आकाश आनंद का वो बयान जिसके बाद मायावती ने उन्हें कर दिया ‘खामोश’, नेशनल को-ऑर्डिनेटर पद से भी हटाया

Akash Anand Speech: आकाश आनंद ने सीतापुर की एक जनसभा में बीजेपी सरकार को लेकर विवादित बयान दिया। जिसके बाद उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया। अब पार्टी ने उन्हें अपने पद से भी हटा दिया है। आइए, जानते हैं वो कौन सा बयान था।

Report :  Aniket Gupta
Update:2024-05-08 14:26 IST

Akash Anand Speech: लोकसभा चुनाव की राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। तीन चरणों के चुनाव समाप्त हो चुके हैं। तीसरे चरण के तहत 11 राज्यों की 93 लोकसभा सीटों पर मतदान की प्रक्रिया बीते दिन यानी मंगलवार को पूरी हुई। इसके साथ ही अब देश की 283 सीटों पर मतदान समाप्त हो चुका है। नेताओं के बीच अब अगले चरण के चुनावों को लेकर वार पलटवार का दौर जारी है। इसी चुनावी हलचल के बीच बसपा में आंतरिक हंगामा मचा हुआ है। दरअसल, कुछ दिनों पहले आकाश आनंद ने सीतापुर में एक जनसभा के दौरान कुछ ऐसा विवादित बयान दे दिया जो अब उन्हें भारी पड़ रहा है। पार्टी ने उन्हें नेशनल को-ऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया है। आइए, समझते हैं कि आखिर वो कौन सा विवादित बयान था, जिसकी वजह से उन्हें अपने राजनीतिक पद से हाथ धोना पड़ा।

आकाश आनंद का विवादित बयान

दरअसल, बीते 6 अप्रैल से बसपा नेता आकाश आनंद ने नगीना सीट से पार्टी के चुनावी अभियान की शुरूआत की थी। तब से लेकर 28 अप्रैल तक उन्होंने ताबड़तोड़ चुनावी जनसभाएं की। लगातार पक्ष पर पलटवार किए। लेकिन इसी चुनावी गहमागहमी में आकाश आनंद से एक चूक हो गई। 28 अप्रैल को सीतापुर की एक जनसभा में जनता को संबोधित करते हुए आकाश आनंद ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे आज उन्हें अपने पार्टी के नेशनल को-ऑर्डिनेटर पद से हटा दिया गया। आकाश आनंद ने सीतापुर के संबोधन में बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, भाजपा की सरकार बुलडोजर की सरकार नहीं, ये आतंकवादियों की सरकार है। अपनी जनता को गुलाम बना कर रखा है। समय आ गया है ऐसी सरकार को देश से अलविदा कहने का। बसपा सुप्रीमो मायावती को देश की प्रधानमंत्री बनाने का। आकाश ने पीएम मोदी को घेरते हुए कहा कि देश में रोजगार नहीं है। लोग अपने बच्चों को पढ़ा लिखाकर पकौड़े तलवाएंगे क्या? अंत में आकाश ने चुनाव आयोग को संबोधित करते हुए कहा कि यदि आपको ये सब झूठ लगता है तो आप आईए... और देखिए जमीनी हकीकत क्या है?”

बाबा साहेब के अनुयायी जाग चुके हैं: आकाश

इसके अलावा आकाश आनंद ने आगे कहा, “जो सरकार युवाओं को भूखा रखे, जो सरकार बड़े-बुज़ुर्गों को गुलाम बना कर रखे, ऐसी सरकार आतंकवादियों की सरकार होती है। ऐसी सरकार तालिबान अफ़ग़ानिस्तान में चलती है। उन्होंने कहा कि देश के हर कॉलेज विश्वविद्यालयों में दलित छात्रों के अधिकारों का हनन हो रहा है, लेकिन ये याद रखिएगा कि बाबा साहेब के अनुयायी जाग चुके हैं। वो दिन दूर नहीं, जब दिल्ली पर दलित प्रधानमंत्री होगा तब सबका हिसाब किया जाएगा। बाबा साहेब हमारी ताकत, हमारी शक्ति हैं, हमारे भगवान हैं। उनकी पूजा में दखल बर्दाश्त नहीं करुंगा। आज सीतापुर में पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं ने जो जोश और उत्साह दिखाया, वो इस बात का प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश एक बड़े बदलाव के लिए तैयार है।”

FIR के बाद रद्द हुई सारी सभाएं

इस जनसभा के बाद से ही देश की राजनीति में और हलचल मच गई। सत्त पक्ष के लोग बसपा व आकाश आनंद पर जुबानी हमले करने लगे। जनसभा के बाद ही आकाश आनंद सहित उनके पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन व विवादित बयान देने को लेकर एफआईआर दर्ज किया गया। आकाश आनंद का 1 मई को लखनऊ और कानपुर में सार्वजनिक सभा को संबोधित करना था, लेकिन दोनों सभाओं को बिना कोई कारण बताए स्थगित कर दिया गया। बसपा ने रैलियों को अचानक स्थगित करने का कोई कारण नहीं बताया, लेकिन घटनाक्रम से परिचित एक बसपा नेता ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद रैलियां स्थगित कर दी गई हैं।

मायावती ने खुद संभाली कमान

पार्टी के भीतर हलचल इसी दिन से शुरू हो गई थी। आकाश की सभी रैलियां रद्द हो गईं। फिर पार्टी के चुनावी अभियान का पूरा कमान सुप्रीमो मायावती ने संभाला। आकाश ने एफआईआर के बाद अब तक एक भी चुनावी रैली नहीं की। मायावती ने कमान संभालते हुए मुरैना, बदायूं, मैनपुरी व आगरा में चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। अब अचानक से बसपा ने फैसला लिया कि आकाश आनंद को नेशनल को-ऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया।

इन धाराओं में मामला दर्ज

बसपा नेता आकाश आनंद समेत सीतापुर से बसपा प्रत्याशी महेंद्र यादव, मिश्रिख से बीआर अहिरवार लखीमपुर खीरी से अंशय कालरा, मोहनलालगंज से राजेश उर्फ मनोज प्रधान और धौरहरा से श्याम किशोर अवस्थी और बसपा जिला अध्यक्ष विकास राजवंशी के विरुद्ध पुलिस ने शहर कोतवाली में 171सी 153बी, 505 तथा आरपी एक्ट की धारा 125 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। बसपा नेता आकाश आनंद पर हिंसा भड़काने की कोशिश करने और विवादित भाषा का प्रयोग करने का आरोप है।

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