UP Lok Sabha Elections: मायावती बड़े उलटफेर की तैयारी में, ऐसे हो रही मॉनिटरिंग, आकाश कर रहे समीक्षा

UP Lok Sabha Elections 2024: बीएसपी यूपी में मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने के लिए और बूथ तक पहुंचाने के लिए एक बूथ पांच यूथ का महाअभियान चला रही है। जो दो साल से चल रहा है।

Update: 2024-04-12 04:22 GMT

Mayawati and Akash Anand (Photo: social media )

UP Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं। जहां भाजपा यूपी की 80 में से 80 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखने की बात कह रही है तो वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। बीएसपी उत्तर प्रदेश में मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने के लिए और बूथ तक पहुंचाने के लिए एक बूथ पांच यूथ का महाअभियान चला रही है। पार्टी ये अभियान पिछले दो साल से चला रही है। वहीं अब लोकसभा चुनाव के मौके पर इसकी लगातार समीक्षा की जा रही है और वहीं फीडबैक के आधार पर इसमें जरूरी सुधार किए जा रहे हैं। ये युवा बूथवार पार्टी की नीतियों और बीएसपी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के गर्वनेंस मॉडल को आम वोटरों तक पहुंचाने की दिशा में जुटे हुए हैं।

दो साल पहले ही चालू किया था अभियान

मायावती ने दो साल पहले ही गांव चलो अभियान चालू किया था। इस अभियान के तहत बूथ कार्यकर्ताओं को बड़े पैमाने पर गांव के वोटरों को जोड़ने और उन्हें बूथ तक लाने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें बीएसपी एक काडर बेस्ड पार्टी है। उसने इस बूथ अभियान को मुकम्मल करने के लिए अलग-अलग स्तर पर चुनावी रणनीति को पुख्ता करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस काम में बूथ लेवल कमेटी, सेक्टर कमेटी, जोन कमेटी, जिला कमेटी, मंडल कमेटी, स्टेट कमेटी से लेकर नेशनल कमेटी तक को लगाया गया है। वहीं इसकी लगातार टॉप लेवल से मॉनिटरिंग की जा रही है।

बूथ लेवल पर पार्टी की ओर से लगातार बैठकें आयोजित की जा रही हैं जिसमें बूथ कार्यकर्ताओं के कामकाज की समीक्षा की जा रही है और उन्हें जरूरी दिशा निर्देश भी दिए जा रहे हैं।

मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद बहनजी के मार्गदर्शन में लगातार इस अभियान की समीक्षा कर रहे हैं।


बूथ कार्यकर्ताओं का क्या है मिशन?

बीएसपी के बूथ कार्यकर्ताओं का मिशन है कि वे हर बूथ पर बोनस वोट सुनिश्चित करें। ये बोनस वोट बीएसपी के काडर वोटों से अलग वोट होंगे। इसके लिए उन वोटरों से लगातार संपर्क किया जा रहा है जो परंपरागत रूप से बीएसपी के खाते में नहीं रहे हैं। उन्हें भी बीएसपी की नीतियों और मायावती के गर्वनेंस मॉडल के बारे में बताया जा रहा है और पार्टी से जोड़ने का काम किया जा रहा है।


अल्पसंख्यक इलाकों में विशेष फोकस-

बसपा का अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में विशेष फोकस है। यहां पर विशेष तौर पर मायावती की नीतियों और पार्टी के अल्पसंख्यक हितैषी कार्यक्रमों का प्रचार किया जा रहा है। बीएसपी की योजना है कि दलित और अल्पसंख्यक वोट बड़ी तादाद में उसके पक्ष में आएं जिससे की वह 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बड़ा उलटफेर कर सके।

अब यह तो 4 जून को मतगणना होने के बाद ही पता चलेगा कि बीएसपी अपने इस अभियान में कितना कारगर हो पायी।

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