सियासतः नई सरकार में भी रहेगी भाजपा की पुरानी हनक, कैबिनेट में इन दलों को दिए जाएंगे इतने पद

Modi Cabinet 3.0 Ministers: गठबंधन को एकजुट रखने के लिए पार्टी नेतृत्व शनिवार को छोटे दलों के नेताओं के साथ बैठक करेगा। ऐसे दलों को भी मंत्रिपरिषद में मौका मिल सकता है, जिसके पास केवल एक ही सीट है।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update: 2024-06-08 03:12 GMT

पीएम मोदी, चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार  (photo: social media ) 

Modi Cabinet 3.0 Ministers: नई सरकार भले ही अल्पमत की होगी, लेकिन उसके बाद भी भाजपा का पुराना रुतबा कायम रहेगा। एनडीए के घटक दलों की बैठक से यही संकेत मिले हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर वरिष्ठ नेता अमित शाह की मौजूदगी में हुई एनडीए की बैठक में टीडीपी को तीन, जदयू को दो और लोजपा, एनसीपी, शिवसेना, जनकल्याण, जदएस, रालोद को एक-एक मंत्री पद देने पर सहमति बनी है।

अमित शाह ने एनडीए के घटक दलों के वरिष्ठ नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक की। जदयू के साथ हुई बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा संजय झा और ललन सिंह मौजूद थे। चंद्रबाबू नायडू के साथ हुई बैठक में भी दो सांसद थे, जबकि अजीत पवार के साथ प्रफुल्ल पटेल थे। वहीं पवन कल्याण व चिराग पासवान ने अकेले ही अमित शाह से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार टीडीपी को एक कैबिनेट और दो राज्यमंत्री, जदयू को एक कैबिनेट व एक राज्यमंत्री के प्रस्ताव पर सहमति बनी है। लोजपा, शिवसेना व एनसीपी को एक-एक कैबिनेट मंत्री का पद दिया जाएगा। इसके अलावा जनकल्याण पार्टी सहित कुछ छोटे दलों को राज्यमंत्री का एक-एक पद मिलेगा। विभागों का फैसला रविवार को होने वाले शपथ के दिन या उसके बाद किया जाएगा।

छोटे दलों के साथ बातचीत आज

गठबंधन में संतुलन स्थापित करने और गठबंधन को एकजुट रखने के लिए पार्टी नेतृत्व शनिवार को छोटे दलों के नेताओं के साथ एक बैठक करेगा। सूत्रों के मुताबिक नई सरकार में राज्यों के सियासी हालात पर खास ध्यान दिया गया है। ऐसे दलों को भी मंत्रिपरिषद में मौका मिल सकता है, जिसके पास केवल एक ही सीट है। जैसे जीतन राम माझी और अनुप्रिया पटेल की पार्टी के पास एक-एक ही सांसद हैं।


दबाव बनाने जैसी बात नहीं

सूत्रों की मानें तो सरकार बनाने और उसमें भागीदारी को लेकर एनडीए के घटक दलों की ओर से दबाव जैसी कोई बात नहीं है। सरकार गठन के साथ ही पार्टी के प्रदर्शन पर ध्यान देना है। जदयू और टीडीपी की निगाहें मंत्री पद से अलग राज्य से जुड़े मामलों पर अधिक है। इसीलिए इनकी ओर से मंत्री पद के फॉर्मूले पर ज्यादा आनाकानी नहीं की गई है। लोजपा, जनकल्याण पार्टी का रुख भी सकारात्मक ही रहा है।

इस तरह से देखा जाए तो एनडीए में अभी तक तो सभी अच्छा है।



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