

उन्होंने कहा कि आपने हमसे प्रश्न किया है तो हमारा सबसे बड़ा डर यही है कि हम भगवान् से विमुख न हो जाएं। हमें सबसे बड़ा डर यही है कि कहीं जीवन की सारी कमाई खर्च न हो जाए और हम अपने प्रभु को भूल जाएं। जब भजन छूट जाये। ... ये हमारा डर है आपने हमें पुछा है तो हम अपना बता रहे हैं। कि भगवान् से विमुख न हो जाए। डर है कि भगवान् से ज़्यादा प्यारा इस चित में कोई न हो जाये। वो वास्तु, वो स्थान वो व्यक्ति याद रहे और हम प्रभु को भूल जाएं ये डर है। वहीँ महाराज जी ने आगे कहा कि पर इस डर से हमे लाभ मिलता है कि हमारा प्रभु की ओर और मन बढ़ता है। जैसे कोई वास्तु प्रिय लगती है तो प्रभु को लोग भूल जाते हैं इसलिए कोई वस्तु ही नहीं प्रिय है जब शरीर की नहीं प्रिय तो उससे ही सब चीज़ें जुडी हैं। अब इस शरीर की क्या प्रियता। इसमें दर्द हो रहा है या जाने वाला है तो जानेवाले से क्या प्यार करना?

प्रेमानंद जी ने आगे कहा कि जैसे गार्ड गेट पर खड़े होकर बताता है कि सावधान कोई अंदर नहीं आ सकता वैसे ही हमारी किडनी हमे बताती रहती है कि सावधान कभी भी जा सकते हो..... राधा राधा राधा। तो डर बस यही है कि कहीं भगवान् का स्मरण करना न भूल जाएं।

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