World Consumer Rights Day 2024: क्या होते हैं उपभोगता के अधिकार, जानिए इस विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर
World Consumer Rights Day 2024:भारत में क्या हैं उपभोगता के अधिकार साथ ही आइये जानते हैं विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का इतिहास, महत्व और इस साल की थीम।
World Consumer Rights Day 2024: विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस (World Consumer Rights Day 2024) हर साल 15 मार्च को मनाया जाता है। ये इस बात को सुनिश्चित करने का दिन है कि जब आप कोई चीज खरीदते हैं तो आप को अपने अधिकारों के बारे में पता हो। उपभोक्ता अधिकारों का मतलब है कि आपको अपने द्वारा खरीदी गई चीजों के बारे में महत्वपूर्ण बातें जानने का अधिकार है, जैसे कि क्या वो अच्छी गुणवत्ता वाली हैं, उनकी लागत कितनी है, और क्या वे सुरक्षित हैं। आइये जानते हैं एक उपभोगता के रूप में आपके क्या अधिकार हैं, साथ ही इस दिन का इतिहास और महत्त्व क्या है।
उपभोगता के अधिकार क्या हैं (Consumer Rights)
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की शुरुआत कंज्यूमर्स इंटरनेशनल नाम की संस्था की वजह से हुई। वो ये सुनिश्चित करना चाहते थे कि सामान खरीदते समय लोगों के पास सही विकल्प चुनने के लिए आवश्यक सारी जानकारी हो। इस दिन को साल 1983 से मनाया जा रहा है, जो 15 मार्च के दिन होता है। ये दिन साल 1962 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन फिट्जगेराल्ड कैनेडी द्वारा दिए गए एक भाषण की वजह से भी काफी महत्वपूर्ण है। उस भाषण में, उन्होंने चार महत्वपूर्ण अधिकारों के बारे में बात की थी, सुरक्षित रहने का अधिकार, जानने का अधिकार, चुनने का अधिकार, और सुने जाने का अधिकार। तभी से इस दिन को और बल मिला और इसे विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में आज भी मनाया जाता है।
हर साल विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का एक अलग फोकस होता है। जहाँ एक साल ये दिवस अधिक प्लास्टिक की समस्या से निपटने के बारे में था। इसका उद्देश्य लोगों को यह समझने में मदद करना था कि जो चीजें हम खरीदते हैं, खासकर प्लास्टिक की चीजें, वे पर्यावरण को कैसे प्रभावित कर सकती हैं।वहीँ इस साल विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2024 की थीम कंज्यूमर्स इंटरनेशनल द्वारा ' उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्ष और जिम्मेदार एआई ' के रूप में चुनी गई है।
आइये जानते हैं कि एक उपभोगता के रूप में भारत के संविधान (Consumer Rights in India) ने सभी नागरिकों को क्या अधिकार दिए हैं। लेकिन इसके पहले जानते हैं कि उपभोक्ता का अधिकार है क्या? दरअसल एक उपभोक्ता का अधिकार है कि वो जिस वस्तु का उपयोग कर रहा है उसकी गुणवत्ता, मात्रा, क्षमता, शुद्धता, कीमत और मानक के बारे में पर्याप्त जानकारी हो और एक उपभोक्ता के रूप में वो किसी भी कदाचार से सुरक्षित हों। आइये जानते हैं भारत में किसी व्यक्ति के मौलिक उपभोक्ता अधिकार क्या हैं।
सुरक्षा का अधिकार: उपभोक्ता को अपने दीर्घकालिक हितों की सुरक्षा के लिए बाजार में उपलब्ध उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का अधिकार है। भारत में उत्पादों के लिए गुणवत्ता चिह्न भारतीय मानक संस्थान (आईएसआई) (औद्योगिक, विद्युत उत्पादों के लिए), एगमार्क (या कृषि उत्पादों के लिए कृषि चिह्न), एफपीओ चिह्न (प्रसंस्कृत फल वस्तुओं के लिए) आदि हैं।
सूचित होने का अधिकार: उपभोक्ता उत्पादों के संबंध में सभी आवश्यक विवरण प्राप्त करने पर जोर दे सकता है और खुद को कदाचार से बचा सकता है।
चुनने का अधिकार: बाजार में उचित मूल्य पर उपलब्ध विभिन्न प्रकार के उत्पादों तक पहुंच प्राप्त करना उपभोक्ता का अधिकार है।
सुनवाई का अधिकार: उपभोक्ता के हित पर उचित ध्यान दिया जाएगा और उन्हें ऐसा करने के लिए उचित मंच प्रदान किया जाएगा।
निवारण पाने का अधिकार: उपभोक्ता को शोषण के मामले में निवारण का दावा करने और उचित समाधान की मांग करने का अधिकार है।
उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार: अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना उपभोक्ता की भी जिम्मेदारी है और इसलिए उपभोक्ता शिक्षा के अधिकार का अर्थ एक सूचित उपभोक्ता होने के लिए आवश्यक प्रासंगिक कौशल और ज्ञान प्राप्त करने का अधिकार है।