UP Lok Sabha Election: अखिलेश यादव इस बार नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, कन्नौज में तेज प्रताप को उतारने की तैयारी
UP Lok Sabha Election 2024: कन्नौज के सपा नेताओं के साथ अखिलेश यादव आज महत्वपूर्ण बैठक करने वाले हैं और माना जा रहा है कि तेज प्रताप सिंह यादव के नाम पर मुहर लगाई जा सकती है।
UP Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के चुनाव क्षेत्र को लेकर काफी दिनों से अटकलें लगती रही हैं मगर अब यह लगभग तय हो गया है कि अखिलेश यादव इस बार के लोकसभा चुनाव की जंग में नहीं उतरेंगे। कन्नौज लोकसभा सीट से इस बारे वे अपने भतीजे व पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतार सकते हैं। तेज प्रताप बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव के दामाद भी हैं।
कन्नौज के सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ अखिलेश यादव आज महत्वपूर्ण बैठक करने वाले हैं और माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान तेज प्रताप सिंह यादव के नाम पर मुहर लगाई जा सकती है। अभी तक अखिलेश यादव के कन्नौज लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जाती रही है मगर सपा मुखिया आज इस संबंध में बड़ा फैसला ले सकते हैं।
कन्नौज की बैठक में आज होगा फैसला
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने आज कन्नौज में पार्टी की बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी के सभी जिम्मेदार नेताओं को बुलाया गया है। सपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस बैठक के दौरान कन्नौज लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी का नाम तय किया जाएगा।
कई लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद अखिलेश यादव अब सतर्क हो गए हैं। इस कारण वे कन्नौज के पार्टी नेताओं को विश्वास में लेकर ही उम्मीदवार का फैसला करना चाहते हैं।
सपा सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव इस बार खुद लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते और उन्होंने इस संबंध में अपने करीबी नेताओं को संकेत भी दे दिया है। हालांकि कन्नौज के सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से अखिलेश से ही चुनाव लड़ने का अनुरोध किया गया है।
माना जा रहा है कि आज की बैठक के दौरान अखिलेश यादव अपने भतीजे और पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव के नाम पर पार्टी नेताओं में सहमति बनाने की कोशिश करेंगे और इसके बाद तेज प्रताप की उम्मीदवारी का ऐलान किया जा सकता है।
इन दो क्षेत्रों से लगाई जा रही थी अटकलें
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पहले आजमगढ़ या कन्नौज से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं। आजमगढ़ से अखिलेश ने अपने भाई धर्मेंद्र यादव को चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया है। धर्मेंद्र यादव को पहले बदायूं से टिकट दिया गया था मगर बाद में सपा मुखिया ने अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को बदायूं से उतार कर धर्मेंद्र यादव को आजमगढ़ से टिकट दे दिया है।
सपा के एक और मजबूत गढ़ मैनपुरी से उनकी पत्नी डिंपल यादव चुनाव मैदान में उतरी हैं। ऐसे में अखिलेश यादव के लिए कन्नौज को ही विकल्प के तौर पर देखा जा रहा था मगर अब अखिलेश कन्नौज से भी चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगे।
सपा का गढ़ मानी जाती है कन्नौज सीट
कन्नौज लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है।कन्नौज लोकसभा सीट पर 1998 से 2014 तक लगातार समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को इस सीट पर करारा झटका लगा था। भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव की पत्नी और सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को हराकर सपा के इस किले को ध्वस्त कर दिया था।
भाजपा ने एक बार फिर सुब्रत पाठक को ही इस चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया है। सुब्रत पाठक टिकट की घोषणा से पहले ही क्षेत्र में सक्रिय बने हुए है। सपा इस लोकसभा क्षेत्र में इस बार भाजपा से हिसाब बराबर करना चाहती है। इसलिए अखिलेश यादव के चुनाव न लड़ने की स्थिति में तेज प्रताप सिंह यादव के रूप में मजबूत उम्मीदवार उतारने की तैयारी है।
2014 में मैनपुरी से जीते थे तेज प्रताप
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई रतन सिंह यादव के पोते तेज प्रताप सिंह ने 2014 में मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्होंने बड़ी जीत हासिल की थी। तेज प्रताप यादव की शादी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी राजलक्ष्मी से हुई है। ऐसे में तेज प्रताप के लिए लालू कुनबे का भी दबाव बना रहता है।
2014 में मुलायम दो संसदीय सीटों आजमगढ़ और मैनपुरी से चुनाव लड़े थे और उन्होंने दोनों ही सीटों पर जीत दर्ज की थी। बाद में उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी और इस सीट पर उपचुनाव कराया गया था। इस उपचुनाव में तेज प्रताप यादव ने जीत हासिल की थी। मैनपुरी सीट पर डिंपल यादव की उम्मीदवारी के बाद अब तेज प्रताप को कन्नौज लोकसभा सीट पर एडजस्ट करने की तैयारी है।