Stress and Obesity: तनाव से भी बढ़ता है मोटापा, जानें लक्षण, कारण और उपचार
व्यक्ति तनाव के समय अत्यधिक वजन को बढ़ा लेता है। तनाव में एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल प्रवाह अचानक बढ़ जाने के कारण कोर्टिसोल शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने के लिए काम करता है, जिसके कारण आपको ज्यादा भूख लगती है।
Stress and Obesity: तनाव खुशहाल जिंदगी का सबसे बड़ा दुश्मन है। लेकिन आज कल के लाइफ स्टाइल में हर व्यक्ति किसी ना किसी कारणवश तनाव से ग्रसित है। ऐसे में तनाव के कारण लोगों को कई गंभीर हेल्थ इशू भी होने लगे हैं। बता दें कि लोग खुद को परफेक्ट बनाने और दूसरों से पूरी तरह से परफेक्शन की उम्मीद के चक्कर में भी सबसे ज्यादा तनाव में रहते हैं। हर छोटी-बड़ी बात को दिल से लगाकर लोग खुद ही अत्यधिक तनाव को आमंत्रित कर देते हैं। अत्यधिक तनाव से लोगों को अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्यायें हो सकती हैं।
क्या आप जानते है कि तनाव से मोटापे का सीधा संबंध होता है? अनियमित लाइफ स्टाइल , गलत खान -पान के साथ तनाव भी मोटापा बढ़ाने का मुख्य कारण माना जाता है। एक रिसर्च में ये बात सामने आयी है कि तनाव लोगों के शारीरिक और मानसिक संरचना को बदलने का कारक हो सकता है। बता दें कि आपका शरीर शारीरिक और मानसिक तनाव में अलग-अलग तरह से व्यवहार करता है। अगर आप भी चिंता के कारण मोटे हो रहे हैं, तो आप निश्चित रूप से इसके पीछे का कारण जानते ही होंगें।
तनाव और मोटापे के बीच सम्बन्ध
एक शोध में यह बात सामने आयी है कि व्यक्ति तनाव के समय अत्यधिक वजन को बढ़ा लेता है। क्योंकि आप जब भी तनावपूर्ण समय से गुज़र रहे होते हैं, तो उस समय आपके दिमाग को पता चलता है कि आपका शरीर मुश्किल में है और वह शरीर को एक प्रकार के हार्मोन को छोड़ने के लिए संकेत देता है। उसके बाद, एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल प्रवाह अचानक बढ़ जाने के कारण कोर्टिसोल शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने के लिए काम करता है, जिसके कारण आपको ज्यादा भूख लगती है। इसके अलावा जब तक आप तनाव में रहते हैं, आपका शरीर लंबे समय तक कोर्टिसोल को पंप करने के साथ आपकी भूख बढ़ाता रहता है। गौरतलब है कि सामाजिक तनाव खतरनाक वसा संचय और हृदय रोग से जुड़ा हुआ है जबकि पेट में चर्बी जमा होने का कारण तनाव होता है जिससे व्यक्ति काफी मोटा भी हो जाता है। बता दें कि आपके शरीर को तनाव कई तरह से प्रभावित कर इसका वजन भी बढ़ा देता है । इसलिए जब आप तनाव में रहते हैं, तो कोर्टिसोल हार्मोन का उत्पादन बढ़ाने के साथ धीरे-धीरे वजन को बढ़ा देता है।
कोर्टिसोल
आपके शरीर द्वारा स्वाभाविक रूप से निर्मित एक हार्मोन ही कोर्टिसोल कहलाता है। जब भी आप तनाव में होते हैं तो कोर्टिसोल आपके गुर्दे पर स्थित अधिवृक्क ग्रंथियों द्वारा बनता है।इतना ही नहीं यह अस्थायी रूप से नियमित शारीरिक कार्यों को रोक आपके मेटाबोलिज्म को भी धीमा कर देता है। बता दें कि यह हार्मोन व्यक्ति के जीवित रहने के लिए अति आवश्यक होते है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा शरीर के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। विटामिन-डी कोर्टिसोल बनाने के लिए आवश्यक एक एंजाइम की प्रक्रिया रोक भी सकता है। इसलिए डॉक्टर्स लोगों को सुबह की धूप लेने की सलाह देते हैं।
अत्यधिक कोर्टिसोल से क्या होता है नुकसान
मुख्य रूप से चेहरे, छाती और पेट में तेजी से वजन बढ़ना पतला हाथ और पैरों के विपरीत है, एक निस्तब्ध और गोल चेहरा, उच्च रक्तचाप, हड्डियों की कमजोरी, त्वचा में परिवर्तन (खरोंच और बैंगनी खिंचाव के निशान), मांसपेशी में कमज़ोरी, मिजाज, जो चिंता, अवसाद या चिड़चिड़ापन के रूप इत्यादि शरीर में अत्यधिक कोर्टिसोल के लक्षण होते हैं।
तनाव कैसे बढ़ाता है आपका वजन ?
