Election 2024: बीजेपी के विजयरथ को रोक पाना मुश्किल! ये हैं 4 बड़ी वजह

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान कल है। ऐसे में इन चार वजहों से बीजेपी एक बार फिर मजबूत स्थिति में दिख रही है।

Report :  Aniket Gupta
Update: 2024-04-17 15:31 GMT

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में पहले चरण के लिए प्रचार थम गए हैं। 19 अप्रैल को देश के 21 राज्यों की 102 सीटों पर मतदान होंगा। चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशियों ने जनता से तरह-तरह के वादे किए हैं। एक-एक सीट पर चुनावी रणनीति बिछाई है। बीजेपी ने 'अबकी बार, 400 पार' का नारा दिया है। वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने इंडी गठबंधन के रूप में एकजुटता दिखाई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और उनके सहयोगी दलों ने (एनडीए) ने कुल 353 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस को 19.7 फीसदी वोट हासिल हुए थे। 30.9 फीसदी वोट शेयर के साथ 116 सीटें अन्य अपने खाते में जुटा पाई थीं। आइए, जानते हैं वो 4 बड़ी वजहें, जिसके कारण बीजेपी मजबूत साबित हो सकती है।

कांग्रेस को है इंडी गठबंधन पर भरोसा

इस बार कांग्रेस ने भाजपा का विजयरथ रोकने के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक अलग-अलग पार्टियों से हाथ मिला लिया है। कांग्रेस को भरोसा है कि उनका यह गठबंधन एनडीए के विजयरथ रोकने में कारगर साबित होगा। लेकिन सवाल यह है कि बीजेपी और उनके सहयोगी दलों की स्थिति कैसी है। उनकी रणनीति क्या इस बार कांग्रेस को मौका देगी। आइए, समझते हैं।

1. 200 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस की सीधी टक्कर

देश में कुल लोकसभा की 543 सीटें हैं। इनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, एमपी और गुजरात जैसे प्रदेशों को मिलाकर करीब दो सौ ऐसी सीटें हैं जहां भाजपा और कांग्रेस की सीधी टक्कर है। इन सीटों पर पिछले रिकॉर्ड्स की बात करें तो 2014 और 2019 के चुनाव में भाजपा इनमें से करीब 90 फीसदी सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी। ऐसे में इन सीटों पर कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती है।

2. वोट शेयर

पिछले चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, एमपी, छत्तीसगढ़ जैसे हिंदी पट्टी राज्यों में 50 फीसदी या उससे अधिक वोट मिले थे। इन सभी राज्यों में बीजेपी मजबूत स्थिति में दिख रही है। इस बार भी अगर इंडी गठबंधन अपने सहयोगी दलों की मदद से वोट शेयर बढ़ाने में सफल नहीं रही तो एक बार फिर इन राज्यों में भाजपा की बढ़त देखने को मिल सकती है।

3. पूर्वोत्तर की सीटों पर अच्छी स्थिति

पूर्वोत्तर भारत में करीब 25 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें कांग्रेस के खाते में चार सीटें हैं। वहीं 2019 में के चुनाव में बीजेपी और उनके सहयोगी दलों ने 21 सीटों पर कब्जा जमाया था। इस लोकसभा चुनाव प्रचार में भी पीएम मोदी ने खुद को कई बार पिछड़ों का नेता बताया है। साथ ही दलितों को भी साधने का प्रयास किया है।

4. इस बार 400 सीटें जीतने का लक्ष्य

पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कुल 421 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें पार्टी सिर्फ 52 सीटों पर ही कब्जा जमा पाई। वहीं बीजेपी ने कुल 303 सीटों को अपने नाम किया था। वहीं इस बार भाजपा ने 400 सीटें जीतने का लक्ष्य बनाया है।

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