Rakshabandhan 2023: भाई को राखी बांधने के बाद आखिर क्यों ज़रूरी है भगवान् हनुमान को रक्षासूत्र बांधना,जानिए वजह
Rakshabandhan 2023: राखी या रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र और पवित्र रिश्ते की मिठास को मजबूत करने साथ ही इसे और भी ज़्यादा खूबसूरत बनाने का त्योहार है। वहीँ अगर इस दिन आप एक और काम करतीं हैं तो इसका आपको विशेष फल मिलता है।
Rakshabandhan 2023: राखी या रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र और पवित्र रिश्ते की मिठास को मजबूत करने साथ ही इसे और भी ज़्यादा खूबसूरत बनाने का त्योहार है। जहाँ एक भाई अपनी बहन की रक्षा और मदद करने का वचन लेता है, जबकि एक बहन अपने भाई को प्यार और स्नेह देने की रस्म निभाने का वादा करती है। वहीँ अगर इस दिन आप एक और काम करतीं हैं तो इसका आपको विशेष फल मिलता है आइये जानते हैं कि आपको ऐसा क्या करना चाहिए।
Also Read
इस दिन ज़रूर बांधिये भगवान हनुमान को राखी
यह पवित्र त्यौहार श्रावण मास में मनाया जाता है इसलिए इसे श्रावणी त्यौहार भी कहा जाता है। यह श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला त्यौहार है और धीरे-धीरे दक्षिण भारत के साथ-साथ विदेशों में भी मनाया जाने लगा है और इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधने की परंपरा कब और क्यों शुरू हुई या फिर इस दिन भगवान हनुमान या बजरंगबली को राखी बांधना क्यों जरूरी है? आइए जानते हैं।
पौराणिक कथा रक्षा बंधन के पीछे का कारण द्वापर युग में भगवान कृष्ण से जुड़ा है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन से शिशुपाल का वध किया था, तब सुदर्शन चक्र से श्रीकृष्ण की उंगली घायल हो गई थी। नतीजा ये हुआ कि उससे खून बहने लगा। ये देखकर द्रौपदी तुरंत अपने स्थान से उठी और अपनी साड़ी का एक हिस्सा फाड़कर उस कपड़े से कृष्ण की उंगली को लपेट दिया, जिससे खून बहना बंद हो गया। भगवान कृष्ण द्रौपदी के प्रति अपने स्नेह के कारण बहुत भावुक हो गए और उन्होंने कहा, वह द्रौपदी की रक्षा करेंगे और इसलिए उन्होंने कौरवों द्वारा द्रौपदी के अपमान और चीरहरण के समय उन्हें अनंत मात्रा में वस्त्र प्रदान करके और निर्वस्त्र होने से बचाया। तभी से भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधने की परंपरा शुरू हुई।
भगवान हनुमान को संकटमोचक भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है बाधाओं को दूर करने वाला। जब भगवान राम पर कोई संकट आता था तो हनुमान अपनी शक्ति और विवेक का प्रयोग कर उस बाधा को दूर कर देते थे। कहा जाता है कि भगवान राम की कृपा से हनुमान का प्रभाव कलियुग में भी विद्यमान है। साथ ही भाई को राखी बांधने के बाद हनुमान जी को राखी बांधने के पीछे का कारण ये है कि बजरंगबली भाई को बुद्धि देंगे, उनके क्रोध को शांत रखेंगे और विवेक से निर्णय लेने का आशीर्वाद देंगे। यही कारण है कि रक्षाबंधन के दिन भाई को राखी बांधने के बाद हनुमान जी को राखी जरूर बांधें।