- किसी व्यक्ति के लंबे समय तक तनाव में रहने के कारण उसके शरीर में कई तरह के अन्य परिवर्तन भी होने शुरू हो जाते हैं जो पाचन तंत्र और भूख को भी प्रभावित करते हैं। आइए कुछ ऐसे ही कारणों पर प्रकाश डालते हैं जिसके कारण तनाव में आपका वजन बढ़ जाता है।
- तनाव के कारण शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। बता दें कि तनाव बढ़ाने वाला हार्मोन कोर्टिसोल आपके मेटाबोलिज्म को धीमा कर आपके भूख को अत्यधिक बढ़ा देता है। ऐसे में व्यक्ति का मन भोजन की ओर हमेशा लगा रहता है।जिसके कारण व्यक्ति अधिक से अधिक खाना खाता है। बता दें कि मेटाबोलिज्म की तीव्रता के कारण, हमारा शरीर सक्रिय और स्वस्थ रहता है। इसकी कमी के कारण, शरीर सुस्त और निष्क्रिय हो जाता है। ज्यादा भागदौड़ न कर पाना, जल्दी थक जाना जैसी चीजें होने लगती हैं।
- जब भी कोई व्यक्ति तनाव की समस्या से जूझ रहा होता है। तो ऐसी स्थिति में, बहुत से लोग तनाव से बाहर निकलने के लिए सिर्फ खाने के बारे में सिर्फ सोचते ही नहीं बल्कि ना चाहते हुए भी उन्हें हमेशा भूख ही लगने के कारण अत्यधिक खाना खाते हैं जिससे उनका वजन अधिक बढ़ना निश्चित हो जाता है।
- अत्यधिक तनाव से आपके ब्लड शुगर का भी स्तर बढ़ जाता है।इसके अलावा थकान, बिगड़ते मूड के कारण हाइपरग्लेसेमिया जैसी स्थिति हो जाती है। बता दें कि व्यक्ति के लंबे समय तक तनाव में रहने के कारण मेटाबॉलिक सिंड्रोम हो जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है। इससे कई बीमारियों का भी खतरा उत्पन्न हो जाता है। जिसमें डायबिटीज और हार्ट अटैक की समस्या सबसे खतरनाक होती है।
- लंबे समय तक तनाव के कारण, शरीर में फैट का स्थान प्रभावित होकर अतिरिक्त फैट के कारण शरीर का आकार बिगड़ने के साथ स्वास्थ्य भी ख़राब हो जाता है।
- तनाव में अकसर फास्ट फूड खाने की ही क्रिविंग होती रहती है। बता दें कि तनाव के समय में, एक व्यक्ति अधिक से अधिक खाना खाता है जिससे आसानी से वजन बढ़ने लगता है।
उपचार
तनाव से छुटकारा पाने में योग और प्राणायाम आपको काफी मदद कर सकता है । यह शरीर की चर्बी को कम करने के साथ आपको मानसिक शांति भी देता है। इसके अलावा तनाव से बचने के लिए अच्छी आदतों के साथ व्यस्त रहें। सुबह -शाम की सैर , अच्छी किताबें पढ़ना , व्यायाम करना , और सबसे जरुरी आराम करके आप तनाव को दूर कर सकते हैं। इतना ही नहीं पौष्टिक खाना और खुद को सकारात्मक विचारों से परिपूर्ण रखकर भी आप तनाव की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
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