Lok Sabha Election 2024: छठवें और सातवें चरण में बीजेपी की उम्मीदें योगी पर टिकीं
Lok Sabha Election 2024: 2019 के लोकसभा चुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ की पूर्वांचल में बीजेपी को जिताने में बड़ी भूमिका रही थी।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में पूर्वांचल में प्रवेश कर गया है। उत्तर प्रदेश का यह क्षेत्र राजनीतिक रूप से सबसे सक्रिय और चुनौतीभरा है। प्रदेश में किसी भी दल को अंतिम रूप से बढ़त यहीं से मिलती रही है। बीजेपी, समाजवादी पार्टी और बीएसपी तीनों प्रमुख दलों का समय-समय पर यहां प्रभाव रहा है। इस क्षेत्र में जातीय क्षत्रपों और छोटे दलों की भी बड़ी भूमिका रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां शानदार सफलता हासिल की थी। पूर्वांचल में गोरक्षनाथ मठ और महंतों का हमेशा से बड़ा प्रभाव रहा है। वर्तमान में योगी आदित्यनाथ का असर यहां पर देखा जा रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ की पूर्वांचल में बीजेपी को जिताने में बड़ी भूमिका रही थी। इस बार भी दारोमदार उन्हीं पर टिकी है।
प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह जता रहे योगी पर भरोसा
छठवें और सातवें चरण के चुनावी कैम्पेन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मुख्यमंत्री योगी की लगातार तारीफ और उन्हें प्रचार में आगे रखना इसी रणनीति का हिस्सा है। बीजेपी आलाकमान को लगता है कि योगी को आगे रखकर यहां से बढ़त ली जा सकती है।
कई सीटों पर गोरक्षनाथ मठ का पहले से असर रहा है
ऐसे में योगी आदित्यनाथ ही पार्टी का बड़ा सहारा हैं। गोरखनाथ मठ का प्रभाव पहले से ही गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बांसगांव, बस्ती आदि लोकसभा सीटों पर रहा है। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अपना प्रभाव इस क्षेत्र में और बढ़ाया है। वैसे तो पूरे प्रदेश और देश में भी उनकी मांग रहती है लेकिन पूर्वांचल से उनका और यहां के लोगों का उनसे इमोशनल रिश्ता रहा है। यही वजह है कि इस बार पार्टी को उनसे यहां और अधिक उम्मीदें हैं।
योगी के सीएम बनने से पूर्वाचल में विकास को मिली गति
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस क्षेत्र में विकास के कार्य तेज हुए हैं। यह क्षेत्र राजनीतिक रूप से तो हमेशा उर्वर रहा है लेकिन विकास के मामले में पश्चिम के मुकाबले पिछड़ा रहा। योगी के सीएम बनने के बाद यह राज्य सरकार की प्राथमिकता में सबसे ऊपर है। इसका असर भी गोरखपुर समेत कई क्षेत्रों में देखा जा रहा है। अयोध्या में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार ने विकास को गति दी है। वाराणसी में केंद्र और राज्य दोनों विकास कार्यों को बढ़ा रहे हैं। इसी तरह इलाहाबाद में कुंभ को लेकर शुरू किए गए विकास कार्यों का असर दिखने लगा है। बीजेपी को उम्मीद है कि इसका असर भी चुनाव परिणामों पर दिखेगा।
बुलडोजर बाबा की इमेज का असर
यूपी सरकार ने जिस तरह से माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ मोर्चा खोला है उसकी भी परीक्षा इन्हीं दो चरणों में होनी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इलाहाबाद और गाजीपुर की आसपास की सीटों पर बीजेपी का प्रदर्शन कैसा रहेगा। गाजीपुर से तो मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी खुद ही चुनाव लड़ रहे हैं।
अखिलेश के पीडीए, संविधान व आरक्षण को लेकर राहुल का आक्रामक रूख
बीजेपी को इस बार पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी से लगातार चुनौती मिल रही है। खासतौर से अखिलेश यादव ने जिस तरह से टिकट दिए हैं वह बीजेपी को परेशानी में डाल रहा है। इसके साथ ही अखिलेश यादव का पीडीए समीकरण और राहुल गांधी का संविधान और आरक्षण के मुद्दे पर आक्रामक रुख भी बीजेपी को परेशानी में डाल रहा है। इस क्षेत्र में राजा भैया का बदला हुआ रुख भी बीजेपी को परेशान कर रहा है।
छठवें चरण में 25 मई को जिन 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव है वो हैं
सुलतानपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, फूलपुर, भदोही, जौनपुर, मछलीशहर, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, बस्ती, डुमरियागंज, संत कबीर नगर, लालगंज और आजमगढ़.
सातवें चरण में 1 जून को जिन सीटों पर चुनाव है
महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, और राबर्टसगंज.