Saffron Benefits: सुनहरे पीले धागों में छिपी है सुख शौभाग्य और सौंदर्य वृद्धि के साथ स्वाद की खान, जानिए कैसे करें केसर का इस्तेमाल

Saffron Benefits: ‘केसर’नाम अरबी शब्द ‘ज़ाफ़रान’से लिया गया है जिसका मतलब 'पीला' होता है । साथ ही उत्तम स्वास्थ और सौंदर्य वृद्धि और सुख सौभाग्य को बढ़ाने में भी इसकी अहम भूमिका होती है। अपने कई फायदों के चलते केसर ( SAFFRON ) से ज़्यादा कीमती कोई मसाला नहीं है।

Written By :  Jyotsna Singh
Update:2024-11-08 21:28 IST

सुनहरे पीले धागों में छिपी है सुख शौभाग्य और सौंदर्य वृद्धि के साथ स्वाद की खान, जानिए कैसे करें केसर का इस्तेमाल: Photo- Social Media

Saffron Benefits: सुनहरे पीले धागे नुमा दिखने वाला केसर लंबे समय से सबसे ज़्यादा पसंद किए जाने वाले मसालों में से एक रहा है। इसलिए यह दुनिया का सबसे महंगा मसाला है। ‘केसर’ नाम अरबी शब्द ‘ज़ाफ़रान’ से लिया गया है जिसका मतलब पीला होता है । साथ ही उत्तम स्वास्थ और सौंदर्य वृद्धि और सुख सौभाग्य को बढ़ाने में भी इसकी अहम भूमिका होती है। अपने कई फायदों के चलते केसर ( SAFFRON ) से ज़्यादा कीमती कोई मसाला नहीं है। हज़ारों सालों से, इसकी खेती और व्यापार किया जाता रहा है। इसका इस्तेमाल पाककला, चिकित्सा और सौंदर्य संबंधी प्रयोगों के लिए किया जाता है। लंबे समय से शाही मसाले के तौर पर इसका उपयोग होता आया है।

धीरे धीरे केसर (SAFFRON) अब अपनी उपयोगिता के चलते रसोई, रेस्तरां के मेनू और सबसे ज़्यादा बिकने वाले खाद्य उत्पादों में अपनी जगह बना रहा है । केसर एक अपेक्षाकृत बहुमुखी मसाला है क्योंकि इसे पूरे धागे के रूप में, पिसे हुए मसाले के रूप में, मसाले के मिश्रण के रूप में या विभिन्न उत्पादों में शामिल करके बेचा जा सकता है। यह एक आदर्श प्राकृतिक खाद्य रंग है, जो सुंदर आकर्षक पीला रंग प्रदान करने में सहायक होता है। इसके अलावा, इसका उपयोग मीठे और नमकीन दोनों व्यंजनों में किया जा सकता है।

इसके आकर्षण का एक हिस्सा इसका सुंदर सुनहरा रंग है, साथ ही इसकी नाजुक फूलों की सुगंध भी। हालाँकि केसर एक मूल्यवान पाक सामग्री है। लेकिन इसका उपयोग रंगों, इत्र और दवाओं के लिए भी किया जाता है।

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इस फूल से प्राप्त होता है केसर

केसर क्रोकस पौधे (क्रोकस सैटिवस) से प्राप्त होता है, जो आइरिस परिवार का एक फूलदार सदस्य है। प्रत्येक फूल में चमकीले बैंगनी रंग की पंखुड़ियाँ होती हैं। उसमें सिर्फ़ तीन गहरे लाल रंग के धागे होते हैं।इन धागों को, हाथ से तोड़ा जाता है और उनके स्वाद और सुगंध को बनाए रखने के लिए सावधानी से सुखाया जाता है।

केसर का स्वाद कैसा होता है?

यह मीठे और नमकीन का मिश्रण है, जिसका स्वाद विशिष्ट, अद्वितीय और लगभग वर्णन से परे है। असल में केसर का स्वाद हल्का मिट्टी जैसा मीठा होता है। शुरुआत में आपकी जीभ को कड़वाहट का अहसास होगा। लेकिन यह जल्दी ही फूलों, फलों और शहद के हल्के स्वाद में बदल जाता है।

प्राचीन काल से हो रहा केसर इस्तेमाल

केसर धरती पर सबसे पुराने मसालों में से एक है और हज़ारों सालों से इसे एक मूल्यवान वस्तु माना जाता रहा है। बाइबल और प्राचीन चीनी चिकित्सा पुस्तकों जैसे प्राचीन ग्रंथों में केसर का उल्लेख पा सकते हैं, जो 1500 ईसा पूर्व तक के हैं। हालाँकि, केसर उससे भी बहुत पुराना है। माना जाता है कि इसकी खेती मूल रूप से चार सहस्राब्दी पहले ग्रीस या ईरान में की जाती थी।

