Loksabha Election 2024: अम्बेडकर नगर लोकसभा सीट पर भाजपा को सपा-बसपा ने की घेरने की तैयारी, जानें समीकरण

Ambedkar Nagar Seat Parliament Constituency: सरयू नदी से सटे अम्बेडकर नगर की पहचान पूर्वांचल के गांधी के रूप में मशहूर जयराम वर्मा और समाजवाद के पुरोधा डॉ राम मनोहर लोहिया की जन्मस्थली के रूप में होती है।

Written By :  Sandip Kumar Mishra
Update:2024-05-17 17:53 IST

Ambedkar Nagar Seat Parliament Constituency Details

Lok Sabha Election 2024: यूपी में अवध और पूर्वांचल के मुहाने पर स्थित अम्बेडकर नगर जिले का स्थापना अयोध्या का बंटवारा करके हुआ था। सरयू नदी से सटे अम्बेडकरनगर की पहचान पूर्वांचल के गांधी के रूप में मशहूर जयराम वर्मा और समाजवाद के पुरोधा डॉ राम मनोहर लोहिया की जन्मस्थली के रूप में होती है। अयोध्या के श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद इस लोकसभा क्षेत्र का महत्व भी बढ़ गया है। पर्यटन की दृष्टि से देखे तों श्रवण धाम एक महत्वपूर्ण स्थान है। इस बार अम्बेडकर नगर लोकसभा में राजनीतिक गुणा-गणित भी दिलचस्प देखने को मिल रहा है। भाजपा ने यहां के वर्तमान बसपाई सांसद रितेश पांडेय को अपना उम्मीदवार बनाया है। सांसद रितेश पांडेय कुछ महीना पहले हाथी की सवारी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। जबकि सपा ने लालजी वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाकर पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को साधने का प्रयास किया। वहीं बसपा ने इस बार कमर हयात अंसारी को अपना उम्मीदवार बनाकर अपने कोर वोटर्स के साथ मुस्लिम मतदाताओं को भी रिझाने का काम किया है। इस बार सपा ने यहां पूरे चुनाव को ही अगड़ा बनाम पिछड़ा कर दिया है।

Ambedkar Nagar Lok Sabha Chunav 2019 Details


Ambedkar Vidhan Sabha Chunav 2022 Details



Ambedkar Nagar Lok Sabha Chunav 2014 Details


Ambedkar Nagar Vidhan Sabha Chunav 2017 Details




अगर लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो यहां भाजपा और बसपा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला था। सपा बसपा के संयुक्त उम्मीदवार रहे रितेश पांडेय ने भाजपा के मुकुट बिहारी को 95,880 वोट से हराकर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में रितेश पांडेय को 5,64,118 और मुकुट बिहारी को 4,68,238 वोट मिले थे। जबकि शिवपाल यादव के प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के उम्मीदवार प्रेमनाथ निषाद को 2,390 वोट मिले थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के दौरान भाजपा के हरिओम पांडेय ने सपा के राकेश पांडेय को 1,39,429 वोट से हराकर इस सीट पर पहली बार कमल खिलाया था। इस चुनाव में हरिओम पांडेय को 4,32,104 और राकेश पांडेय को 2,92,675 वोट मिले थे। जबकि सपा के राम मूर्ति वर्मा को 2,34,467 और कांग्रेस के अशोक सिंह को 22,775 वोट मिले थे।

यहां जानें अम्बेडकर नगर लोकसभा क्षेत्र के बारे में


  • अम्बेडकर नगर लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 55 है।
  • यह लोकसभा क्षेत्र 1962 में अस्तित्व में आया था।
  • इस लोकसभा क्षेत्र का गठन अम्बेडकर नगर जिले के कटेहरी, टांडा, जलालपुर व अकबरपुर और अयोध्या के गोशाईंगंज विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है।
  • अम्बेडकर नगर लोकसभा के 5 विधानसभा सीटों सपा का कब्जा है।
  • यहां कुल 17,85,657 मतदाता हैं। जिनमें से 8,27,722 पुरुष और 9,57,879 महिला मतदाता हैं।
  • अम्बेडकर नगर लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 10,90,615 यानी 61.08 प्रतिशत मतदान हुआ था।

