Loksabha Election 2024: फैजाबाद लोकसभा सीट पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बदल गई है सियासी हवा, जानें समीकरण

Ayodhya Seat Parliament Constituency Details: भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाने के लिए तीसरी बार लल्लू सिंह पर दांव लगाया है। जबकि सपा ने दलित और ओबीसी समीकरण साधने के लिए पुराने नेता अवधेश प्रसाद को चुनावी रण में उतारा है।

Written By :  Sandip Kumar Mishra
Written By :  Yogesh Mishra
Update:2024-05-06 15:42 IST

Ayodhya Loksabha Seats Details

Lok Sabha Election 2024: सरयू नदी के किनारे बसे धार्मिक नगर अयोध्या के राम मंदिर मुद्दे ने देश को नई सियासी तासीर दी। यह देश की राजनीति के लिए बड़ा मुद्दा है। यहां की सियासत की बात करें तो अयोध्या भी राम मंदिर मुद्दे की भावनाओं में डूबती-उतराती रही है। प्रभु श्रीराम के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद इस समय न सिर्फ अयोध्या की सियासी हवा बदल गई है बल्कि पूरे प्रदेश में भी माहौल बना हुआ है। जिले का नाम भी बदलकर अयोध्या कर दिया गया है। लेकिन लोकसभा सीट अब भी फैजाबाद ही है। भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाने के लिए तीसरी बार लल्लू सिंह पर दांव लगाया है। जबकि सपा ने दलित और ओबीसी समीकरण साधने के लिए पुराने नेता अवधेश प्रसाद को चुनावी रण में उतारा है। वहीं बसपा ने सच्चिदानंद पांडेय सचिन को उम्मीदवार बनाकर सवर्ण और दलित समीकरण साधने की कोशिश की है। इस बार देखना ये है कि राम मंदिर मुद्दे पर ये जातीय गुणा-गणित कितना असर डालते हैं।

अगर लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो यहां कांटेदार मुकाबला देखने को मिला था। भाजपा के लल्लू सिंह ने सपा बसपा के संयुक्त उम्मीदवार रहे आनंद सेन यादव को 65,477 वोट से हराकर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में लल्लू सिंह को 5,29,021 और आनंद सेन यादव को 4,63,544 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के डॉ. निर्मल खत्री को महज 53,386 वोट मिले थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के दौरान भाजपा की ओर से कई बार विधायक रहे और दिग्गज नेता लल्लू सिंह ने सपा के पूर्व सांसद मित्रसेन यादव को 2,82,775 वोट से हराकर करीब एक दशक बाद इस सीट को भाजपा के खाते में डाला था। इस चुनाव में लल्लू सिंह को 4,91,761 और मित्रसेन यादव को 2,08,986 वोट मिले थे। जबकि बसपा के जीतेन्द्र कुमार सिंह (बबलू) को 1,41,827 और कांग्रेस के डॉ. निर्मल खत्री को 1,29,917 वोट मिले थे।


Faizabad Vidhan Sabha Chunav 2022 Details 




                                        Faizabad Lok Sabha Chunav 2014 Details


यहां जानें फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र के बारे में (Ayodhya Loksabha Seat Details in Hindi)

फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 54 है।

यह लोकसभा क्षेत्र 1957 में अस्तित्व में आया था।

इस लोकसभा क्षेत्र का गठन अयोध्या जिले के रुदौली, मिल्कीपुर, बीकापुर व अयोध्या और बाराबंकी जिले के दरियाबाद विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है।

फैजाबाद लोकसभा के 5 विधानसभा सीटों में से 4 पर भाजपा और 1 पर सपा का कब्जा है।

यहां कुल 18,21,785 मतदाता हैं। जिनमें से 8,47,824 पुरुष और 9,73,904 महिला मतदाता हैं।

फैजाबाद लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 10,87,420 यानी 59.69 प्रतिशत मतदान हुआ था।

फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास (Ayodhya Loksabha Seat Political History)

