Rakshabandhan 2023: क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन का त्योहार, जानिए इसका महत्त्व

Rakshabandhan 2023: भाई बहन के प्यार का त्यौहार है रक्षाबंधन जो सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन बहने अपने भाइयों के लिए मीठे पकवान बनाती हैं और उनकी कलाई पर रक्षासूत्र यानि राखी बांधतीं हैं।

Update:2023-07-18 09:29 IST
Rakshabandhan 2023 (Image Credit-Social Media)

Rakshabandhan 2023: भाई बहन के प्यार का त्यौहार है रक्षाबंधन जो सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन बहने अपने भाइयों के लिए मीठे पकवान बनाती हैं और उनकी कलाई पर रक्षासूत्र यानि राखी बांधतीं हैं। इस त्योहार को मानाने के पीछे दी प्रथाएं बेहद प्रचलित हैं। जिसका सम्बन्ध द्वापर युग से है। आइये जानते हैं आखिर क्यों इस त्योहार को मनाया जाता है।

क्या है रक्षाबंधन की कहानी

कहते हैं कि भगवान् श्री कृष्णा ने जब शिशुपाल के साथ युद्ध किया था तब उनकी तर्जनी उंगली कट गयी थी जिसकी वजह से उनकी उंगली से खून बहने लगा तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू को फाड़कर उनके हाँथ पर बांध दिया। इसके बाद श्री कृष्ण ने द्रौपदी को वचन दिया कि वो सदैव उनकी रक्षा करेंगे। इस वचन के तहत ही दुःशासन द्वारा द्रौपदी के चीरहरण के समय उन्होंने श्री कृष्ण का जैसे ही स्मरण किया वो उनकी रक्षा करने आये और द्रौपदी का चीरहरण होने से बचा लिया। तभी से रक्षा बंधन के त्योहार की शुरुआत हुई।

इसके साथ ही रक्षा बंधन से जुडी एक और कथा काफी प्रचलित है जिसमे राजा इंद्र और असुरों के राजा बलि का ज़िक्र है। इस कथा के अनुसार जब असुरों के राजा बलि ने जब देवताओं पर हमला किया तो इससे इंद्र की पत्नी सची बेहद परेशान हो गईं। इस युद्ध में देवताओं की मदद करने के लिए तब सची ने भगवान विष्णु का स्मरण किया और उनसे मदद मांगीं। तब भगवान् विष्णु ने सची को एक धागा दिया और कहा कि इसे अपने पति की कलाई पर बांधे जिससे उनकी जीत होगी और देवताओं की जीत भी हुई। इसे वजह से राजा महाराजाओं के समय युद्ध पर जाने से पहले बहने और पत्नियां उन्हें रक्षा सूत्र बांधती थीं।

इस त्यौहार में बहने भाइयों से अपनी रक्षा का वचन लेतीं हैं और उनकी कलाई पर राखी बांधकर उनका मुँह मीठा करवाती है इस साल ये बेहद खूबसूरत त्यौहार 30 अगस्त को मनाया जायेगा।

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