Loksabha Election 2024: आंवला लोकसभा सीट को भाजपा का गढ़ बनने से रोकने की है लड़ाई

Loksabha Election 2024 Aonla Seats Details: आंवला लोकसभा सीट पर भाजपा ने 1989 में पहली बार कमल खिलाय़ा था। इस चुनाव में राजवीर सिंह बनें। वह 1991 में भी अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। हालांकि 1996 में यह सीट सपा खाते में चली गई। जानें यहां का समीकरण

Written By :  Sandip Kumar Mishra
Written By :  Yogesh Mishra
Update:2024-04-22 16:04 IST

Loksabha Election 2024: यूपी के आंवला लोकसभा सीट पर भाजपा ने तीसरी बार धर्मेंद कश्यप को उम्मीदवार बनाया है। जबकि सपा ने नीरज मौर्य पर दांव लगाया है। वहीं बसपा ने अल्पसंख्यक मतदाताओं को साधने के लिए सय्यद आबिद अली को उम्मीदवार बनाया है। हर बार की तरह सभी राजनीतिक दलों की निगाहें पिछड़े वर्ग के मतदाताओं पर है। अगर लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो इस सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिला था। भाजपा के धर्मेंद्र कश्यप ने सपा बसपा के संयुक्त उम्मीदवार रहीं रुचि वीरा को 1,13,743 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी।

इस चुनाव में धर्मेंद्र कश्यप ने 5,37,675 और रुचि वीरा को 4,23,932 वोट हासिल हुए थे। जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार कुँवर सर्वराज सिंह को महज 62,548 वोट मिले थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2014 की बात करें तो मोदी लहर के दौरान भाजपा के धर्मेंद्र कश्यप ने सपा के कुँवर सर्वराज सिंह को 1,38,429 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में बसपा के सुनीता शाक्य को 1,90,200 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के सलीम इक़बाल शेरवानी को 93,861 और अखिल भारत हिंदू महासभा के टिकट पर चुनावी मैंदान में उतरे योगेन्द्र कुमार वर्मा को 4,332 वोट मिले थे


यहां जानें आंवला लोकसभा क्षेत्र के बारे में

आंवला लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 24 है।

यह लोकसभा क्षेत्र 1962 में अस्तित्व में आया था।

आंवला लोकसभा क्षेत्र का गठन बरेली जिले के फरीदपुर, बिथरी चैनपुर व आंवला और शाहजहांपुर जिले के शेखूपुर, दातागंज विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है।

आंवला लोकसभा क्षेत्र के 5 विधानसभा सीटों में से 5 पर भाजपा और 1 पर सपा के विधायक हैं।

आंवला लोकसभा क्षेत्र में कुल 17,85,605 मतदाता हैं। जिनमें से 8,08,183 पुरुष और 9,77,335 महिला मतदाता हैं।

आंवला लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 10,52,902 यानी 58.97 प्रतिशत मतदान हुआ था।

आंवला लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास

यूपी के रुहेलखंड क्षेत्र में पड़ने वाले बरेली जिले में 2 लोकसभा सीटें आती हैं। जिसमें आंवला लोकसभा सीट भी शामिल है। यह क्षेत्र अपने आंवले की खेती के लिए जाना जाता है, यहां पर बड़ी संख्या में आंवले के पेड़ पाए जाते हैं। प्रदेश की सियासत में आंवला सीट हमेशा से चर्चा में रहा है। आंवला क्षेत्र का अपना प्राचीन इतिहास भी रहा है। बरेली के आंवला तहसील के रामनगर गांव में उत्तरी पंचाल की राजधानी अहिछत्र के अवशेष मिले थे। यहीं पर गुप्तकालीन दौर के सिक्के भी मिले। इसके अलावा माना जाता है कि महात्मा बुद्ध ने भी अहिछत्र क्षेत्र का दौरा किया था। कहा जाता है कि रुहेलों ने 17वीं सदी की शुरुआत में यहां राज किया और बेशुमार मस्जिदें और कुएं बनवाए। उस वक्त यह खूबसूरत शहरों में गिना जाता था। लेकिन बाद में लखनऊ के नवाबों, फिर अंग्रेजों ने इस शहर को खूब लूटा। वहीं आंवला लोकसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो यहां से इंदिरा गांधी परिवार की बहू मेनका गांधी भी सांसद रह चुकी हैं। आंवला लोकसभा सीट पर 1962 में हुए पहले चुनाव में हिंदू महासभा के टिकट पर बृजराज सिंह को जीत मिली थी। फिर 1967 में कांग्रेस को यहां से जीत मिली। सावित्री श्याम यहां की सांसद बनीं। फिर 1971 के चुनाव में भी वही सांसद बनीं। लेकिन 1977 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और हैट्रिक लगाने से चूक गईं। 1980 में जनता पार्टी तो 1984 में कांग्रेस ने फिर यहां वापसी की।

आंवला लोकसभा सीट पर 1989 में पहली बार खिला कमल

आंवला लोकसभा सीट पर भाजपा ने 1989 में पहली बार कमल खिलाय़ा था। इस चुनाव में राजवीर सिंह बनें। वह 1991 में भी अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। हालांकि 1996 में यह सीट सपा खाते में चली गई। सपा के सर्वराज सिंह सांसद बने। लेकिन 1998 में भाजपा के राजवीर ने तीसरी बार वापसी की। फिर 1999 में सर्वराज सिंह सपा के टिकट पर चुनाव जीत गए। लेकिन 2004 के चुनाव में जेडीयू के टिकट पर विजयी हुए। साल 2009 के चुनाव में मेनका गांधी यहां से चुनाव लड़ने आईं और बीजेपी के टिकट पर शानदार जीत हासिल की। बता दें कि भाजपा को इस सीट पर आज तक 6 बार सफलता हाथ लगी है।

आंवला लोकसभा में जातीय समीकरण

आंवला लोकसभा सीट के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां मुस्लिम और दलित मतदाताओं की अहम भूमिका होती है। क्षत्रिय मतदाता भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं। बता दें कि 3 लाख मुस्लिम और 3 लाख दलित मतदाता हैं। इसके बाद कश्यप, क्षत्रिय और मौर्य मतदाताओं की संख्या 2,50,000-2,50,000 है। वहीं यादव मतदाता की संख्या करीब 2,00,000 है। इनके अलावा 1,00,000 वैश्य और 1,50,000 ब्राह्मण मतदाता हैं। 

आंवला लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद

  • हिंदू महासभा से बृजराज सिंह 1962 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से सवित्री श्याम 1967 और 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुनी गईं।
  • जनता पार्टी से बृजराज सिंह 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता पार्टी (सेक्युलर) से जयपाल सिंह कश्यप 1980 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से कल्याण सिंह सोलंकी 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से राज वीर सिंह 1989 और 1991 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से सर्वराज सिंह 1996 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से राज वीर सिंह 1998 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से सर्वराज सिंह 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जेडीयू से सर्वराज सिंह 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से मेनका गांधी 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से धर्मेन्द्र कश्यप 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
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