Weight loss: Squat करें रोज़ाना, तेज़ी से घटेगा वज़न

Squats for weight loss: अगर आपके पास जिम जाने का पर्याप्त समय नहीं है वो अपने को फिट रखने के लिए घर में ही Squats लगा सकते हैं। रोज़ाना इसके 20 -20 के तीन सेट लगाने पर भी एक महीने में फर्क दिखने लगता है।

Written By :  Preeti Mishra
Update: 2022-03-24 14:28 GMT

squats for weight loss (Social media)

Weight loss kaise karen: शरीर के निचले हिस्से के फैट से छुटकारा पाने के लिए स्क्वाट्स (Squats) से बेहतरीन कोई एक्सरसाइज नहीं है। इस एक्सरसाइज में पेट और पीठ की मांसपेशियां के भी शामिल होने से संतुलन बेहतर बनता है, जिससे पेट की मांसपेशियों को कसाव भी मिलता है।

इतना ही नहीं रोज़ाना स्क्वाट्स करने से पीठ और कमर की कई समस्याओं से छुटकारा भी मिलता है। इसे करने से व्यक्ति को सही मुद्रा में बैठना आ जाता है। जिसके कारण कूल्हा, जांघ और पेट के निचले हिस्से में इकट्ठा वसा कम हो जाती है।

ना हो जिम का टाइम तो अपनाएं ये उपाय

अगर आपके पास जिम जाने का पर्याप्त समय नहीं है वो अपने को फिट रखने के लिए घर में ही Squats लगा सकते हैं। रोज़ाना इसके 20 -20 के तीन सेट लगाने पर भी एक महीने में फर्क दिखने लगता है।

बता दें कि squats मुख्यत: सात प्रकार के चलन में हैं। याद रखें हर बार व्यायाम करते वक्त एक तरह का स्क्वाट्स (Squats) करना अच्छा रिजल्ट नहीं देता है। इसलिए हर बार अलग-अलग तरह के स्क्वाट्स लगाने चाहिए। शुरुआत आसानी से होने वाले स्क्वाट से करना चाहिए जिसे बाद में धीरे-धीरे स्तर को बढ़ाते जाना चाहिए।

आसान स्क्वाट्स में शुरुआत बॉडी वेट स्क्वाट्स से किया जा सकता है। इसमें किसी तरह के वेट या अन्य उपकरण की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसके अलावा सूमो और पल्स भी साधारण स्क्वाट्स हैं। बता दें कि पॉलिमेट्रिक स्क्वाट में दिल की धड़कनें बढ़ सकती हैं। वहीँ सिंगल लेग स्क्वाट में एक पैर से व्यायाम किया जाता है। इतना ही नहीं गोबलेट स्क्वाट्स करने में हमेशा डंबल की जरूरत पड़ती है । ध्यान रखें कि बारबेल बैक स्क्वाट को जिम में ही करना बेहतर होता है।

सही तरीके से करें एक्सरसाइज

सबसे जरुरी बात एक्सरसाइज करने के लिए आपको उसको करने का सही तरीका पता होना बेहद जरुरी है। सही तरीके से किये गए एक्सरसाइज का रिजल्ट मिलता है अन्यथा कोई भी रिजल्ट नहीं मिलता है। बता दें कि स्क्वाट्स को खाली पेट करना ज्यादा फायदेमंद होता है। लेकिन अगर आपको खली पेट कोई परेशानी होती है तो कुछ हल्का खा लें, या खाने के दो घंटे बाद ही स्क्वाट्स लगाएं।

याद रखें इस एक्सरसाइज को करने के बाद एकदम से बैठ न जाएं। शरीर को धीरे-धीरे घुटनों से नीचे तक लाएं और सामान्य तरह से ऊपर जाएं। ध्यान रखें ऊपर आते वक्त सांस बाहर छोड़ें और नीचे जाते वक्त सांस अंदर लें। ध्यान रखने वाली बात ये भी है कि पूरे शरीर का वजन एड़ी पर आए। व्यायाम करते वक्त पीठ सीधी रहे और कंधे झुकने नहीं चाहिए। पंजों की दूरी घुटनों की दूरी के बराबर हो। स्क्वाट्स किसी भी उम्र के लोग लगा सकते हैं।

रोज़ाना स्क्वाट्स लगाने से जांघों से पेट के निचले हिस्से में दबाव पड़ता है, जिसके कारण पाचन दुरुस्त होता है। इतना ही नहीं कूल्हा, जांघ और पेट के निचले हिस्से में इकट्ठा वसा तेज़ी से कम होता है। साथ ही साथ शरीर का लचीलापन भी बढ़ता है। खास बात इसे करते समय होने वाली स्ट्रेचिंग रक्तचाप को भी बेहतर करती है, जो सेल्युलाइट से निजात दिलाता है। 

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