UP Lok Sabha Election: राजा भैया पर अनुप्रिया पटेल की टिप्पणी से क्षत्रिय नाराज, मिर्जापुर सीट पर बढ़ सकती हैं मुश्किलें

UP Lok Sabha Election: क्षत्रिय संगठनों ने भी अनुप्रिया पटेल के बयान पर नाराजगी जताई है। यह नाराजगी भाजपा के लिए भी बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-05-22 03:30 GMT

अनुप्रिया पटेल और राजा भैया  (photo: social media ) 

UP Lok Sabha Election: केंद्रीय मंत्री और अपना दल (एस) की मुखिया अनुप्रिया पटेल इस बार फिर मिर्जापुर संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतरी हैं। पिछले दिनों उन्होंने प्रतापगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान चुनौती भरे अंदाज में राजा भैया पर हमला करते हुए कहा था कि कुंडा किसी की जागीर नहीं है। लोकतंत्र में अब राजा रानी के पेट से नहीं बल्कि ईवीएम के बटन से पैदा होता है। बाद में राजा भैया ने सोमवार को कुंडा में मतदान के बाद अनुप्रिया पटेल के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई थी।

अनुप्रिया पटेल के इस बयान पर प्रतापगढ़ और कौशांबी के राजा भैया समर्थकों में काफी नाराजगी दिख रही है। राजा भैया की टीम ने अब अनुप्रिया पटेल के खिलाफ मिर्जापुर में चुनाव प्रचार करने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इस दौरान राजा भैया भी अनुप्रिया पटेल के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं।

क्षत्रिय संगठनों ने भी अनुप्रिया पटेल के बयान पर नाराजगी जताई है। यह नाराजगी भाजपा के लिए भी बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। पूर्वांचल की कई महत्वपूर्ण सीटों पर छठवें और सातवें चरण में मतदान होना है और ऐसे में क्षत्रिय मतों का छिटकना एनडीए के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है।

राजा भैया समर्थक करेंगे अनुप्रिया के खिलाफ प्रचार

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की ओर से राजा भैया के खिलाफ दिए गए बयान की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। उनके बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ है। अनुप्रिया पटेल के बयान से राजा भैया के समर्थकों में नाराजगी दिख रही है और उन्होंने मिर्जापुर में अनुप्रिया पटेल के खिलाफ चुनाव प्रचार करने का ऐलान कर दिया है।

चर्चा तो यहां तक सुनी जा रही है कि खुद राजा भैया भी अनुप्रिया पटेल के खिलाफ मिर्जापुर में चुनाव प्रचार कर सकते हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि राजा भैया के खिलाफ की गई अनुप्रिया पटेल की टिप्पणी उनकी मुसीबत बढ़ाने वाली साबित हो सकती है।

दरअसल मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र में क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या करीब एक लाख है और इन क्षत्रिय मतदाताओं की नाराजगी से अनुप्रिया पटेल के लिए सियासी मुश्किलें पैदा हो सकती हैं।


क्षत्रिय संगठनों ने जताई नाराजगी

मिर्जापुर के क्षत्रिय संगठनों ने भी अनुप्रिया पटेल के बयान पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि राजा भैया को लेकर इस तरह का बयान नहीं दिया जाना चाहिए था। राष्ट्रीय हिंदू क्षत्रिय वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तरुणेन्द्र सिंह अहिरवार ने कहा की रानी की कोख से राजा ही तो पैदा होगा और कौन होगा। ऐसे बयान की हम घोर निंदा करते हैं और हमारा समाज ऐसे बयान को कभी स्वीकार नहीं करेगा।

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के पूर्व संगठन मंत्री सुरेश कुमार सिंह ने भी इस बयान को अपने समाज पर हमला बताया है। प्रताप वाहिनी क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि यह बयान समाज को आहत करने वाला है। विजयपुर स्टेट के अनिल प्रताप सिंह ने भी इस बयान पर आक्रोश जताया।


अनुप्रिया पटेल ने दिया था यह बयान

दरअसल अनुप्रिया पटेल कौशांबी से भाजपा प्रत्याशी विनोद सोनकर का प्रयास प्रचार करने के सिलसिले में पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने अपने चुनावी भाषण में राजा भैया पर इशारों में तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र में राजा या रानी किसी के पेट से पैदा नहीं होते।

अनुप्रिया पटेल का कहना था कि अब राजा ईवीएम के बटन से पैदा होता है। स्वघोषित राजाओं को लगता है कि कुंडा उनकी जागीर है मगर सच्चाई में ऐसा नहीं है। अब जनता का वोट ही किसी को ताकतवर बना सकता है और ऐसे लोगों का भ्रम तोड़ने के लिए वोटिंग बहुत बड़ा हथियार है।


राजा भैया का अनुप्रिया पर पलटवार

कौशांबी में सोमवार को मतदान के दौरान राजा भैया ने अनुप्रिया पटेल को जवाब भी दिया था। राजा भैया का कहना था कि इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि राजा या रानी अब पैदा होने बंद हो गए हैं। ईवीएम से अब राजा नहीं बल्कि जन सेवक पैदा होता है। ईवीएम से पैदा होने वाले यदि खुद को राजा मान लेंगे तो लोकतंत्र की मूल भावना ही खत्म हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान जनता ईवीएम का बटन दबाकर आपको यह मौका देती है कि आप जनता की सेवा करें। यदि आप जनता की सेवा नहीं करेंगे तो जनता आपको सबक भी सिखा सकती है। राजतंत्र तो न जाने कब का समाप्त हो चुका है मगर कुछ कुंठित लोग अभी भी उसी की चर्चा करने में जुटे हुए हैं। ऐसे लोगों से मुझे कोई शिकायत नहीं है।

इसके साथ ही राजा भैया ने कौशांबी के भाजपा प्रत्याशी विनोद सोनकर के प्रति लोगों में भारी नाराजगी होने के बाद भी कही थी। इसे राजा भैया की ओर से सपा को समर्थन देने का संकेत माना गया था।


क्षत्रिय मतदाताओं की बढ़ सकती है नाराजगी

अब आने वाले दिनों में मिर्जापुर लोकसभा सीट पर भी इसका असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी ने इस बार रमेश बिंद को अपना प्रत्याशी बनाया है। रमेश बिंद ने पिछला लोकसभा चुनाव भदोही संसदीय सीट से भाजपा के टिकट पर जीता था मगर इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट दिया था। इसके बाद वे समाजवादी पार्टी के संपर्क में बने हुए थे। बाद में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उन्हें मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र से उतरने का ऐलान कर दिया था।

माना जा रहा है कि राजा भैया समर्थकों के प्रचार और क्षत्रिय संगठनों की नाराजगी से क्षत्रिय मतदाताओं का रुख अनुप्रिया पटेल के खिलाफ जा सकता है जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इलाहाबाद और प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर भी इसका असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

Tags:    

Similar News