Lok Sabha Election: पित्रोदा के बयान को दक्षिण में मुद्दा बनाने में जुटी भाजपा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सियासी लाभ उठाने की कोशिश

Lok Sabha Election 2024: सैम पित्रोदा ने इस बयान को लेकर विवाद करने के बाद इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है मगर तीर उनकी कमान से निकल चुका है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-05-09 11:03 IST

Sam Pitroda, PM Modi (photo: social media ) 

Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान के बाद दक्षिण भारत की सियासत गरमा गई है। हालांकि कांग्रेस ने पित्रोदा की ओर से काले रंग की त्वचा संबंधी दिए गए बयान से पल्ला झाड़ लिया है मगर भाजपा दक्षिण भारत में इसे मुद्दा बनाने की कोशिश में जुट गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह इस बयान को लेकर तुरंत जवाबी पलटवार किया,उससे साफ हो गया है कि भाजपा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोकसभा चुनाव में सियासी लाभ उठाने की कोशिश में जुट गई है।

हालांकि सैम पित्रोदा ने इस बयान को लेकर विवाद करने के बाद इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है मगर तीर उनकी कमान से निकल चुका है। यदि भाजपा आने वाले दिनों में पित्रोदा के बयान को बड़ा मुद्दा बनाने में कामयाब रही तो पार्टी को आंध्र प्रदेश की 25 और तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों पर इसका सियासी फायदा मिल सकता है। यही कारण है कि पित्रोदा के बयान के बाद भाजपा ने इस मुद्दे को तुरंत लपक लिया है।

आंध्र और तेलंगाना में दिख सकता है असर

दक्षिण के तीन प्रमुख राज्यों केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। तमिलनाडु में लोकसभा की सभी 39 सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था जबकि केरल की लोकसभा सीटों पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग पूरी हो चुकी है। इसी तरह कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों पर दूसरे और तीसरे चरण में मतदान समाप्त हो चुका है मगर दक्षिण के दो प्रमुख राज्यों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोकसभा चुनाव में पित्रोदा का बयान सियासी रूप से असर डालने वाला साबित हो सकता है।

अपने विवादित बयानों के कारण अक्सर चर्चाओं में रहने वाले सैम पित्रोदा ने अपने ताजा बयान से बुधवार को देश में एक बार फिर सियासी भूचाल ला दिया। पित्रोदा ने कहा कि उत्तर पूर्व के लोग चीनी और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी नागरिकों जैसे दिखते हैं। अफ्रीकी नागरिकों जैसे दिखने का मतलब यह था कि दक्षिण भारत के रोग काले रंग के होते हैं।

भाजपा ने तुरंत लपक लिया है मुद्दा

लोकसभा चुनाव के दौरान सैम पित्रोदा की ओर से दिए गए इस बयान ने भाजपा को बड़ा सियासी हथियार मुहैया करा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को तुरंत लपक लिया और कहा कि शहजादे के अमेरिका में रहने वाले अंकल की यह टिप्पणी नस्ली है और देशवासी त्वचा के रंग को लेकर किए गए इस अपमान को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि शहजादे को त्वचा के रंग से इस खेल की अनुमति किसने दी,इसका जवाब देना होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने वारंगल की रैली के दौरान इस मुद्दे को आदिवासी समाज से आने वाली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी जोड़ दिया। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने द्रौपदी मुर्मू का विरोध किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब समझ में आ गया कि कांग्रेस ने द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का विरोध क्यों किया था।

कांग्रेस के लोगों ने काले रंग की त्वचा को देखकर द्रौपदी मुर्मू का विरोध किया था। काले रंग की त्वचा को लेकर पित्रोदा का यह बयान आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में नया विवाद पैदा कर सकता है।

आंध्र की तीन सीटों पर भाजपा की मजबूत दावेदारी

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा को अपने लिए अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं। आंध्र प्रदेश में भाजपा ने इस बार चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी और पवन कल्याण की पार्टी जनसेना के साथ गठबंधन किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इन दोनों नेताओं के साथ हाल में विजयवाड़ा में बड़ा रोड शो भी किया था। आंध्र प्रदेश में भाजपा लोकसभा की छह और विधानसभा की 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इनमें से तीन लोकसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की दावेदारी मजबूत बताई जा रही है।

तेलंगाना में पार्टी को दिख रही अच्छी उम्मीदें

भाजपा को आंध्र प्रदेश से ज्यादा अच्छी संभावनाएं तेलंगाना में दिख रहे हैं। तेलंगाना में पार्टी लंबे समय से संगठन को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। राज्य की 17 लोकसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है और के चंद्रशेखर राव की अगुवाई वाली बीआरएस पिछड़ती दिख रही है।

वैसे पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की थी मगर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भाजपा से कड़ी चुनौती मिल रही है। कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से दूरी जरूर बना ली है मगर भाजपा इसे मुद्दा बनाने की कोशिश में जुटी हुई है।

आंध्र में नायडू ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किलें

वैसे इस बार के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी समेत भाजपा के अन्य शीर्ष नेता मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर हमलावर हैं। पीएम मोदी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के अन्य दल एससी,एसटी और ओबीसी का कोटा काटकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं मगर भाजपा ऐसा नहीं होने देगी। दूसरी ओर आंध्र प्रदेश में भाजपा के सहयोगी दल टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने मुसलमानों को चार फीसदी आरक्षण देने का वादा करके भाजपा के लिए मुश्किल स्थिति पैदा कर दी है।

नायडू के इस बयान से भ्रम की स्थिति पैदा हुई है जिससे दोनों दलों को नुकसान होने की आशंका भी जताई जा रही है। उधर, तेलंगाना में आदिवासी और मुस्लिम बहुल इलाकों में भाजपा को मुस्लिम आरक्षण का खुलकर विरोध करने के कारण फायदा होने की संभावना है।

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