आने वाली है यूपी में BJP की दूसरी सूची, बृजभूषण सिंह का पत्ता कटना तय, कानपुर में इस नाम पर चर्चा

Lok Sabha Election 2024: बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में प्रदेश नेतृत्व की ओर से प्रत्याशियों के नामों का पैनल केंद्रीय नेतृत्व को सौंपा गया।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-03-19 06:24 GMT

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (photo: social media ) 

Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में बाकी बची 25 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए भाजपा में गहराई से मंथन चल रहा है। राजधानी दिल्ली में कल कोर कमेटी की बैठक के दौरान बाकी बची सीटों को लेकर लंबा विचार विमर्श किया गया। बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में प्रदेश नेतृत्व की ओर से प्रत्याशियों के नामों का पैनल केंद्रीय नेतृत्व को सौंपा गया। माना जा रहा है कि आज देर शाम या कल बाकी बची सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों की सूची जारी हो सकती है।

प्रदेश की चर्चित कैसरगंज लोकसभा सीट को लेकर बैठक में लंबी चर्चा हुई। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस सीट पर बृजभूषण शरण सिंह की जगह उनकी पत्नी केतकी सिंह या बेटे करण भूषण सिंह को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी है। इस सीट पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं क्योंकि पहलवानों के आरोपों के बाद बृजभूषण सिंह विवादों में घिरे हुए हैं।

कैसरगंज सीट को लेकर बड़ा फैसला

कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र पर बृजभूषण शरण सिंह की मजबूत पकड़ मानी जाती है। उनके विवादों में घिरने के बाद पार्टी नेतृत्व की ओर से उनका टिकट काटा जा सकता है मगर पार्टी बृजभूषण शरण सिंह को नाराज करने का जोखिम नहीं उठाना चाहती। इसलिए इस सीट पर उनकी पत्नी केतकी सिंह और बेटे करण भूषण सिंह का नाम चर्चाओं में है। माना जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व की ओर से इनमें से किसी एक नाम पर मुहर लगाई जा सकती है।

मेरठ सीट पर अरुण गोविल का नाम चर्चा में

मेरठ लोकसभा सीट को लेकर भी भाजपा में गहराई से मंथन चल रहा है। इस सीट के दावेदारों में अभिनेता अरुण गोविल का नाम भी शामिल है। बहुचर्चित टीवी सीरियल रामायण में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल को चुनाव मैदान में उतारने से भाजपा को सियासी फायदा मिलने की उम्मीद है।

वैसे ही सीट पर चर्चित कवि कुमार विश्वास और कैंट के विधायक अमित अग्रवाल का नाम भी चर्चाओं में है। कुमार विश्वास को लंबे समय से भाजपा की ओर से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जाती रही हैं।

गाजियाबाद-प्रयागराज में इन नामों की चर्चा

गाजियाबाद लोकसभा सीट पर भी भाजपा ने अभी तक अपना प्रत्याशी नहीं घोषित किया है। इस सीट के मौजूदा सांसद जनरल वीके सिंह हैं मगर इस बार उनके अलावा अनिल अग्रवाल और अनिल जैन के नाम की भी चर्चा है।

प्रयागराज लोकसभा सीट पर 2019 के चुनाव में रीता बहुगुणा जोशी ने जीत हासिल की थी मगर इस बार उनका टिकट कटना तय माना जा रहा है। उनके स्थान पर इस बार ईडी के पूर्व डायरेक्टर संजय मिश्रा और कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी की पत्नी अभिलाषा नंदी के नाम की चर्चा है। अपनी पत्नी अभिलाषा को टिकट दिलाने के लिए नंदी ने भी पूरी ताकत लगा रखी है। संजय मिश्रा प्रयागराज के ही रहने वाले हैं। इसलिए उनके नाम पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

अफजाल के खिलाफ इस प्रत्याशी को उतारने की तैयारी

गाजीपुर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने माफिया मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी को चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान किया है। इस कारण भाजपा में गाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर गहराई से मंथन किया जा रहा है।

2019 के लोकसभा चुनाव में अफजाल अंसारी ने इस सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता मनोज सिन्हा को हरा दिया था। मौजूदा समय में मनोज सिन्हा जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल हैं। इस बार इस सीट पर उनके बेटे अनुभव सिन्हा के नाम पर विचार किया जा रहा है। जानकार सूत्रों का कहना है कि मनोज सिन्हा ने इस बाबत गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा भी की है।

