Akhilesh Yadav के भाई और आजमगढ़ से सपा कैंडिडेट धर्मेंद्र यादव पर केस दर्ज, 42 गाड़ियों का 'भौकाल' पड़ा भारी

Azamgarh News: चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार आचार संहिता लागू होने के बाद कोई उम्मीदवार अपने काफिले में 10 से अधिक गाड़ियां लेकर नहीं चल सकता।

Written By :  aman
Update:2024-03-24 16:23 IST

धर्मेंद्र यादव (Social Media)

UP Lok Sabha Elections 2024: यूपी के आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव (SP Leader Dharmendra Yadav) के खिलाफ आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) उल्लंघन का मुकदमा दर्ज हुआ है। सपा कैंडिडेट धर्मेंद्र यादव 22 मार्च को आजमगढ़ की मेंहनगर विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचन आयोग की अनुमति से अधिक गाड़ियां लेकर चल रहे थे।

आपको बता दें, चुनाव आयोग की गाइडलाइन (Election Commission guidelines) के अनुसार, आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद प्रत्याशियों के काफिले में 10 से अधिक गाड़ियां नहीं चल सकती। वहीं, धर्मेंद्र यादव के काफिले में 42 से भी अधिक गाड़ियां थी।

सपा MLC गुड्डू जमाली के खिलाफ भी केस दर्ज 

आजमगढ़ के मेंहनगर थाने में सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव के साथ 42 अन्य लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है। यूपी पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है। इससे पहले, समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य गुड्डू जमाली (SP MLC Guddu Jamali) के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया था।

जानें क्या है मामला?

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव लोकसभा चुनाव को देखते हुए जनसंपर्क अभियान चला रहे थे। 22 मार्च को उनका काफिला मेहनगर पहुंचा था। इनके काफिले में 42 से अधिक गाड़ियां थीं। जिसके बाद आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव के साथ 42 अन्य लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। 

सपा पदाधिकारी के बीच हुई थी हाथापाई

आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव की चुनावी जनसभा में एक दिन पूर्व ही सपा के पदाधिकारियों के बीच हाथापाई देखने को मिला था। सपा नेताओं में जमकर मारपीट हुई थी। इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ। सपा नेताओं के बीच मारपीट के पीछे सेल्फी लेना विवाद की मुख्य वजह बताया गया। स्थानीय विधायक एचएन पटेल का भी विरोध हुआ था। स्थानीय लोगों का कहना है कि 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद स्थानीय विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में ही नहीं आते। स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा था।

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