प्राचीन ग्रीस में केसर का इस्तेमाल इसकी खुशबू और रंग के लिए किया जाता था। यूनानियों ने केसर से पीला रंग बनाया और इसका इस्तेमाल अपने बालों को रंगने के लिए किया। यहां तक ​​कि 1600-1500 ईसा पूर्व के केसर की फसल को दर्शाने वाले भित्तिचित्र भी हैं।

केसर का यूरेशिया में बहुत ज़्यादा व्यापार होता था। यह 500 ईसा पूर्व के आसपास फारस से पूर्वी भारत में पहुंचा, जहां केसर के रंगों का इस्तेमाल बौद्ध पुजारियों के वस्त्रों को रंगने के लिए किया जाता था। 10वीं शताब्दी तक, केसर को मूरों द्वारा स्पेन में लाया गया था, जिन्होंने इसे फ्रांस और इटली के कुछ हिस्सों में भी लाया।

प्राचीन फारस में केसर की खेती ईसा पूर्व 10वीं शताब्दी में ही शुरू हो गई थी। केसर के धागे प्राचीन शाही फ़ारसी कालीनों में बुने जाते थे, जो धन और शान का प्रतीक थे। शासक वर्ग इसका इस्तेमाल अपने भोजन में स्वाद लाने, कपड़ों को रंगने और बॉलरूम को सुगंधित करने के लिए भी करता था।

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हजारों फूलों से तैयार होता है एक पाउंड केसर

केसर सोने से भी ज़्यादा महंगा माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे काटने में बहुत ज़्यादा मेहनत लगती है। प्रत्येक केसर के फूल में केवल तीन नाज़ुक कलियाँ होती हैं, जिन्हें बहुत सावधानी से हाथ से काटा जाना चाहिए। एक पाउंड केसर पैदा करने के लिए लगभग 75,000 फूलों की ज़रूरत होती है।यह फूल साल में केवल तीन सप्ताह ही खिलता है। और चूँकि केसर के धागे सूरज की रोशनी से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, इसलिए उन्हें सुबह जल्दी ही तोड़ लिया जाता है।

केसर का उपयोग कैसे करें

चूँकि केसर में मीठा और नमकीन दोनों गुण होते हैं, इसलिए इसका इस्तेमाल नमकीन व्यंजनों और मिठाइयों दोनों में किया जा सकता है। यह व्यंजनों को सुगंध और बारीक मिठास प्रदान करता है, साथ ही अपनी खास जीवंत रंगत भी प्रदान करता है।

भिगोने से बढ़ता है केसर का स्वाद

केसर का स्वाद जितना देर तक भिगोया जाय उतना बढ़ता है, इसलिए इसे ज़्यादा समय तक भिगोया जाता है। लेकिन केसर का ज़्यादा इस्तेमाल करने से खाना कड़वा हो सकता है और क्लोरीन जैसा स्वाद आ सकता है।सबसे पहले केसर के धागों को पीसकर पाउडर बना लें। केसर के पीस जाने के बाद, इसे गर्म पानी या खाना पकाने वाले तरल में घोल लें। इसका स्वाद, सुगंध और रंग पूरे व्यंजन में फैल जाएगा।

केसर का उपयोग करने वाले सामान्य व्यंजन

केसर एक बहुमुखी मसाला है जो नमकीन और मीठे दोनों तरह के व्यंजनों को स्वादिष्ट बना सकता है। नमकीन व्यंजनों में, केसर का इस्तेमाल आमतौर पर पेला, बिरयानी और रिसोट्टो में किया जाता है ताकि एक समृद्ध सुनहरा रंग और एक अलग स्वाद जोड़ा जा सके। मीठे व्यंजनों के लिए, केसर अक्सर केसर युक्त आइसक्रीम, केसर चावल की खीर और केसर के स्वाद वाले केक जैसी मिठाइयों में पाया जाता है।

अपने आहार में केसर को इस प्रकार करें शामिल

केसर के कुछ रेशों को गर्म दूध या पानी में लगभग 10 मिनट के लिए भिगोएँ । इस मिश्रण को दिन में एक बार पिएँ। इसे पीने का सबसे अच्छा समय सुबह या सोने से पहले है। यह विधि त्वचा को गोरा करने में मदद करती है और आपकी त्वचा को प्राकृतिक चमक देती है।

