Election 2024: हमीरपुर में जीत का पंजा लगाने उतरे हैं अनुराग ठाकुर, कांग्रेस के रायजादा ने कर रखी है मजबूत घेराबंदी
Lok Sabha Election 2024: हमीरपुर सीट को अनुराग ठाकुर का मजबूत गढ़ माना जाता है और वे इस सीट पर लगातार चार जीत हासिल करने के बाद पांचवीं बार चुनाव मैदान में उतरे हैं।
Lok Sabha Election 2024: हिमाचल प्रदेश के लोकसभा चुनाव में इस बार सबकी निगाहें मंडी लोकसभा क्षेत्र के साथ ही हमीरपुर सीट पर भी लगी हुई हैं। भाजपा ने मंडी लोकसभा क्षेत्र में मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को चुनाव मैदान में उतारा है तो हमीरपुर संसदीय सीट पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। हमीरपुर सीट को अनुराग ठाकुर का मजबूत गढ़ माना जाता है और वे इस सीट पर लगातार चार जीत हासिल करने के बाद पांचवीं बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत होने के बावजूद अनुराग ठाकुर सुबह से देर रात तक चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।
कांग्रेस ने इस लोकसभा सीट पर पूर्व विधायक सतपाल रायजादा को चुनाव मैदान में उतारा है। अनुराग ठाकुर अपनी चुनाव सभा में केंद्र सरकार की उपलब्धियां का बखान कर रहे हैं तो दूसरी ओर रायजादा राष्ट्रीय मुद्दों पर भाजपा की घेराबंदी में जुटे हुए हैं। बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर हेमराज को अपना उम्मीदवार बनाया है मगर अनुराग ठाकुर और रायजादा के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है। हिमाचल प्रदेश की इस सीट पर आखिरी चरण में एक जून को मतदान होना है।
चुनाव प्रचार में कांग्रेस पर भारी भाजपा
हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र में अनुराग ठाकुर का टिकट पहले से ही तय माना जा रहा था। इसलिए उन्होंने चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही अपना चुनाव अभियान छेड़ दिया था। इसका उन्हें सियासी फायदा भी होता हुआ दिख रहा है। दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी चयन के मामले में काफी पिछड़ गई। इस कारण कांग्रेस का प्रचार अभियान भी काफी विलंब से शुरू हो सका और इसका कांग्रेस प्रत्याशी को खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है।
कांग्रेस प्रत्याशी रायजादा तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं मगर उन्हें सिर्फ एक बार ही जीत हासिल हुई है। ऐसे में अनुराग ठाकुर के ऊंचे सियासी कद की तुलना में सतपाल रायजादा का राजनीतिक वजन अपेक्षाकृत कमजोर माना जा रहा है। इस बार के लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश का असर भी दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले चार बागी हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों से ही जुड़े हुए हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि भाजपा में शामिल हुए दो निर्दलीय विधायक भी इसी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।
स्थानीय मुद्दों को लेकर वार-पलटवार
वैसे कांग्रेस के देरी से चुनाव प्रचार शुरू करने के बावजूद क्षेत्र में कई ऐसे मुद्दे लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं जो भाजपा की मुश्किलें बढ़ाने वाले हैं। स्थानीय मुद्दों को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों की ओर से एक-दूसरे पर हमले किए जा रहे हैं।
जहां एक ओर भाजपा का कहना है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद लोगों की समस्याएं नहीं सुलझा पा रही हैं तो वहीं कांग्रेस का कहना है कि राज्य में कांग्रेस सरकार काफी कम समय से है। उसके पहले पांच साल तक भाजपा का राज रहा है मगर स्थानीय समस्याओं को सुलझाने की कोई ठोस पहल नहीं की गई।
कांग्रेस की ओर से अनुराग ठाकुर की घेराबंदी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का गृहनगर नादौन भी इसी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। सुक्खू इस लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस की चुनावी संभावनाएं मजबूत बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी रायजादा का गढ़ माने जाने वाले ऊना में भी भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर के लिए चुनौतियां मानी जा रही हैं। कांग्रेस प्रत्याशी रायजादा हमीरपुर में रेल लाइन न बिछने के मुद्दे पर अनुराग ठाकुर पर तीखा हमला बोल रहे हैं। उनका कहना है कि अनुराग ठाकुर का यह कहना सरासर झूठ है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार होने की वजह से यह काम नहीं हो सका।
सच्चाई तो यह है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बने सिर्फ 15 महीने ही हुए हैं। इसके पहले पांच साल तक राज्य में जयराम ठाकुर की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार थी। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस काम को पूरा कर सकते थे मगर अनुराग ठाकुर ने कभी भी इस काम में कोई दिलचस्पी नहीं ली। पीजीआई सैटलाइट सेंटर के अधूरे काम को लेकर भी कांग्रेस हमलावर है। मोदी सरकार की ओर से लाई गई अग्निवीर योजना की भी क्षेत्र में खूब चर्चा हो रही है और कांग्रेस इसके जरिए मोदी सरकार पर तीखा हमला करने में जुटी हुई है।
दलित मतदाताओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण
हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र की 95 फ़ीसदी आबादी हिंदू है। वैसे इस इलाके की 90 फीसदी से अधिक आबादी ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों की है। जातीय नजरिए से देखा जाए तो हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र में दलित मतदाताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। राज्य में करीब 24 फ़ीसदी दलित और 1.5 फीसदी अनुसूचित जनजाति के मतदाता है। किसी भी प्रत्याशी की हार जीत का फैसला करने में मतदाताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण माने जाते रही है।
दलित मतदाताओं का समीकरण साधने के लिए ही बहुजन समाज पार्टी ने इस लोकसभा क्षेत्र में हेमराज को अपना प्रत्याशी बनाया है मगर वे मुकाबला को त्रिकोणीय बनाते हुए नहीं दिख रहे हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सीधा मुकाबला माना जा रहा है।
जीत का पंजा लगाने में जुटे हैं अनुराग ठाकुर
इस लोकसभा क्षेत्र में 10 बार भगवा खेमे को कामयाबी मिल चुकी है। इस बार भी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उनका चुनाव अभियान काफी सधे हुए अंदाज में चल रहा है। राज्य में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपनी ताकत जरूर दिखाई थी मगर इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा राज्य की सभी सीटों पर जीत हासिल करके कांग्रेस से अपनी उस हार का बदला लेने की कोशिश में जुटी हुई है।
भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रही इस जोर आजमाइश में फिलहाल भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर भारी पड़ते हुए दिख रहे हैं। वे पिछले चार चुनावों में इस सीट पर जीत हासिल कर चुके हैं और ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि वे इस बार जीत का पंजा लगा पाने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं।