Summer Vacation: गर्मियों की छुट्टी में बच्चों को कैसे बनाएं क्रिएटिव, बनाएं ऐसा प्रोग्राम
Summer 2022: छुट्टियों में बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाया जा सकता है परन्तु थोड़े अलग तरीके से।
Summer Vacation 2022: गर्मी का मौसम (Summer vacation) आ चुका है। स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां भी हो चुकी हैं। बच्चों के घर में बोर होने की स्थिति भी आ चुकी है, यदि उनके लिए पूरी छुट्टी (Vacation) हेतु कोई रोचक कार्यक्रम नही बना है तो कहीं कहीं बच्चों ने शिकायत करना शुरू कर दिया है। बच्चों को स्कूली ज्ञान के साथ साथ कुछ सांसारिक एवं समसामयिक घटनाओं की जानकारी देना भी अत्यंत आवश्यक है।इसके लिए छुट्टी के दिनो मे उन्हे किसी पास के अच्छे पुस्तकालय (Library) ले जाकर पत्र पत्रिकाएं एवं किताबें पढ़ने की आदत अवश्य डलवानी चाहिए।
बेहतर हो की मम्मी पापा के साथ बैठकर पूरी गर्मी की छुट्टी का कार्यक्रम बना लें। बच्चों के उम्र के हिसाब से उन्हें जिस तरह की रुचि हो उसी के अनुसार उनके लिए कार्यक्रम बनाया जाना चाहिए जैसे छुट्टी के दिनों में फिल्म देखना, गीत संगीत सीखना, चित्रकारी, कसरत करना, रंगमंच से जुड़ना, किसी खास स्थान का भ्रमण आदि। बच्चों के लिए ऐसे सार्थक कार्यक्रम बनाए जाने चाहिए जिससे उनकी छुट्टियों का सदुपयोग हो सके।
बच्चों को घुमाने ले जाएं
बच्चों को कहानियां सुनने एवं पशु पक्षियों को देखने में बहुत आनंद मिलता है। अतः छुट्टी के दिनों में उन्हें संग्रहालय, चिड़ियाघरों, राष्ट्रीय उद्यान जैसी जगहों का भी भ्रमण कराना चाहिए जहां उन्हें देश की ऐतिहासिक धरोहरों को देखने एवं उनके महत्व को समझने का मौका मिल सकेगा। बच्चों को पशु पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को भी दिखाया जाना चाहिए एवं उनके बारे में विस्तृत जानकारी देना चाहिए। परंतु गर्मी
के दिनों में कड़ी धूप एवं लू के कारण उन्हें इसके लिए किसी ठंडी जगह ले जाना चाहिए या फिर घूमने के सारे कार्यक्रम दोपहर के पूर्व ही रखना उचित होगा।
गर्मी की छुट्टियों का सदुपयोग बच्चों में रचनात्मक विकास हेतु भी किया जा सकता है। विभिन्न कलाओं जैसे पेंटिंग, सिलाई बुनाई साज सज्जा, पेपर क्राफ्ट, मूर्तिकला, लेखन आदि क्रिया कलापों में उनकी सहभागिता, उनके रचनात्मक विकास में बहुत सहायक सिद्ध होगी।
बच्चों में आत्मविश्वास जगाएं
बच्चों के व्यक्तित्व के बहुमुखी विकास के लिए कुछ अच्छे परिचित परिवारों के साथ छुट्टी के दिनों में बारी बारी से मीटिंग आयोजित कर अच्छे एवं रोचक विषयों पर वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित करना भी ज्ञान वर्धन में सहायक हो सकता है।इससे बच्चों के अंदर आत्म विश्वास एवं विचार अभिव्यक्ति की क्षमता का विकास होगा।
छुट्टियों में बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाया जा सकता है परन्तु थोड़े अलग तरीके से। यह एक तरह से अनौपचारिक ट्यूशन होना चाहिए जिसमे बच्चों को उनकी उत्सुकताओं एवं जरूरत के बारे में बताया जाना चाहिए। ऐसे ट्यूटर का व्यवहार भी बच्चों के साथ दोस्ताना होना चाहिए जिससे बच्चे निःसंकोच अपनी जिज्ञासाओं को व्यक्त कर सकें एवं उनके अंदर जो कमी हो उसे दूर किया जा सके। ऐसा होने से बच्चों के अंदर आत्मविश्वास की भावना का विकास हो सकेगा एवं पढ़ाई के प्रति उत्साह भी बढ़ेगा। परंतु यह ट्यूशन सप्ताह में पांच छह घंटे से अधिक नहीं होना चाहिए।
बच्चों के लिए प्रति चिकित्सा की जानकारी भी अति आवश्यक है। इससे बच्चों में किसी दुर्घटना से निपटने की जानकारी बढ़ेगा एवं वे मुसीबतों में कभी घबड़ाएंगे भी नहीं। इसके लिए बच्चों को पास के किसी नर्सिंग होम या परिचित डॉक्टर से सम्यक जानकारी दिलाई जा सकती है।