Stress in Youths inducing Heart Attack: युवाओं में तेज़ी से बढ़ते हार्ट अटैक का मुख्य कारण है तनाव

घंटों कंप्यूटर पर काम करना , ऑनलाइन शॉपिंग करना और मोबाइल फ़ोन पर ज्यादा से ज्यादा समय गुजरना इत्यादि के साथ अन्हेल्थी और असमय में खाना जैसी आदतें ही आपके दिल को और ज्यादा कमज़ोर बना रहीं हैं।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2022-05-20 18:24 IST

Stress in Youths inducing Heart Attack

Stress in Youths inducing Heart Attack: इस मानव शरीर में दिल सबसे नाज़ुक और महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। अनियमित खान -पान और असंतुलित जीवन शैली के साथ नाजुक दिल लंबे समय तक इस लापरवाही को झेल नहीं पाता है। यही कारण है कि आजकल नौजवानों में दिल का दौरा की समस्या लगातार तेज़ी से बढ़ती जा रही हैं। इस आधुनिक युग में ज्यादातर लोग शारीरिक से ज्यादा मानसिक मेहनत करते हैं।

घंटों कंप्यूटर पर काम करना , ऑनलाइन शॉपिंग करना और मोबाइल फ़ोन पर ज्यादा से ज्यादा समय गुजरना इत्यादि के साथ अन्हेल्थी और असमय में खाना जैसी आदतें ही आपके दिल को और ज्यादा कमज़ोर बना रहीं हैं। कई बार व्यक्ति को पता ही नहीं चलता है कि वो दिल से जुडी समस्याओं का एक हिस्सा बन चूका है। इसलिए इससे जुडी कुछ ख़ास बातों का हमेशा ख्याल रखकर आप अपनी और अपनों की ज़िन्दगी बचा सकते हैं।

दिल से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जिन्हें जरूर जान लेनी चाहिए:

- अगर आपको हर समय सीने में जलन या दबाव बने रहने का अनुभव होता रहता है तो यह आपके हार्ट वेन्स में ब्लॉकेज का एक संकेत हो सकता है। लेकिन यह भी जरूरी नहीं है कि यह सिर्फ हार्ट वेन्स में ब्लॉकेज का ही संकेत हो। संभवतः कई बार किसी दूसरी शारीरिक समस्याओं के कारण भी इस तरह की दिक्कत होना संभव है। लेकिन फिर भी अगर ऐसी समस्या लगातार बनी हुई रहे तो इसे बिल्कुल भी इग्नोर नहीं करना चाहिए।

- इतना ही नहीं जिन लोगों को नर्व्स में ब्लॉकेज की समस्या होती है, उन्हें सीने में दर्द और भारीपन के साथ ही उल्टी जैसा महसूस होना और चक्कर आने की समस्या भी साथ में हो सकती है। कभी -कभी इस स्थिति में पेट दर्द भी हो सकता है।

- गौरतलब है कि दिल का रोग होने से सिर्फ सीने में ही इसके लक्षण नजर आये ऐसा जरुरी नहीं है। कई बार पाचन संबंधी समस्याओं का लगातार बने रहनइ के साथ बाएं हाथ यानी लेफ्ट हैंड के कंधे में दर्द रहना भी दिल के कमज़ोर होने की ओर इशारा करता है। ऐसे में आपको आपने दिल को लेकर सजग हो जाने की जरूरत है।

- इसके अलावा पैरों में दर्द, सूजन, अधिक पसीना आना और साथ ही घबराहट होना भी दिल के बीमारी के प्रारंभिक संकेत हो सकते हैं। आमतौर पर इन लक्षणों को दिल के सभी रोगियों में प्रारंभिक अवस्था में देखने को मिले हैं।

महिलाओं में दिल की बीमारी को लेकर होते हैं कुछ अलग लक्षण :

बता दें कि महिलाओं में हार्ट अटैक से जुड़े संकेत पुरुषों से अलग होते हैं। इस बीमारी में महिलाओं में पीरियड्स का अनियमित होना, प्रेग्नेंसी में दिक्कत, मोटापा या अधिक फैट होना, ब्रेस्ट एरिया और चेहरे पर सामान्य से अधिक बाल होना भी उनके लिए दिल से जुड़ी बीमारी के शुरूआती संकेत हो सकते हैं।

दिल की बीमारी का सबसे बड़ा कारण है तनाव :

विशेषज्ञों के अनुसार आजकल युवाओं में बढ़ते हुए हार्ट डिजीज के मामलों का सबसे बड़ा कारण समाज में बढ़ रहा तनाव है। एक शोध के मुताबिक पिछले कुछ साल में समाज में दिल के मरीजों की संख्या में जिस तरह बढ़ोतरी हुई है , व्यक्तियों में बढ़ते तनाव के ग्राफ को ही दर्शाता है। अपने भविष्य को सुधरने के चक्कर में युवा अपने आज को भी ठीक से जी नहीं पा रहे हैं। भौतिक सांसारिक वस्तुओं में अपनी झूठी ख़ुशी तलाशते हुए वे आज की ख़ुशी से ही वंचित होने के साथ अपनी सेहत को भी अनदेखा कर रहे हैं। काम का प्रेशर इस कदर उन पर हावी हो गया है कि ना उनके सोने का समय और ना ही जागने का समय निश्चित नहीं है। यह भी एक बड़ी वजह है जो उनके जीवन में तनाव को बढ़ाने का काम करती है। गौरतलब है कि तनाव ही हार्ट फेल्यॉर का सबसे बड़ा कारन भी है।

- असंतुलित भोजन भी जिंदगी में इस समस्या को और बढ़ावा दे रही है। शोध के अनुसार मीठे और मसालेदार खाने को अपनी डेली रुटीन डायट में शामिल करना भी हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों में बढ़ोतरी का बड़ा कारण है। आजकल लोगों के पास सब कुछ पाने की चाह में वक़्त की ही कमी है। जिसके कारण वे संतुलित और नियमपूर्वक जीवन नहीं जी पते हैं। कई बार वक्त की कमी, लापरवाही और आलस के कारण अधिकतर युवा बच्चे डीप फ्राइड, स्ट्रीट फूड और डिब्बा बंद चीजें बड़े शौक से खाते हैं। जो उनके शरीर को अंदर से खोखला बना देती है। लगातार ऐसे खानों का सेवन यही आगे चलकर बीमार दिल की एक बड़ी वजह बन सकती है।

- इसके अलावा स्मोकिंग, पलूशन और लेजी लाइफस्टाइल ये तीनों ही मिलकर व्यक्ति के दिल को बेहद कमजोर बना रहें हैं। व्यायाम , एक्सर्साइज,योग या वाक कुछ भी नहीं करना भी शरीर को शिथिलता दे रही है। ऐसा करने से शरीर ना सिर्फ बाहरी रूप से बल्कि अंदरूनी रूप से भी बेहद बीमार हो जाता है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में सीटिंग जॉब करना यानि ऐसे में 10 से 12 घंटे रोज कुर्सी पर बैठकर बिताना भी युवाओं को हार्ट संबंधी बीमारियों की तरफ तेज़ी से धकेल रहा है।

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