फैजाबाद शहर का पुराना नाम साकेत हुआ करता था। अयोध्या शहर फैजाबाद जिले का हिस्सा है, फिर योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने 6 नवंबर 2018 को जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया। फैजाबाद लोकसभा सीट पर कम्युनिस्ट पार्टी भी खाता खोल चुकी है लेकिन सबसे ज्यादा सात बार कांग्रेस ने ही जीत दर्ज की है। उसके बाद भाजपा यहां से पांच बार जीत दर्ज कर चुकी है। भाजपा का खाता यहां राम लहर में ही खुला था। इस मुद्दे के साथ ही अयोध्या के विकास का मुद्दा और यहां के जातीय समीकरण भी सियासत की दिशा तय करते रहे हैं। यही वजह है कि राम मंदिर की लहर के बाद भी यहां सपा और बसपा जीतने में सफल रही हैं। फैजाबाद लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1957 में हुआ। तब से लगातार चार बार इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा। पहले चुनाव में स्वतंत्रता सेनानी कांग्रेस के राजाराम मिश्र ने जीत दर्ज की। दूसरे चुनाव में बृजवासी लाल को टिकट दिया गया। वह भी जीत गए। उसके बाद 1967 और 1971 में स्वतंत्रता सेनानी राम कृष्ण सिन्हा कांग्रेस से लगातार दो बार चुनाव जीते। इमरजेंसी के बाद पहली बार यहां हवा का रुख बदला। जनता पार्टी के अनंतराम जायसवाल सांसद चुने गए। हालांकि 1980 में एक बार फिर कांग्रेस ने वापसी की। जय राम वर्मा सांसद चुने गए।

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए 1984 के चुनाव में भी कांग्रेस के निर्मल खत्री ने चुनाव जीता। उसके बाद कांग्रेस के खिलाफ सभी पार्टियां एकजुट हुईं और पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के नेतृत्व में मोर्चा बना तो फिर फैजाबाद सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भी जीत दर्ज करने में सफल रही। यहां से मित्रसेन यादव सांसद चुने गए। जब 1991 में चुनाव हुआ तो पूरे देश में राम मंदिर की लहर थी। उसी लहर में पहली बार भाजपा ने फैजाबाद सीट पर पहली जीत दर्ज की। मंदिर आंदोलन के फायर ब्रैंड नेताओं में से एक विनय कटियार यहां से सांसद बने। वह लगातार दूसरी बार 1996 का चुनाव भी जीतने में सफल रहे। उसके बाद से यहां फिर जातीय गुणा-गणित की लड़ाई शुरू हुई। ऐसे में 1998 का चुनाव मित्रसेन यादव ने सपा के टिकट से जीत लिया। अगले ही साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में फिर से विनय कटियार ने जीत हासिल की। बदलाव का यह दौर चलता रहा। मित्रसेन यादव 2004 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर सांसद बने। वहीं 2009 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर निर्मल खत्री सांसद बने।

फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र के चुनावी मुद्दें 

फैजाबाद लोकसभा सीट के चुनावी मुद्दों की करें तो यहां पर राम मंदिर के साथ ही अयोध्या और आसपास का विकास अहम मुद्दा रहा है। वर्षों से इस पर राजनीति तो होती रही और सरकारें बनती-बिगड़ती रहीं लेकिन अयोध्या नहीं बदली। इस विकास के नाम पर भी राजनीति हुई लेकिन बदलाव नहीं हुआ। अब राम मंदिर बनने के बाद यह एक बार फिर से बड़ा मुद्दा है। मंदिर के साथ ही सरकार ने जो और योजनाएं शुरू की हैं, उससे लोगों को उम्मीद जागी है। अयोध्या और आसपास पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम किए जा रहे हैं। हवाई अड्डा शुरू हो चुका है। नई अयोध्या बस रही है। कई बड़े हाउसिंग प्रॉजेक्ट और होटलों का निर्माण के लिए सैकड़ों प्रस्ताव आए हैं। घाटों की मरम्मत और उसका सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।

फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण

फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण की बात करें यहां बहुत अहम हैं। यहां करीब 1.50 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। हिंदू मतदाताओं में सबसे ज्यादा 7.20 लाख ओबीसी मतदाता हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा यादव हैं। उसके बाद फिर कुर्मी, पाल सहित कई जातियां हैं। एससी मतदाताओं की संख्या 4.70 लाख है तो सामान्य मतदाता भी कम नहीं हैं। इनकी संख्या 5.65 लाख है। ऐसे में ओबीसी मतदाताओं की संख्या ज्यादा होने के कारण उन पर सभी दलों की खास निगाह रहती है।

फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद (Ayodhya Loksabha Seat MP List)

  • कांग्रेस से राजा राम मिश्र 1957 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से बृज बसी लाल 1962 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से राम कृष्ण सिन्हा 1967 और 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता पार्टी से अनंतराम जयसवाल 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से जय राम वर्मा 1980 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से निर्मल खत्री 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से मित्रसेन यादव 1989 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से विनय कटियार 1991 और 1996 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से मित्रसेन यादव 1998 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से विनय कटियार 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से मित्रसेन यादव 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से निर्मल खत्री 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से लल्लू सिंह 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
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