मर्दों के लिए खास अंडा! लाखों की कीमत, किया इस्तेमाल तो पत्नी नहीं देगी गाली
दुनिया में सबसे महंगे बिकने वाले इन अंडों को कैवियार नाम से जाना जाता है। इन कैवियार अंडों से बनने वाले स्वादिष्ट भोजन को शाही पकवान कहा जाता है। कैवियार नाम के ये अंडे पहले और भी ज़्यादा महंगे हुआ करते थे। रोमन बादशाहों, प्राचीन यूनानी राजाओं और रूस के ज़ारों के ज़माने से ये बेहद खास है और शाही पकवानों में शामिल रहा है।
लखनऊ: आपको जानकर हैरानी होगी कि एक खास मछली के अंडों की कीमत इतनी ज्यादा हो सकती है। बता दें कि 1 आउंस यानी 30 ग्राम अंडों की कीमत साढ़े तीन से 5 हज़ार रुपये से भी ज़्यादा होती है।
दुनिया में सबसे महंगे बिकने वाले इन अंडों को कैवियार नाम से जाना जाता है। इन कैवियार अंडों से बनने वाले स्वादिष्ट भोजन को शाही पकवान कहा जाता है। कैवियार नाम के ये अंडे पहले और भी ज़्यादा महंगे हुआ करते थे। रोमन बादशाहों, प्राचीन यूनानी राजाओं और रूस के ज़ारों के ज़माने से ये बेहद खास है और शाही पकवानों में शामिल रहा है।
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अब जानना यह जरूरी है कि इन अंडों की क्या खासियत है जो ये इतने महंगे हैं और ये किस मछली के अंडे हैं? ये अंडे हैं स्टर्जियन नाम की समुद्री मछली। इस मछली की कुछ प्रजातियां होती हैं और इन्हीं के आधार पर रॉयल कैवियार, इंपीरियल कलुगा कैवियार जैसे ब्रांड्स के तहत बेचा जाता है। समुद्री सीमा से लगे समृद्ध देशों का पकवान रहे कैवियार अंडे पिछले कुछ समय से भारत में भी उपलब्ध हैं।
स्टर्जियन मछली के ऐसे अंडे जो निषेचित नहीं होते यानी किसी जीव को जन्म नहीं देते और जो नमक घुले पानी या रसायन के साथ पाले जाते हैं, उन्हें कैवियार के नाम से जाना जाता है।
स्टर्जियन मछली के प्रजातियों पर जब अस्तित्व का संकट गहराया तो 1921 से ही इसे विलुप्त हो रही प्रजाति मानकर इसका संरक्षण किया जाने लगा। तबसे इन अंडों की कीमतों में और उछाल आना शुरू हुआ।
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जिन देशों में स्पोर्ट्स फिशिंग यानी मछली का व्यापारिक आखेट वैधानिक है, वहां भी इन मछलियों को संरक्षण दिया जाता है। ताकि इनका शिकार न हो, इसके लिए तमाम बंदोबस्त किए जाते हैं। वैसे भी शिकार की गई मछली से पके अंडे मिलना मुश्किल ही होता है। 2006 में यूएन की एजेंसी ने एक आदेश देकर वाइल्ड स्टर्जियन मछली के अंडों के व्यापार को सीमित कर दिया था।
पिछले करीब 20 सालों में अमेरिका में कैवियार के उत्पादन में काफी बढ़ोतरी हुई और 75 हज़ार पाउंड सालाना तक उत्पादन हुआ, जो पहले 5 हज़ार पाउंड ही होता था। इसकी वजह एक्वा फार्मिंग तकनीक रही है, जिसके चलते इन अंडों की कीमतें भी काफी कम हुई हैं और अब ये अंडे सिर्फ शाही वर्ग के लिए नहीं रह गए हैं।
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जानकार हो जायेंगे हैरान इन अंडों की खूबियां
अगर इन्हें फ्रीज़र में ठीक तरह से स्टोर किया जाए तो ये एक महीने तक सेवन योग्य रहते हैं।
- ये अंडे शराब की तरह माने जाते हैं क्योंकि ये जितने ज़्यादा वक्त से स्टोर हों, उतने ही स्वादिष्ट और ज़्यादा गुण वाले होते हैं। इसी वजह से इनकी कीमतें भी बढ़ती हैं।
- कहावत मशहूर रही है 'अब तो हंसो, तुम्हें कैवियार तो मिल गए'। इसकी वजह ये है कि इन अंडों में ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर होता है, इसलिए इससे डिप्रेशन और अन्य डिसॉर्डर में लाभ मिलता है।
- ये भी माना जाता है कि कैवियार में वाएग्रा जैसे गुण होते हैं। पुराने ज़माने में मर्दानगी के लिए इसका इस्तेमाल किए जाने का लिटरेचर मिलता है।
सबसे महंगे कैवियार की कीमत
ईरान की बेलुगा स्टर्जियन मछली से प्राप्त अलमास कैवियार को 60 से 100 साल तक संरक्षित किया गया तो इसकी कीमत 24 लाख 27 हज़ार रुपये प्रति किलो से ज़्यादा थी। गौरतलब है कि 2005 से अमेरिका में बेलुगा कैवियार गैर कानूनी घोषित है, क्योंकि ये मछली विलुप्त होने की कगार पर होने के कारण संरक्षित सूची में थी।