Motivational Thoughts From Osho: ओशो कहते हैं जो इंसान अकेले रहकर भी खुश है, असल में वही इंसान कहलाने योग्य है

ओशो ने लोगों को अपने विचारों द्वारा जीवन की सच्चाई और सही राह देखाने में मदद की है। आइये एक नज़र डालते हैं इन विचारों पर।

Update:2024-09-13 07:34 IST

Motivational Thoughts From Osho (Image Credit-Social Media)

Motivational Thoughts From Osho: जीवन में अगर आपको कहीं पर निराशा या हताशा महसूस होती है और आप अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं तो आपको सकारात्मक सोच रखने की ज़रूरत है। तभी आप जीवन में आगे बढ़ पायेंगें और उसे सही ढंग से जी पायेंगें। कई चीज़ें बस आपकी पॉजिटिव सोच की वजह से सही हो जातीं हैं। तो अगर आप अपनी सोच को सही कर लें तो काफी चीज़ों में सुधार आ सकता है। ऐसे ही कुछ विचारों से ओशो ने सभी को प्रेरित किया। आइये एक नज़र डालते हैं उनके विचारों पर।

ओशो के विचार (Motivational Thoughts From Osho)

  • आधे-अधूरे ज्ञान के साथ कभी आगे न बढ़ें, ऐसा करने पर आप खुद को अज्ञानी महसूस करोगे और अंत तक अज्ञानी ही बने रहोंगे।
  • प्यार की सर्वश्रेष्ठ सीमा पूरी आजादी है। किसी भी रिश्ते के खत्म होने का मुख्य कारण आजादी का न होना ही है।
  • प्यार तभी सच्चा होता है, जब दोनों एक-दूसरे का सम्मान करें।
  • जो इंसान अकेले रहकर भी खुश है, असल में वही इंसान कहलाने योग्य है। अगर आपकी खुशी दूसरों पर निर्भर है, तो आप एक गुलाम हो।
  • मुझे आज्ञाकारी अनुयायी नही चाहिए. मुझे बुद्धिमान दोस्त चाहिए, जो यात्रा के समय मेरे सहयोगी हों।
  • यहां कोई भी आपका सपना पूरा करने के लिए नहीं है। हर कोई अपनी तकदीर और अपनी हकीकत बनाने में लगा है।
  • अगर आपको अक्सर लगता है कि सफलता आपके हाथ नहीं आ रही है तो शायद अब आपको अपनी कोशिशों में बदलाव लाने की जरूरत है।
  • दुख पर ध्यान दोगे तो हमेशा दुखी रहोगे, सुख पर ध्यान देना शुरू करो। तुम जिस पर ध्यान देते हो वह चीज सक्रिय हो जाती है।
  • जब मैं कहता हूं कि आप देवी देवता हैं तो मेरा मतलब है कि आप में अनंत संभावनाएं हैं, आपकी क्षमताएं अनंत हैं।
  • खुद को खोजिए, नहीं तो आपको दूसरों की राय पर निर्भर रहना पड़ेगा जो खुद को नहीं जानते।
  • बीते हुए कल के कारण बेकार में बोझिल न हों, जो पाठ पढ़ लिए हैं उन्हें बंद करते जाएं, बार-बार उन पर जाने की जरूरत नहीं हैं।
  • जीवन ठहराव और गति के बीच का संतुलन है।
  • जब प्यार और नफरत दोनों ही न हों तो हर चीज साफ और स्पष्ट हो जाती है।
  • किसी से किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता नहीं है। आप स्वयं में जैसे हैं एकदम सही हैं। खुद को स्वीकारिये।
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