Loksabha Election 2024: बस्ती लोकसभा सीट पर भाजपा के हरीश द्विवेदी कर रहे हैं हैट्रिक लगाने की तैयारी, जानें समीकरण

Basti Seat Parliament Constituency Details: बस्ती लोकसभा सीट पर भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाने के लिए यहां के वर्तमान सांसद हरीश द्विवेदी पर तीसरी बार दांव लगाया है।

Written By :  Sandip Kumar Mishra
Update:2024-05-19 18:05 IST

Lok Sabha Election 2024: यूपी के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित बस्ती जिले का अपना अलग राजनीतिक महत्ता है। इस जिले को हिंदी के महान साहित्यकार आचार्य राम चंद्र शुक्ल और सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की वजह से भी जाना जाता है। बस्ती एक मंडल भी है और इसके तहत 3 जिले बस्ती, सिद्धार्थनगर और संत कबीर नगर आते हैं। बस्ती लोकसभा सीट पर भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाने के लिए यहां के वर्तमान सांसद हरीश द्विवेदी पर तीसरी बार दांव लगाया है। जबकि सपा ने राम प्रसाद चौधरी को चुनावी रण में उतारा है। वहीं बसपा ने लव कुश पटेल को उम्मीदवार बनाया है। इस बार यहां भाजपा कार्यकर्ताओं में अंदरूनी कलह के चलते लड़ाई दिलचस्प देखने को मिल रही है। यहां भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष दयाशंकर मिश्र ने पार्टी छोड़कर बसपा से टिकट हासिल कर लिया था। लेकिन कुछ समय बाद बसपा ने उनका टिकट काटकर लव कुश पटेल को दे दिया।

Basti Lok Sabha Chunav 2019 Details


Basti Vidhan Sabha Chunav 2022 Details


Basti Lok Sabha Chunav 2014 Details


अगर लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो बस्ती सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की वजह से हरीश द्विवेदी को अंत तक कड़ा संघर्ष करना पड़ा था। भाजपा के सांसद हरीश द्विवेदी ने सपा बसपा के संयुक्त उम्मीदवार रहे राम प्रसाद चौधरी को 30,354 वोट से हराकर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में हरीश द्विवेदी को 4,71,163 और राम प्रसाद चौधरी को 4,40,808 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के राज किशोर सिंह को 86,920 और सुभासपा के विनोद कुमार राजभर को 11,971 वोट मिले थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के दौरान भाजपा के हरीश द्विवेदी ने सपा के बृजकिशोर सिंह "डिम्पल" को 33,562 वोट से हराकर करीब एक दशक बाद इस सीट को भाजपा के झोली में डाला था। इस चुनाव में हरीश द्विवेदी को 3,57,680 और बृजकिशोर सिंह "डिम्पल" को 324,118 वोट मिले थे। जबकि बसपा के राम प्रसाद चौधरी को 2,83,747 और कांग्रेस के अंबिका सिंह को 27,673 वोट मिले थे।

यहां जानें बस्ती लोकसभा क्षेत्र के बारे में



  • बस्ती लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 61 है।
  • यह लोकसभा क्षेत्र 1951 में अस्तित्व में आया था।
  • इस लोकसभा क्षेत्र का गठन बस्ती जिले के हर्रैया, कप्तानगंज, रुधौली, बस्ती सदर व महादेवा विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है।
  • बस्ती लोकसभा के 5 विधानसभा सीटों में से 3 पर सपा और एक-एक सीट पर सुभासपा, भाजपा का कब्जा है।
  • यहां कुल 18,45,223 मतदाता हैं। जिनमें से 8,47,455 पुरुष और 9,97,631 महिला मतदाता हैं।
  • बस्ती लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 10,55,201 यानी 57.19 प्रतिशत मतदान हुआ था।