इस प्रकार करें नकली केसर की पहचान

असली या नकली केसर का पता लगाने के लिए आप बेकिंग सोडा टेस्ट भी कर सकते हैं। इसके लिए एक कटोरे में थोड़ा-सा पानी और बेकिंग सोडा मिलाएं और फिर इसमें केसर के कुछ धागे डालें। अगर केसर असली है तो इस घोल का रंग पीला हो जाएगा, लेकिन अगर केसर नकली है तो घोल का रंग लाल हो जाएगा।

स्वास्थ्य वृद्धि के लिए होता है केसर का उपयोग

केसर का इस्तेमाल हज़ारों सालों से औषधीय उद्देश्यों के लिए किया जाता रहा है। हम जानते हैं कि केसर एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है (इनमें से कुछ एंटीऑक्सीडेंट केसर के रंग और स्वाद के लिए ज़िम्मेदार होते हैं)। ऐसा माना जाता है कि यह कैंसर से लड़ने, अवसाद का इलाज करने, पीएमएस के लक्षणों को कम करने और हृदय रोग के जोखिम कारकों को कम करने में भी मदद करता है।

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए करें केसर का उपयोग

केसर का उपयोग आयुर्वेद में आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। एक चिकित्सीय परीक्षण के दौरान मरीजों ने तीन महीने तक केसर (20 मिलीग्राम प्रतिदिन) का मौखिक अनुपूरण लिया, जिससे उनकी रेटिना की कार्यक्षमता और दृश्य स्पष्टता में उल्लेखनीय सुधार हुआ।

केसर हृदय रोगियों के लिए है वरदान

केसर के सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव के कारण, इसे अपने आहार में शामिल करने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। केसर के उपयोग को हृदय रोग के कुछ जोखिम कारकों, जैसे उच्च रक्तचाप , रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार साबित होता है।

केसर से रहता है मिसकैरेज होने का खतरा

केसर की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका सेवन करने से शरीर में गर्मी बढ़ती है जिससे गर्भाशय में कॉन्ट्रैक्शन्स यानी संकुचन होने लगता है। ऐसे में अगर प्रेग्नेंसी के शुरुआती हफ्तों में बहुत ज्यादा केसर का सेवन किया जाए तो मिसकैरेज होने का खतरा रहता है।केसर का तेल बनाकर बच्चों की मालिश की जा सकती है। इससे उन्हें अच्छी नींद आती है।

चेहरे पर केसर और दूध लगाने से मिलती है गजब की चमक

चेहरे पर केसर दूध से मालिश करने से भी फायदा होता है। इसके लिए आप केसर की 4 से 5 धागों को एक कटोरी दूध में मिलाकर रातभर के लिए रख दें। सुबह इस दूध से चेहरे पर मालिश करें और फिर 20 मिनट के बाद साफ पानी से चेहरा धोएं। रोजाना चेहरे पर केसर दूध लगाने से निखार आता है और दाग धब्बे कम होते हैं।

रात भर ग्लोइंग स्किन के लिए पीएं केसर का पानी

रात भर केसर के कुछ रेशे पानी में भिगोकर रखें और अगले दिन इसे पिएं , यह एक ताज़ा और हाइड्रेटिंग पेय है। यह न केवल शरीर को हाइड्रेट करता है, बल्कि अंदर से एक प्राकृतिक चमक भी बढ़ाता है।

वेट लॉस में कारगर है केसर युक्त पानी

वजन घटाने के लिए आपको लगातार 15 दिनों तक केसर का पानी पीना होगा। इसके लिए आपको करना ये है कि केसर को 1 गिलास गर्म पानी में डालकर 10 मिनट के लिए छोड़ दें और सुबह सबसे पहले इसी को पिएं। दरअसल, केसर कैलोरी को कम करने में प्रभावी हो सकता है क्योंकि ये मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है। ये प्रजनन प्रणाली की समस्याओं के प्रबंधन में भी फायदेमंद है और महिलाओं को मासिक धर्म के दर्द में राहत मिलती है।

केसर कितने दिनों तक इस्तेमाल में लाया जा सकता है?

केसर को बाजार से खरीदने के बाद इसके धागे 2 से 3 साल तक चल सकते हैं अगर उन्हें बिक्री की तिथि के बाद ठीक से पैक करके रखा जाए। अगर केसर को पीसा जाता है, तो समय घटकर 6 से 12 महीने तक ही संगृहीत किया जा सकता है।

केसर की खेती कहां होती है?

