बदलते मौसम की बीमारियों से रहें सावधान, वरना हो सकते हैं बीमार

Update:2017-09-24 11:45 IST

लखनऊ: बरसात जाने व सर्दी आने के बीच मौसम वैसे तो सामान्य होता है, लेकिन इसमें संक्रमण फैलने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। यही कारण है कि हम जल्दी-जल्दी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में घर के खाली गमले, कूलर या किसी भी टैंक में पानी न जमा होने दें।

इसमें मच्छर पनपते हैं, जिनसे डेंगू व स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इन बीमारियों की चपेट में बच्चे, बूढ़े, डायबिटीज व हृदयरोगी आसानी से आ जाते हैं।

जानते हैं इस मौसम में फैलने वाले कुछ रोगों के बारे में-

डायरिया: शरीर में पानी की कमी से यह समस्या होती है। इसका समय पर इलाज ना हो तो मरीज के लिए जानलेवा हो सकती है। इससे सर्वाधिक खतरा बच्चों को होता है। इससे राहत मिलने पर भी एक हफ्ते तक उपचार लेना चाहिए।

लक्षण और बचाव : इसमें दस्त, पेशाब न आना, पेट में ऐंठन या तेजदर्द, बुखार और उल्टी आना मुख्य लक्षण हैं। इससे बचने के लिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। फलों का रस नियमित लें इससे पर्याप्त मात्रा में तरल की पूर्ति होगी व एनर्जी मिलेगी। फलों के जूस में समान मात्रा में नमक व चीनी मिलाकर पिएं।

इलेक्ट्रॉल व जीवनरक्षक ओआरएस घोल डायरिया का सबसे सस्ता व कारगर उपचार है। अपने स्तर पर डायरिया का घरेलू उपचार करने के बाद भी यदि समस्या बढ़ती दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसमें लापरवाही जानलेवा हो सकती है।

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स्वाइन फ्लू: सामान्य सर्दी-जुकाम की तरह इस रोग की शुरुआत होती है, जो शरीर में श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है जिससे मरीज गंभीर अवस्था तक पहुंच सकता है।

लक्षण और बचाव : सर्दी-जुकाम, बुखार, सिरदर्द, बेचैनी, सांस लेने में तकलीफ होना आदि। गंभीर होने पर सांस लेने में परेशानी होना और भी लक्षण आते हैं। इसका इलाज है वैक्सीनेशन। एंटीवायरल एजेंट्स से भी यह ठीक हो सकता है। पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें। शुद्ध व साफ पानी, जूस व गर्म सूप पिएं।

बिना डॉक्टरी सलाह के दवा न लें। भीड़-भाड़ वाले इलाके से दूर रहें और साफ-सफाई का ध्यान रखें। स्वाइन फ्लू के शुरुआती लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और दिशा निर्देशों का पालन करें।

डेंगू: यह रोग एडीज नामक मच्छर के काटने से होता है। ऐसे में जरा सी असावधानी से रोगी बेहोश होकर गंभीर अवस्था में पहुंच सकता है। इसमें लापरवाही जानलेवा होती है।

लक्षण और बचाव : बुखार, सिर-हाथ-पैर व बदन में तेज दर्द, उल्टी, जोड़ों में दर्द, दस्त व प्लेटलेट्स का अनियंत्रित रूप से घटना। इससे बचाव के लिए इसके मच्छर न पनपने दें। डेंगू का एडीज मच्छर पानी में पनपता है। घर के आसपास पानी जमा न होने दें। खाली गमले व कूलर आदि साफ करें। जहां पानी जमा है, वहां केरोसिन डाल दें, कीटनाशक छिड़काव करें व मच्छरदानी में सोएं।

इन्फ्लूएंजा: यह वायरस के इंफेक्शन से होता है। इसलिए इसे वायरल फीवर भी कहते हैं। डायबिटीज व हृदयरोगियों को यह जल्दी प्रभावित करता है।

लक्षण : 100 डिग्री से ज्यादा बुखार या सर्दी-जुकाम गले में दर्द और बदन दर्द।

उपचार व बचाव : भोजन करने से पहले व बाद में हाथों को अच्छे से साबुन से धोएं। घर में और आसपास साफ-सफाई रखें। बीमार व्यक्ति से ज्यादा संपर्क न बनाएं व तीमारदार सावधानियांं बरतें। छींकते समय मुंह पर रुमाल रखें।

स्क्रब टाइफस: स्क्रब टाइफस पिस्सुओं के काटने से होने वाला संक्रामक रोग है। सतर्क रहकर यदि समय पर इसका इलाज किया जाए तो यह ठीक हो सकता है। इसमें घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन होने पर डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए।

लक्षण और बचाव : तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, काटने वाली जगह पर फफोलेनुमा काली पपड़ी जैसा निशान दिखता है। इसकी पहचान के लिए ब्लड टेस्ट कराया जाता है। रोग का पता चलते ही दवाओं का कोर्स शुरू कर दिया जाता है और खानपान में बिना तेल व मसाले वाला भोजन देते हैं।

-डॉ. सुनील वर्मा (फिजिशियन)

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