Sakat Chauth 2024: क्या सकट चौथ का व्रत केवल लड़कों की माताएं ही रख सकती हैं? जानिए क्यों सदियों से ऐसा कहा जाता है

Sakat Chauth 2024: आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या वाकई में सकट चौथ का व्रत केवल लड़कों के लिए रखा जाता है या नहीं। आइये जानते हैं कि क्या वाकई सिर्फ लड़को की खुशहाली और स्वस्थ रहने की कामना कर सकती हैं माताएं?

Update:2024-01-27 20:49 IST

Sakat Chauth 2024 (Image Credit-Social Media)

Sakat Chauth 2024: 29 जनवरी सोमवार हो सकट चौथ मनाई जाएगी। हर साल सकट चौथ पूरे देश में बहुत ही धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है। आमतौर पर महिला भक्तों द्वारा व्रत रखा जाता है क्योंकि वे अपने परिवार और बच्चों की भलाई और समृद्धि के लिए भगवान गणेश से प्रार्थना करने के लिए व्रत रखती हैं, सकट चौथ को संकष्टी चतुर्थी या संकटहारा चतुर्थी भी कहा जाता है। सकट चौथ हिंदू माह माघ के कृष्ण पक्ष के चौथे दिन पड़ता है। आपको एक बात बता दें कि अक्सर ये कहा जाता है कि जिन महिलाओं के बेटे हैं वही महिलाएं इस व्रत को रख सकतीं हैं लेकिन इसके पीछे की सच्चाई आइये आज आपको बता देते हैं।

लड़के और लड़की दोनों के लिए होता है सकट चौथ का व्रत

सदियों से ये परंपरा रही है आपने भी अपने बड़ों से यही सुना होगा कि ये व्रत केवल बेटे के लिए होता है बेटियों के लिए नहीं लेकिन ये पूरी तरह से गलत है। ये व्रत संतान की प्राप्ति और उनकी खुशहाली के लिए रखा जाता है। कोई भी धर्म बेटा या बेटी में कोई फर्क नहीं बताता। जबकि आपको सकट चौथ की हर व्रत कथा में यही लिखा मिलेगा कि ये व्रत संतान के लिए होता है। संतान में बेटा और बेटी दोनों आते हैं। ऐसे में ये व्रत आप आपके बेटे या बेटी किसी के लिए भी रख सकतीं हैं। साथ ही रूढ़िवादी सोच को त्यागकर अपनी संतान की खुशहाली के लिए आप इस व्रत को रख सकतीं हैं।

तारीख

हर साल सकट चौथ मुख्य रूप से भारत के उत्तरी राज्यों में मनाया जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार इस साल सकट चौथ 29 जनवरी को मनाया जाएगा।

शुभ मुहूर्त

द्रिक पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 29 जनवरी को सुबह 6:10 बजे शुरू होगी और 30 जनवरी को सुबह 8:54 बजे समाप्त होगी।

भक्त दिन की शुरुआत जल्दी स्नान करके करते हैं और फिर पूरे दिन सकट चौथ व्रत रखने का संकल्प लेते हैं। फिर वे मूर्ति को नए कपड़े पहनाकर तैयार करते हैं और उसे एक चौकी पर रख देते हैं। भगवान गणेश की मूर्ति पर फूल, फल और मिठाइयाँ अर्पित की जाती हैं और फिर सकट चौथ की आरती की जाती है। इसके बाद तिल के लड्डू को प्रसाद के रूप में ग्रहण करिये। साथ ही ऐसे व्रत खुल जाता है। .

भगवान गणेश अपने भक्तों को समृद्धि, धन, स्वास्थ्य और खुशी का आशीर्वाद देने के लिए जाने जाते हैं। आमतौर पर महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और सफलता की कामना के लिए सकट चौथ का व्रत रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि समर्पण के साथ व्रत और पूजा करने से भक्तों को भगवान का आशीर्वाद मिलता है। जो जोड़े बच्चे के जन्म में समस्याओं का सामना कर रहे हैं वे भी व्रत रख सकते हैं और भगवान गणेश से प्रार्थना कर सकते हैं - ऐसा माना जाता है कि इससे उन्हें अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।

मंत्र:

ॐ गं गणपतये नमः

ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि,

तन्नो दंति प्रचोदयात्

इस मन्त्र का उच्चारण करके आप भगवान् गणेश से अपनी संतान की खुशहाली और सुख समृद्धि की प्रार्थना कर सकते हैं। साथ ही ये व्रत बेटे के लिए ही होता है ऐसा किसी भी कहानी या कथा में लिखा आपको नहीं मिलेगा।

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