केसर की खेती भारत में जम्मू के किश्तवाड़ तथा जन्नत-ए-कश्मीर के पामपुर (पंपोर) के सीमित क्षेत्रों में अधिक की जाती है। केसर यहां के लोगों के लिए वरदान है। क्योंकि केसर के फूलों से निकाला जाता सोने जैसा कीमती केसर जिसकी कीमत बाज़ार में तीन से साढ़े तीन लाख रुपये किलो है। केसर का पौधा शुष्क, अर्ध-शुष्क जलवायु में सबसे अच्छा बढ़ता है। केसर का ज़्यादातर उत्पादन अब ईरान में होता है; हालाँकि, अफ़गानिस्तान, ग्रीस, मोरक्को और भारत भी केसर के महत्वपूर्ण उत्पादक हैं। प्याज तुल्य इसके बल्ब प्रति वर्ष अगस्त-सितंबर में रोपे जाते हैं और अक्टूबर-दिसंबर तक इसके पत्ते तथा पुष्प साथ निकलते हैं।

ऐसे लगाएं अपने घर में केसर का पौधा

केसर उगाने के लिए बलुई या दोमट मिट्टी का प्रयोग करें और उसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और गोबर की खाद मिला दें। उसके बाद इस मिट्टी और खाद के मिश्रण में केसर के बीज डाल दें। इस बात का ध्यान रखें कि केसर के पौधे पर सूरज की सीधी रोशनी ना पड़े। क्योंकि इससे केसर की ग्रोथ ठीक से नहीं होगी।

घर में सकारात्मकता लाता है केसर

घरों में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य का आह्वान करने के लिए इसका उपयोग अक्सर पूजा और अनुष्ठानों में किया जाता है। केसर को उच्च चक्रों, विशेष रूप से मुकुट चक्र से जुड़ा माना जाता है, जो आध्यात्मिकता और ज्ञानोदय से जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि केसर का सेवन या उपयोग इन ऊर्जा केंद्रों को खोलने और संरेखित करने में मदद करता है।

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पूजा-पाठ में केसर के कई फ़ायदे :

  • केसर को गुरु बृहस्पति की सामग्री माना जाता है। गुरु की पूजा में केसर का इस्तेमाल करने से गुरु बृहस्पति ग्रह मज़बूत होता है।
  • केसर को शुभ और पवित्र माना जाता है। माथे पर केसर का तिलक लगाने से सौभाग्य आता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • केसर में शुद्धिकरण के गुण होते हैं। नहाने के पानी में केसर का धागा मिलाकर स्नान करने से आभामंडल शुद्ध होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • केसर के उपाय करने से कुंडली में गुरु बृहस्पति ग्रह की स्थिति मज़बूत होती है, जिससे कई अनुकूल प्रभाव पड़ते हैं।
  • केसर का तिलक लगाने से भगवान भोलेनाथ, श्री हरि विष्णु, गणेशजी, और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं।

नाभि स्थान पर केसर लगाने से आयोग्य और लंबी आयु की प्राप्ति होती है। केतु पहले, दूसरे, तीसरे, सातवें और आठवें भाव में है तो केसर का तिलक लगाएं और यदि छठे भाव में है तो दूध में केसर डालकर पियें। इससे केतु के बुरे प्रभाव नहीं मिलेंगे। गुरु ग्रह यदि 7वें, 8वें या 10वें भाव में है तो नियमित केसर का तिलक लगाएं। केसर - शिवलिंग पर केसर अर्पित करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती हैं।

घर में नेगेटिव एनर्जी कभी ना आए और सुख समृद्धि बनी रहे, इसके लिए आप अपने घर के मुख्य द्वार पर केसर से स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से आपके घर में लक्ष्मी का वास रहेगा और दरिद्रता दूर होगी।

अगर लाख मेहनत के बाद भी आपके पास धन का अभाव रहता है तो किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार को पूजा पाठ करें और देव गुरु बृहस्पति , मां लक्ष्मी का ध्यान रखते हुए अपने माथे पर केसर का तिलक लगाएं। इस उपाय को नियमित रूप से करने पर आपके आय के नए स्रोत खुलेंगे और धीरे-धीरे आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होती जाएगी।

पति से अनबन होती रहती है, उन्हें श्रृंगार के सामान के साथ केसर की डिब्बी किसी महिला को दान करनी चाहिए। इससे कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है।

ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, यदि किसी के विवाह में अड़चनें आ रही हैं तो महाशिवरात्रि के दिन से शुरू करके रोज शिवलिंग पर केसर मिला हुआ दूध चढ़ाएं, इससे जल्दी ही आपके विवाह के योग बन सकते हैं।

(लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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