Lok Sabha Election 2024: तमिलनाडु में बल्ले बल्ले और भांगड़ा!

Lok Sabha Election 2024: मूल रूप से अलग अलग धर्मों से ताल्लुक रखने वाले इन सभी उम्मीदवारों ने किसानों के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के बाद सिख धर्म अपना लिया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2024-04-03 04:00 GMT

Seven tamil Sikh candidates   (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: तमिलनाडु के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में भांगड़ा करते प्रत्याशी नजर आएं तो हैरान न होइए। यहां एक नया सोशल इंजीनियरिंग प्रयोग करते हुए एक पार्टी ने सात-सात सिख उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं।

2021 के दिल्ली किसान आंदोलन में सिखों की भागीदारी से प्रेरणा लेते हुए बहुजन द्रविड़ पार्टी (बीडीपी) ने तमिलनाडु में सात उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। इस पार्टी को एक तमिल ने स्थापित किया था लेकिन यह दिल्ली में रजिस्टर्ड है।

सामाजिक परिवर्तन

दिलचस्प बात यह है कि मूल रूप से अलग अलग धर्मों से ताल्लुक रखने वाले इन सभी उम्मीदवारों ने किसानों के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के बाद सिख धर्म अपना लिया है। ये सात उम्मीदवार हैं - सेल्वाकुमार उर्फ सेल्वा सिंह (27) हैं, जो तिरुनेलवेली निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, कोरकाई पलानीसामी सिंह (36) विरुधुनगर से, राजन सिंह (60) कन्नियाकुमारी से, सीता कौर (52) तेनकासी से, मणिवासगम (46) रामनाथपुरम से, थूथुकुडी से असीरियार शनमुगसुंदरम सिंह (37), और मदुरै निर्वाचन क्षेत्र से नागा वामसा पांडियन सिंह (30)। तिरुनेलवेली से खड़े उम्मीदवार को 'सात किरणों वाला पेन निब' प्रतीक दिया गया है, जबकि अन्य उम्मीदवार 'हीरा' प्रतीक चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे।


बीडीपी संस्थापक जीवन सिंह थूथुकुडी से हैं और वह पहले बौद्ध धर्म के अनुयायी थे। उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य सिख धर्म के माध्यम से सांस्कृतिक पहचान स्थापित करके जमीनी स्तर पर सामाजिक परिवर्तन लाना है। जीवन सिंह के अनुसार, पार्टी का प्राथमिक सिद्धांत "बेगमपुरा कलशा राज" की स्थापना करना है, जिसका पंजाबी में अर्थ भेदभाव मुक्त मुक्त राज्य है। उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी एससी/एसटी, ओबीसी और धार्मिक अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के लिए काम करती है, जो भारत में आबादी का 95 फीसदी हिस्सा हैं।"

जीवन सिंह पहले बसपा में थे लेकिन पार्टी की महापुरुष सूची से पेरियार की तस्वीर हटाए जाने के बाद उन्होंने बसपा छोड़ दी। और 2019 मेंबहुजन द्रविड़ पार्टी की स्थापना की।

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