Lok Sabha Election 2024: पल्लवी पटेल ने ओवैसी से मिलाया हाथ, तीन दर्जन से अधिक सीटों पर लड़ने की तैयारी

Lok Sabha Election 2024: सपा गठबंधन से अलग होने के बाद अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी से हाथ मिला लिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-03-31 11:39 IST

अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने एआईएमआईएम से किया गठबंधन (सोशल मीडिया) 

Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में अब एक नया गठबंधन बन गया है। सपा गठबंधन से अलग होने के बाद अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी से हाथ मिला लिया है। उत्तर प्रदेश में बना यह नया गठबंधन प्रदेश की तीन दर्जन से अधिक लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार सकता है। जानकार सूत्रों के मुताबिक पल्लवी पटेल की ओर से रविवार को इस नए गठबंधन का ऐलान किया जा सकता है।

लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले पर जोर देते रहे हैं। दूसरी ओर अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल भी ओवैसी से हाथ मिलाकर पिछड़ा, दलित, मुस्लिम समीकरण साधने की कोशिश कर रही हैं। ऐसे में पल्लवी पटेल और ओवैसी का यह गठबंधन आने वाले लोकसभा चुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है।

राज्यसभा चुनाव के दौरान हुई थी तनातनी

राज्यसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के चयन को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल के बीच तनातनी हुई थी। पल्लवी पटेल ने जया बच्चन और आलोक रंजन को प्रत्याशी बनाए जाने पर आपत्ति जताई थी। वे रामजीलाल सुमन के नाम पर तो सहमत थीं मगर बाकी दो नाम पर उन्होंने नाराजगी जताई थी। राज्यसभा चुनाव के दौरान सपा के कई विधायक की क्रॉस वोटिंग के कारण आलोक रंजन को हार का सामना करना पड़ा था।

पल्लवी के इस रुख पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि अपना दल कमेरावादी 2022 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन में जरूर शामिल था मगर अब 2024 में गठबंधन में शामिल नहीं है। इसके बाद पल्लवी पटेल का कहना था कि कांग्रेस को यह तय करना चाहिए कि अपना दल कमेरावादी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है या नहीं।

अब पल्लवी ने ओवैसी से मिलाया हाथ

कई दिनों तक इंतजार करने के बावजूद पल्लवी पटेल को कांग्रेस की ओर से कोई जवाब नहीं मिला और तब उन्होंने नए विकल्पों की तलाश शुरू कर दी। उनके बसपा के साथ जाने की चर्चाएं भी सुनी जा रही थीं मगर अब उन्होंने एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के साथ हाथ मिला लिया है। माना जा रहा है कि यह नया गठबंधन दलित, पिछड़ा और मुस्लिम मतों के जरिए लोकसभा चुनाव में दूसरे दलों के लिए मुसीबत बनेगा।

जानकार सूत्रों का कहना है कि आज इस नए गठबंधन का ऐलान किया जा सकता है। इस गठबंधन में पल्लवी पटेल दलित और पिछड़ों को एकजुट बनाने की कोशिश करेंगी जबकि ओवैसी के जरिए मुस्लिम मतों का समीकरण साधने का प्रयास किया जाएगा। इससे विपक्षी गठबंधन खास तौर पर अखिलेश यादव को बड़ा सियासी झटका लग सकता है।

सपा मुखिया से हिसाब बराबर करने की कोशिश

इस नए गठबंधन की ओर से उत्तर प्रदेश की तीन दर्जन से अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी है। पल्लवी पटेल अखिलेश यादव से मिर्जापुर फूलपुर और कौशांबी सीटें मांग रही थीं मगर अखिलेश यादव ने मिर्जापुर से अपने प्रत्याशी का ऐलान करके संकेत दे दिया कि ऐसा नहीं होगा।

अखिलेश यादव के इस कदम से नाराज पल्लवी पटेल अब सपा मुखिया से हिसाब बराबर करने की कोशिश में जुट गई हैं। जानकारों का करना है कि उत्तर प्रदेश में इस नए गठबंधन में पल्लवी पटेल और ओवैसी के अलावा राज्य के कुछ अन्य छोटे दलों को भी शामिल किया जा सकता है। 

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