अम्बेडकर नगर लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास

अयोध्या (तब फैजाबाद) से अलग कर 29 सितंबर 1995 को अम्बेडकरनगर नए जिले के रूप में प्रदेश के मानचित्र पर आया था। अम्बेडकरनगर वह स्थान है जहां भगवान राम के वन जाने की पटकथा लिखी गयी थी। तमसा नदी के किनारे त्रेता युग मे राजा दशरथ के शब्द भेदी बाण से मातृ पितृ भक्त श्रवण कुमार की मौत हुई थी और श्रवण के माता पिता ने राजा दशरथ को पुत्र वियोग में मरने का श्राप दिया था। यही वह स्थान श्रवण धाम है। मुगल बादशाह अकबर 1566 में जब यहां आए तो उन्होंने तहसील तिराहे के पास एक मस्जिद बनवाई और आज यह किले वाली मस्जिद के नाम से पहचानी जाती है। साथ ही उन्होंने एक बस्ती भी बसाई, जिसे अकबरपुर नाम मिला। आगे चलकर यही शहर जिला मुख्यालय में बदल गया। इस लोकसभा सीट की पहचान कपड़ा बुनाई को लेकर भी है। यहां बना टेरीकाट कपड़ा और आराफाती गमच्छा विदेशों तक जाता है। सियासत की नजर से देखें तो अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट कभी बसपा का गढ़ रह चुका है। यहां से बसपा सुप्रीमो मायावती भी सांसद रह चुकी हैं। डॉ. लोहिया की धरती पर सपा ने बड़े चेहरे को उतार कर मजबूत संदेश देने की कोशिश की। लेकिन एक उपचुनाव के अलावा कभी सफलता हाथ नहीं लगी।

अम्बेडकर नगर पहले अकबरपुर सुरक्षित लोकसभा सीट के नाम से जानी जाती थी। इस लोकसभा सीट के गठन के बाद 1962 में हुए चुनाव में कांग्रेस के पन्ना लाल सांसद बने। फिर रामजी राम 1967 में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के टिकट पर जीत दर्ज करके सांसद बने। उन्होंने 1971 के चुनाव में भी कांग्रेस टिकट पर अपना जीत बरकार रखा। इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर मंगल देव विशारद सांसद बने। 1980 में जनता पार्टी (सेक्युलर) से राम अवध सांसद बने। 1984 में कांग्रेस ने फिर वापसी की और राम प्यारे सुमन सांसद बने। लेकिन कांग्रेस का यही जीत आखिरी रहा इसके बाद जनता दल के टिकट पर राम अवध 1989 और 1991 में सांसद बने।

बसपा सुप्रीमों मायावती यहां से रहीं हैं सांसद


सपा का 1992 में गठन होने के बाद 1996 के चुनाव में अयोध्या (तत्कालीन फैजाबाद) जिले के कद्दावर दलित नेता अवधेश प्रसाद को उम्मीदवार बनाया। अवधेश प्रसाद चुनाव भी पूरी मजबूती से लड़े, लेकिन बसपा के घनश्याम खरवार से 24,567 वोट से हार गए। उन्हें 1,69,046 मतदाताओं का साथ मिला। हार के बाद भी सपा के लिए यहां एक सुखद स्थिति यह जरूर रही कि उम्मीदवार को कुल 27.12 प्रतिशत वोट मिले जो पार्टी के कुल औसत मत 20.84 प्रतिशत से कहीं अधिक था। इसके बाद 1998 और 1999 के चुनाव में बसपा सुप्रीमों मायावती खुद यहां के चुनावी रण में उतरीं और जीत दर्ज कीं। इसके बाद 2002 में हुए उपचुनाव में बसपा के ही त्रिभुवन दत्त ने जीत दर्ज की। फिर 2004 के चुनाव में मायावती ने दुबारा पर्चा भर दिया। इस बार के चुनाव में भी जनता ने उनको दिल्ली भेज दिया। लेकिन 2004 में हुए उपचुनाव में सपा के शंखलाल माझी ने जीत दर्ज करके इस क्षेत्र में साइकिल दौड़ा दिया। 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह लोकसभा सीट अम्बेडकरनगर के रूप में अस्तित्व में आया। तब यहां से सामान्य वर्ग के उम्मीदवार भी अपना किस्मत आजमा सकते थे। 2009 के चुनाव में बसपा के टिकट पर राकेश पांडेय सांसद बने थे।

अम्बेडकर नगर लोकसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण

अम्बेडकरनगर लोकसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां दलित और मुस्लिम वोटों की अधिकता है। माना जाता है कि यहां करीब 4 लाख दलित मतदाता, तीन लाख 70 हजार मुस्लिम, 1 लाख 78 हजार से अधिक कुर्मी, 1 लाख 70 हजार यादव, लगभग 1 लाख 35 हजार ब्राह्मण, एक लाख के करीब ठाकुर मतदाता हैं। बाकी अन्य जाति के मतदाता हैं। 2024 के चुनाव में ठाकुर वोटरों की चुप्पी भाजपा के लिए चिंता का सबब बनी हुई है।

अम्बेडकर नगर लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद

  • कांग्रेस से पन्ना लाल 1962 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया से रामजी राम 1967 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से रामजी राम 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता पार्टी से मंगल देव विशारद 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता पार्टी (सेक्युलर) से राम अवध 1980 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से राम प्यारे सुमन 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता दल से राम अवध 1989 और 1991 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से घनश्याम खरवार 1996 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से मायावती 1998 और 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुनी गईं।
  • बसपा से त्रिभुवन दत्त 2002 में लोकसभा उपचुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से मायावती 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुनी गईं।
  • सपा से शंखलाल माझी 2004 में लोकसभा उपचुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से राकेश पांडेय 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से हरिओम पांडेय 2014 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से रितेश पांडेय 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
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