Lok Sabha Election: पूर्णिया में बड़ा सियासी खेल,तेजस्वी की आखिरी चाल, पप्पू यादव की हार के लिए NDA की जीत भी मंजूर

Lok Sabha Election 2024: पूर्णिया लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होने वाला है और इस कारण चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में सभी प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक रखी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-04-23 05:58 GMT

Tejashwi yadav , Pappu Yadav  (photo: social media ) 

Lok Sabha Election 2024: बिहार के लोकसभा चुनाव में सबसे दिलचस्प मुकाबला पूर्णिया लोकसभा सीट पर हो रहा है और इस सीट पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई हैं। जदयू ने इस सीट पर लगातार दो बार जीत हासिल करने वाले संतोष कुशवाहा को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि राजद की ओर से बीमा भारती उम्मीदवार हैं। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पप्पू यादव ने नामांकन दाखिल करके इन दोनों प्रत्याशियों की नींद उड़ा रखी है। पूर्णिया लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होने वाला है और इस कारण चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में सभी प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक रखी है।

कांग्रेस की ओर से इस सीट पर दावेदारी की गई थी मगर राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव ने इस सीट पर पप्पू यादव की राह रोकने के लिए अपनी पार्टी का सिंबल बीमा भारती को दे दिया था। अब यह सीट राजद के लिए प्रतिष्ठा की जंग बन गई है। राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पप्पू यादव की हार सुनिश्चित करने के लिए इस सीट पर पूरी ताकत लगा रखी है। यहां तक कि उन्हें पप्पू यादव की हार के लिए एनडीए की जीत भी मंजूर है। पूर्णिया की चुनावी सभा में उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

बीमा भारती नहीं तो फिर एनडीए को चुनिए

निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पप्पू यादव के नामांकन के बाद पूर्णिया लोकसभा सीट पर त्रिकोणात्मक मुकाबला हो रहा है। पप्पू यादव को भी क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में भारी जन समर्थन मिल रहा है और इस कारण राजद की नींद उड़ी हुई है। राजद की ओर से इस सीट को कितना महत्व दिया जा रहा है, इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि राजद प्रत्याशी बीमा भारती का नामांकन कराने के लिए खुद तेजस्वी यादव पूर्णिया पहुंचे थे। पूर्णिया के अलावा उन्होंने बिहार में किसी भी सीट पर राजद प्रत्याशी के नामांकन में हिस्सा नहीं लिया।

इसके साथ ही वे लगातार पूर्णिया का दौरा करने में भी जुटे हुए हैं। इस बीच पूर्णिया की एक चुनावी सभा के दौरान उन्होंने ऐसा बयान दिया, जो चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने कहा कि पूर्णिया में या तो राजद उम्मीदवार बीमा भारती को चुनाव में जीत दीजिए या फिर एनडीए को चुनिए। ऐसा बयान देकर उन्होंने एक बार फिर पप्पू यादव की सियासी राह रोकने की कोशिश की है। पहले भी वे पूर्णिया में एनडीए से ज्यादा पप्पू यादव पर ही निशाना साधते रहे हैं।


पप्पू की हार के लिए एनडीए की जीत भी मंजूर

अपने भाषण के दौरान तेजस्वी यादव ने साफ तौर पर कहा कि राजद प्रत्याशी पर आप लोगों का आशीर्वाद बना रहे। हमें एकजुटता बनाए रखनी है। हमें पूर्णिया में किसी के धोखे में नहीं आना है। यह किसी एक व्यक्ति का चुनाव नहीं है। यहां दो ही धारा है या तो इंडिया और या तो एनडीए। यह एनडीए और इंडिया की लड़ाई है।

इसके बाद उन्होंने मतदाताओं से साफ तौर पर अपील करते हुए कहा कि अगर आपको इंडिया की राजद प्रत्याशी बीमा भारती स्वीकार नहीं है तो आप एनडीए को जिता दीजिए मगर तीसरे यानी पप्पू यादव को वोट मत दीजिए।

इसका मतलब पूरी तरह साफ है कि तेजस्वी यादव को पप्पू यादव की हार के लिए भाजपा और जदयू की जीत भी मंजूर है। तेजस्वी यादव के भाषण का यह वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया है और सियासी गलियारों में इसकी खूब चर्चा हो रही है। तेजस्वी के भाषण से साफ हो गया है कि उन्हें बीमा भारती की जीत से ज्यादा दिलचस्पी पप्पू यादव की हार में है।


अब साबित हो गया भाजपा का एजेंट कौन

निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव पूर्णिया से चुनाव मैदान में उतरने के बाद राजद और तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधते रहे हैं। हालांकि वे लालू यादव पर हमला करने से परहेज करते रहे हैं। उनका कहना है कि मैंने लालू यादव के परिवार का कदम-कदम पर समर्थन किया मगर फिर भी मेरी राजनीतिक हत्या की साजिश रची गई।

पूर्णिया की जनसभा में तेजस्वी यादव के भाषण के बाद पप्पू यादव ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव की ओर से मंच से की गई अपील से साबित हो गया है कि भाजपा का एजेंट कौन है। इसके साथ ही उनकी इस बात पर भी मुहर लग गई है कि राजद की ओर से उनकी राजनीतिक हत्या करने की किस तरह साजिश रची जा रही थी।


गठबंधन पर पुनर्विचार करे कांग्रेस

पप्पू यादव ने कहा कि वह पूर्णिया से खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं बल्कि उनका चुनाव पूर्णिया की जनता लड़ रही है। यहां की जनता यह अच्छी तरह से देख रही है कि उन्हें हराने के लिए राजद और एनडीए की ओर से क्या-क्या हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव की ओर से एनडीए को जिताने की अपील किए जाने के बाद कांग्रेस को भी गठबंधन पर पुनर्विचार करना चाहिए। कांग्रेस नेताओं को यह देखना चाहिए कि किस तरह राजद के नेता एनडीए को जिताने की अपील कर रहे हैं।


पूर्णिया पर पप्पू की मजबूत पकड़

पप्पू यादव का पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से पुराना नाता रहा है। वे इस लोकसभा सीट से तीन बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। दो बार उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सांसद का चुनाव जीता जबकि एक बार वे समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतने में कामयाब रहे। सपा का पूर्णिया क्षेत्र में कोई सियासी असर नहीं है। ऐसे में पप्पू यादव ने वह चुनाव भी अपने दम पर ही जीता था।

पूर्णिया के अलावा पप्पू यादव 2004 और दो 2014 में राजद के सिंबल पर मधेपुरा से भी लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि इसके बाद उन्होंने चुनावी जीत का स्वाद नहीं रखा है और इस बार वे पूर्णिया में अपनी ताकत दिखाने को बेकरार हैं।

कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय किया था मगर राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव की बाजीगरी से वे मात खा गए। राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव ने पूर्णिया सीट को नाक का सवाल बना रखा है और यही कारण है कि इस लोकसभा सीट पर हो रहे दिलचस्प को मुकाबले पर सबकी निगाहें लगी हुई है।

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