Thoughts From Osho: सफाई देने में और स्पष्ट करने में अपना कीमती समय बर्बाद ना करें, लोग वहीं सुनते हैं, जों सुनना चाहते हैं

Motivational Thoughts From Osho: ओशो के विचार हम सभी को कठिन से कठिन परिस्थिति में आगे बढ़ने की शक्ति देते हैं। ऐसे में आइये जानते हैं क्या कहते हैं ओशो।

Update:2024-09-16 07:30 IST

Osho Ke Anmol Vichar (Image Credit-Social Media)

Osho Ke Anmol Vichar: ओशो के विचार आपको जीवन की कई तरह की कठिनाइयों से निकलने का प्रयास करेंगे। जब आप जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करते-करते थक जाते हैं तो ऐसे में आपको ज़रूरत होती है किसी ऐसे विचारों की जो आपको बूस्ट अप कर सके। वहीँ ओशो के विचार आपको इन सभी मुश्किलों में लड़ने की ताकत और साहस देंगें। एक नज़र डालते हैं उनके इन सकारातमक विचारों पर।

ओशो के विचार (Osho Ke Anmol Vichar)

  • आत्मज्ञान एक समझ है कि यही सबकुछ है, यही बिलकुल सही है, बस यही है। आत्मज्ञान उप्लाब्धि नहीं है, लेकिन ये यह जानना है कि न कुछ पाना है और न ही कहीं जाना है।
  • अगर आपको कोई फूल पसंद है तो उसे तोड़े नहीं, क्योंकि अगर आप उसे तोड़ते हैं तो वह मुरझा जाता है। इसलिए अगर आप किसी से प्यार करते हैं तो उसे वैसे ही रहने दें।
  • असली सवाल यह है कि तुम अंदर से क्या हो, अगर तुम अंदर से गलत हो तो तुम जो भी करोगे, उससे गलत ही होगा। अगर तुम अंदर से सही हो तो तुम जो भी करोगे वह सही ही होगा।
  • सफाई देने में और स्पष्ट करने में अपना कीमती समय बर्बाद ना करें, लोग वहीं सुनते हैं, जों सुनना चाहते हैं।
  • योग एक विधि है, जो हमें सपनों से बाहर लाता है। योग एक विज्ञान है जो हमें यहां और अभी होना सिखाता है।
  • संसार सुंदर है, क्योंकि इसे ईश्वर ने बनाया है। जो संसार को गंदा कहता है, वह भगवान का तिरस्कार कर रहा है।
  • यदि आप एक दर्पण बन सकते हैं तो आप एक ध्यानी भी बन सकते हैं। ध्यान दर्पण में देखने की कला है और अब आप में कोई विचार नहीं चलता इसलिए कोई व्याकुलता नहीं होती।
  • जिस दिन आप ने सोच लिया कि आपने ज्ञान पा लिया है तो आपकी मृत्यु हो जाती है, क्योंकि अब न कोई आश्चर्य होगा, न कोई आनंद और न ही अचरज। अब आप मृत जीवन जिएंगे।
  • प्रेम स्वयं में पोषण है।
  • भावनाएं पत्थर नहीं, गुलाब के फूल समान हैं।
  • स्वयं से प्रेम करो।
  • सच्चा प्रेम अकेला होने में सक्षम है।
  • प्रेम को किसी आश्रय की आवश्यकता नहीं।
  • प्रेम मूलतः चित्त की एक स्थिति है।
  • बिना प्रेम के जीवन में कोई काव्य नहीं होता।
  • दुनिया से युद्ध तभी जाएंगे जब प्रेम फिर से दुनिया में प्रवेश करेगा।
  • प्रेमपूर्ण व्यक्ति स्वर्ग में जीता है।
  • प्रेम करना और प्रेम की मांग करना दो अलग बातें हैं। 
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