बस्ती लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास

पूर्वांचल के अहम जिलों में शुमार बस्ती के आसपास का इलाका कौशल देश का हिस्सा हुआ करता था। यही पर ऋषि वशिष्ठ का आश्रम हुआ करता था। ऐसी मान्यता हैं की भगवन श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण से साथ ऋषि वशिष्ठ के साथ कुछ समय के लिए यहां पर निवास किया था। इसके चलते इस जगह को 'वैशिष्ठीष' के नाम से बुलाए जाने की मान्यता थी। शतपथ ब्राह्मण के अनुसार, राम के बड़े बेटे कुश कौशल के सिंहासन पर बैठे, जबकि छोटे बेटे लव को राज्य के उत्तरी भाग का राजा बनाया गया जिसकी राजधानी श्रावस्ती थी। लगभग सोलहवी शताब्दी में यहां पर राजा कल्ह ल का राज्य था। उन्होंने इसका नाम बस्तीव रखा था। मुगल बादशाह अकबर और उनके उत्तराधिकारियों के दौर में बस्ती जिला अवध सूबे के गोरखपुर सरकार का हिस्सा हुआ करता था।

उदय शंकर दुबे बने पहले सांसद

आजादी के बाद 1951 में हुए पहले चुनाव में बस्ती लोकसभा सीट भी देश के साथ चल दिया। यहां से उदय शंकर दुबे सांसद बने। लेकिन 1957 के चुनाव में यहां के लोगों का कांग्रेस से मन भर गया और निर्दल उम्मीदवार के तौर पर रामगरीब सांसद बने। 1957 में ही हुए उपचुनाव और 1962 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने फिर इस सीट पर कब्जा किया। केशव देव मालवीय यहां से सांसद बने। फिर 1967 में कांग्रेस के शिवनारायण और 1971 में अनंत प्रसाद धूसिया सांसद बने। लेकिन इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव में भारतीय लोकदल के टिकट पर शिवनारायण सांसद बने। फिर 1980 में कांग्रेस के उम्मीदवार कल्पनाथ सोनकर ने जीत हासिल की। 1984 में भी कांग्रेस के उम्मीदवार राम अवध प्रसाद सांसद बने। इसके बाद 1989 में जनता दल के टिकट पर कल्पनाथ सोनकर ने जीत हासिल की।

90 के दशक में देश में चल रहे राम लहर के दौरान 1991 में पहली बार भाजपा ने यहां कमल खिलाया और श्याम लाल कमल सांसद बने। इसके बाद लगातार 1996, 1998 और 1999 में भी भाजपा उम्मीदवार के रूप में श्रीराम चौहान ने यहां से जीत हासिल की। फिर आया 2004 का चुनाव। इस बार बसपा के लालमणि प्रसाद ने इस सीट पर नीला झंडा लहराया। 2009 के चुनाव में भी बसपा ने सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा। इस बार अरविंद कुमार चौधरी यहां से सांसद बने थे।

बस्ती लोकसभा क्षेत्र की जातीय समीकरण

यूपी के सबसे बड़े जिलों में सातवें स्थान पर बस्ती का स्थान आता है। बस्ती लोकसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां दलित, ब्राह्मण, क्षत्रिय, कुर्मी और मुस्लिम मतदाता की बहुलता है। इस क्षेत्र में अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। एक अनुमान के मुताबिक, लोकसभा सीट पर करीब 5.98 लाख सवर्ण, 6.20 लाख ओबीसी, 4.30 लाख अनुसूचित जाति और 1.83 लाख मुस्लिम मतदाता की तादाद है।

बस्ती लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद

  • कांग्रेस से उदय शंकर दुबे 1951 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • निर्दल राम गरीब 1957 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से केशव देव मालवीय 1957 और 1962 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से शिवनारायण 1967 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से अनंत प्रसाद धूसिया 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भारतीय लोकदल से शिवनारायण 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से कल्पनाथ सोनकर 1980 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से राम अवध प्रसाद 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता दल से कल्पनाथ सोनकर 1989 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से श्याम लाल कमल 1991 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से श्रीराम चौहान 1996, 1998 और 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से लाल मणि प्रसाद 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से अरविन्द कुमार चौधरी 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से हरीश द्विवेदी 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
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