रायबरेली सीट पर मनोज पांडेय का नाम चर्चा में

रायबरेली लोकसभा सीट पर भी सबकी निगाहें लगी हुई है। इस सीट पर सपा के बागी विधायक मनोज पांडेय और दिनेश सिंह के नाम चर्चाओं में हैं। मनोज पांडेय ने पिछले राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान किया था और उसके बाद से ही उन्हें इस सीट से लड़ाई जाने की अटकलें लगाई जाती रही हैं।

रायबरेली लोकसभा सीट की मौजूदा सांसद सोनिया गांधी ने इस बार लोकसभा चुनाव से दूरी बना ली है और वे राजस्थान से राज्यसभा की सदस्य बन चुकी हैं। प्रियंका गांधी भी इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं है और ऐसे में देखने वाली बात होगी कि रायबरेली सीट पर भाजपा उम्मीदवार का मुकाबला कांग्रेस के किस प्रत्याशी से होता है।

रमापति राम को फिर मिल सकता है टिकट

देवरिया लोकसभा सीट पर पहले भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी का टिकट कटने की चर्चाएं थीं मगर सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व की ओर से उन्हें दोबारा चुनाव की मैदान में उतारा जा सकता है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व बलिया लोकसभा सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर या आनंद स्वरूप शुक्ला को चुनाव मैदान में उतारने पर विचार कर रहा है।

सतीश महाना का भी नाम चर्चा में

75 साल की उम्र पूरी कर लेने के कारण इस बार कानपुर लोकसभा सीट पर सत्यदेव पचौरी का टिकट कट सकता है। पचौरी की जगह उनकी बेटी नीतू सिंह और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के नामों पर विचार किया जा रहा है। सतीश महाना की कानपुर में मजबूत पकड़ मानी जाती है। इसलिए पार्टी की ओर से उन्हें भी चुनाव मैदान में उतर जा सकता है।

डिंपल को चुनौती दे सकता है यह प्रत्याशी

मैनपुरी लोकसभा सीट पर भी सबकी निगाहें लगी हुई हैं क्योंकि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस सीट पर अपनी पत्नी डिंपल यादव को फिर चुनाव मैदान में उतार दिया है। ऐसे में भाजपा मैनपुरी में डिंपल यादव को घेरने की कोशिश में जुटी हुई है।

इस सीट पर प्रदेश के मंत्री जयवीर सिंह को लड़ाने पर विचार किया जा रहा है। वैसे सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव की हाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद अपर्णा यादव का नाम भी चर्चाओं में है।

वरुण गांधी का टिकट कटना तय

पार्टी सूत्रों का कहना है कि पीलीभीत लोकसभा सीट से इस बार वरुण गांधी का टिकट कट सकता है। पार्टी विरोधी बयानों के कारण वरुण गांधी का टिकट काटने की अटकलें लगाई जा रही हैं जबकि उनकी मां मेनका गांधी को सुल्तानपुर से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। पीलीभीत लोकसभा सीट के लिए जितिन प्रसाद और केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा के नाम पर विचार किया गया है। बरेली लोकसभा सीट से संतोष गंगवार के स्थान पर महापौर उमेश गौतम या हरिशंकर गंगवार के नाम पर मुहर लगाई जा सकती है।

सहारनपुर लोकसभा सीट पर सुरेश राणा के साथ ही राघव लखन पाल का नाम भी दावेदारों की सूची में शामिल है।

उपेंद्र रावत की जगह इन नामों पर विचार

बाराबंकी सीट पर मौजूदा सांसद उपेन्द्र रावत के स्थान पर पूर्व नौकरशाह राम बहादुर या पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष शशांक कुशमेश को चुनावी अखाड़े में उतारा जा सकता है। उपेंद्र रावत का नाम भाजपा की ओर से जारी पहली सूची में शामिल था मगर आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने कहा था कि जब तक वे निर्दोष साबित नहीं होंगे,तब तक चुनाव नहीं लड़ेंगे।

कोर ग्रुप की बैठक में किया गया मंथन

भाजपा के दिल्ली मुख्यालय में सोमवार को उत्तर प्रदेश के उम्मीदवारों को लेकर करीब दो घंटे तक मंथन किया गया। यूपी बीजेपी कोर ग्रुप की इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी सहित कई नेता मौजूद थे।

जानकार सूत्रों का कहना है कि इस बैठक के दौरान प्रदेश की बाकी बची सीटों के संबंध में फैसला ले लिया गया है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय चुनाव समिति की मुहर लगने के बाद इन प्रत्याशियों के नाम का आज देर शाम या कल ऐलान कर दिया जाएगा।

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