UP Lok Sabha Election: पूर्वांचल में बसपा के सामने अपनी पांच सीटों को बचाने की चुनौती, इस बार बहनजी की सियासी राह मुश्किल
UP Lok Sabha Election 2024: पांच सीटों पर बसपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी जबकि आजमगढ़ लोकसभा सीट पर सपा को जीत मिली थी।
UP Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में पांच चरणों का मतदान समाप्त हो चुका है और अब बाकी दो चरणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई अहम क्षेत्रों में मतदान होना है। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को पूर्वांचल की छह सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।
इनमें से पांच सीटों पर बसपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी जबकि आजमगढ़ लोकसभा सीट पर सपा को जीत मिली थी। ऐसे में अब पूर्वांचल में बसपा के सामने अपनी पांच सीटों पर जीत को फिर दोहराने की बड़ी चुनौती है। वैसे इस बार बसपा मुखिया बहनजी की सियासी राह काफी मुश्किल मानी जा रही है।
2019 में इन पांच सीटों पर मिली थी जीत
2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बसपा ने गठबंधन किया था। इस गठबंधन के बावजूद समाजवादी पार्टी सिर्फ पांच सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी जबकि बहुजन समाज पार्टी ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। बसपा को जिन दस सीटों पर जीत हासिल हुई थी, उनमें से पांच सीटें पूर्वांचल की थीं।
बहुजन समाज पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल में गाजीपुर, घोसी, जौनपुर, लालगंज और अंबेडकरनगर सीटों पर जीत हासिल की थी। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी सिर्फ आजमगढ़ सीट जीत सकी थी।
आजमगढ़ सीट पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को जीत मिली थी। हालांकि बाद में उनके इस्तीफा देने पर हुए उपचुनाव में इस सीट पर भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने सपा के धर्मेंद्र यादव को हरा दिया था।
अंबेडकरनगर में बदल चुका है समीकरण
लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से महीनों पहले से ही भाजपा पूर्वांचल की हारी हुई सीटों पर अपना सियासी समीकरण दुरुस्त बनाने की कोशिश में जुटी हुई थी। इन सीटों पर भाजपा इस बार पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरी है। भाजपा ने अंबेडकरनगर से बसपा के सांसद रितेश पांडेय और लालगंज की बसपा सांसद संगीता आजाद को पहले ही अपने पाले में कर लिया है।
अंबेडकरनगर सीट के सांसद रितेश पांडेय के भाजपा में शामिल होने के बाद बसपा ने इस बार इस सीट पर कमर हयात अंसारी को चुनाव मैदान में उतारा है। समाजवादी पार्टी की ओर से लालजी वर्मा चुनौती देने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
गाजीपुर में भी बदला हुआ है माहौल
इसी तरह गाजीपुर लोकसभा सीट पर पिछले चुनाव में बसपा के टिकट पर बाहुबली मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता मनोज सिन्हा को हराया था। अफजाल अंसारी भी पाल बदल चुके हैं। इस बार वे समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। भाजपा ने इस सीट पर उनके खिलाफ पारस राय को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि बसपा की ओर से डॉक्टर उमेश कुमार सिंह मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इन दोनों लोकसभा सीटों पर बसपा प्रत्याशियों को अपने ही सांसदों से मुकाबला करना पड़ रहा है।
बसपा सांसद कर रही हैं भाजपा का प्रचार
2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर लालगंज से संगीता आजाद ने जीत हासिल की थी मगर अब वे भी भाजपा का दामन थाम चुकी हैं। संगीता आजाद इन दिनों लालगंज लोकसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी नीलम सोनकर का चुनाव प्रचार करने में जुटी हुई है।
मजे की बात यह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में संगीता आजाद ने नीलम सोनकर को ही हराकर जीत हासिल की थी। समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर दरोगा सरोज को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि बसपा के टिकट पर डॉक्टर इंदु चौधरी चुनाव मैदान में उतरी हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में भी मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच ही माना जा रहा है।
घोसी में भी बढ़ीं बसपा की मुश्किलें
घोसी लोकसभा क्षेत्र में पिछले चुनाव में बसपा प्रत्याशी अतुल राय ने भाजपा प्रत्याशी हरि नारायण राजभर को हराकर जीत हासिल की थी। चुनाव जीतने के बाद अतुल राय रेप के एक ऐसे मामले में फंस गए कि उनका पूरा समय जेल में ही बीता। बसपा ने इस बार घोसी में अपना टिकट बदलते हुए बालकृष्ण चौहान को चुनाव मैदान में उतारा है।
एनडीए गठबंधन की ओर से इस लोकसभा सीट पर सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को चुनाव मैदान में उतारा गया है। समाजवादी पार्टी ने राजीव राय को टिकट देकर राजभर को चुनौती पेश करने की कोशिश की है। इस लोकसभा क्षेत्र में भी कड़ा मुकाबला माना जा रहा है।
जौनपुर में भी सियासी राह आसान नहीं
जौनपुर लोकसभा सीट अकेली ऐसी सीट है जहां बसपा ने अपने मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। बसपा ने पहले इस सीट पर बाहुबली नेता धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को टिकट दिया था मगर नामांकन के आखिरी दिन उनका टिकट कट गया था। टिकट कटने को लेकर धनंजय सिंह और बसपा की ओर से परस्पर विरोधी बयान दिए गए थे।
धनंजय सिंह का कहना था कि नामांकन के आखिरी दिन श्रीकला का टिकट काट दिया गया जबकि बसपा का कहना था कि श्रीकला के चुनाव लड़ने से इनकार करने पर श्याम सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतारा गया। इस लोकसभा सीट पर भाजपा ने कृपाशंकर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि सपा की ओर से कभी मायावती के नजदीकी रहे बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट दिया गया है। इस लोकसभा क्षेत्र में बसपा प्रत्याशी श्याम सिंह यादव के सामने भाजपा और सपा की कड़ी चुनौती है।